भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% के बजाय 35% आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला 3 अक्टूबर 2023 से लागू हो चुका था लेकिन इसे कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली थी। मंगलवार को इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी गई है। हालांकि यह आरक्षण वन विभाग को छोड़कर सभी सरकारी विभागों में लागू होगा। इस निर्णय के अनुसार अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), और सामान्य वर्ग सभी के लिए 35% आरक्षण की व्यवस्था होगी।
सरकार का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना और विभिन्न वर्गों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। प्रदेश में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से राज्य सरकार का यह कदम महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकारी विभागों में विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित पदों में से 35% पद उसी वर्ग की महिला उम्मीदवारों के लिए होंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी वर्गों की महिलाएं भी सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व पा सकें। उदाहरण के लिए, यदि किसी विभाग में एससी वर्ग के 100 पद आरक्षित हैं, तो उनमें से 35 पद एससी वर्ग की महिला उम्मीदवारों को ही मिलेंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को एक साल बाद मंजूरी दी गई। सरकार ने इस फैसले को लागू करने का निर्णय 3 अक्टूबर 2023 की सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की अधिसूचना के साथ लिया। इस अधिसूचना के बाद निकाली गई सभी सरकारी भर्तियों पर यह नियम लागू हुआ।
पिछले महीने राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि वह 31 दिसंबर तक 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। यह फैसला इन भर्तियों पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि अगले एक साल में भरे जाने वाले 1 लाख पदों में से महिला उम्मीदवारों को 35 हजार पद मिलेंगे, जो महिलाओं के लिए नौकरी के अवसरों में वृद्धि करेगा।
पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 सितंबर 2023 को महिलाओं के लिए 35% आरक्षण के आदेश जारी किए थे। उस समय भी सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन विधानसभा चुनावों के कारण इसे कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिल सकी थी। एक साल बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी देकर इसे लागू करने की हरी झंडी दे दी है।
महत्वपूर्ण रूप से, यह आरक्षण वन विभाग को छोड़कर अन्य सभी सरकारी विभागों पर लागू होगा। वन विभाग में इस आरक्षण को लागू नहीं करने के पीछे विभाग की अलग कार्यशैली और भर्ती प्रक्रिया हो सकती है, जिसे सरकार ने विशेष मामलों के आधार पर लागू नहीं किया है।
महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनके अनुसार, यह आरक्षण महिलाओं के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को मजबूत करेगा और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता के साथ समाज में समानता का अवसर देगा। विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं के लिए यह एक नया अवसर लेकर आएगा।
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