तमिलनाडु- सच है कि मां की ममता का कोई मोल नहीं। नौ माह तक अपनी कोख में रखने के बाद बच्चे को जन्म देने और उसका लालन-पालन करने के लिए एक मां जो कुछ कर जाती है, उसकी शब्दों में व्याख्या नहीं की जा सकती है। एक मां के ममत्व की ऐसी घटना सामने आई है, जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो रहीं हैं। मां-बेटे के प्यार की यह कहानी तमिलनाडु से सामने आई है। यहां एक महिला ने चलती बस के आगे कूद कर अपनी जान दे दी। लेकिन महिला के खुदकुशी के पीछे की जो वजह सामने आई, उसे सुनकर हर कोई हैरान है।
दरअसल ये महिला अपने बेटे की कॉलेज फीस भरने के लिए बस के आगे कूदी थी। महिला की पहचान सेलम निवासी पपाथी (45) के तौर पर हुई है। वह कलेक्टर कार्यालय में सफाई कर्मचारी थी। महिला अपने बेटे के अच्छे भविष्य के लिए तमिलनाडु सरकार से वित्तीय मदद पाने के लिए 28 जून को पपाथी चलती बस के सामने कूद गई। बताया जा रहा है कि किसी ने उसे गलत सलाह दी थी कि यदि वह सड़क दुर्घटना में मर जाती है तो सरकार उसके परिवार को मुआवजा देगी। 15 साल से पति से अलग रह रही महिला अपने बेटे की परवरिश कर रही थी। किसी के द्वारा दी गई गलत जानकारी के कारण उसने अपनी जान गंवा दी। महिला को किसी ने सरकारी मुआवजे पाने के लिए गुमराह करते हुए ये तरीका बताया था। ऐसे में महिला इस कदम को उठाने के लिए तैयार हो गई।
चलती बस के आगे कूद कर महिला के आत्महत्या करने का पूरा वीडियो भी सामने आया है, जिसमे एक महिला एक तेज रफ्तार बस के सामने आ जाती है। इस हादसे में महिला की मौत हो गई। महिला के सुसाइड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पपाथी ने बेटे को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाने का सपना देखा था। वह मुश्किल दौर से गुजर रही थी। उसने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किए लेकिन हार नहीं मानी। उसने अपने बेटे का दाखिला स्कूल में करा दिया था। वह उसी पढ़ाई का खर्चा उठा रही थी। कुछ दिनों से वह आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। उसने बेटे की फीस भरने के लिए बहुत कोशिश की मगर कामयाब नहीं हो सकी।
जानकारी के मुताबिक पपाथी कलेक्ट्रेट में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर अपना और अपने बेटे का भरण-पोषण कर रही थी। पपाथी अपने बेटे को अच्छी पढ़ाई देना चाहती थी। बेटे की पढ़ाई के लिए वह जी-तोड़ मेहनत कर रही थी। लेकिन फिर भी वह कॉलेज की फीस भरने में सफल नहीं हो पा रही थी।
जब बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाने में पपाथी फेल हो गई तब उसने आत्महत्या करने का मन बनाया। पुलिस ने बताया कि किसी ने महिला को बताया था कि हादसे में मौत के बाद सरकार मुआवजा देती है। महिला इस मुआवजे से बेटे की फीस भरना चाहती थी।
फिलहाल घटना की जांच की जा रही है। मां का दिल आखिर मां का ही होता है। मां की जगह दुनिया में कोई नहीं ले सकता। अब इस मां को ही देख लीजिए जो अपनी जान देकर भी अपने बेटे को खुशी देना चाहती थी। इस मजबूर मां के पास जब बेटे की फीस के लायक पैसे नहीं थे, तो पैसे जुटाने के लिए उसने अपनी जान देना भी मंजूर हो गया।
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