भोपाल। मध्यप्रदेश के विदिशा शहर के मध्यम वर्गीय परिवार की सना अली का सिलेक्शन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) में सतीश धवन स्पेस सेंटर में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर हुआ है। सना की इंजीनियरिंग की पढ़ाई विदिशा के एसएटीआई में हुई है। एमटेक भी उन्होंने एसएटीआई से ही किया।
सना ने बताया की उन्हें पढ़ाई के दौरान काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा। पिता साजिद अली एसएटीआई में ड्राइवर पद पर रहे और बाद में वह लैब असिस्टेंट की पोस्ट पर रहे। उन्होंने लोन लेकर बेटी की पढ़ाई पूरी कराई। कभी-कभी ऐसा भी वक्त आया कि मां को अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अपने गहने तक गिरवी रखने पड़े। सना ने अपना खर्च चलाने के लिए पढ़ाई के दौरान ही बच्चों को ट्यूशन भी दिया। सना का सारा ध्यान लगन और जुनून के साथ पढ़ाई में रहा। उनके इसी जुनून से आज उन्हें सफलता मिली है।
बेटियों को पढ़ने दे, लोगों को सोच बदलने की है जरूरत
द मूकनायक को सना ने बताया कि बेटियों की प्रति लोगों को सोच बदलना होगी। मेरी तरह अपनी बेटियों को खूब पढ़ने दें और उनके सपनों को उड़ान भरने दें। सना ने कहा कुछ लोग लड़कियों के विकास में बाधा बनते है। उन्हें सोच बदलनी होगी।
सना बताती हैं कि समाज के कई लोगों ने उनके माता-पिता से कहा कि इतना पढ़ा लिखा कर क्या करोगे। इसकी शादी कर दो। पिता ने किसी की भी बात पर ध्यान ना देकर कहा कि मेरी बेटी पढ़ लिख कर इस देश के काम आएगी। मेरी बेटी देश की सेवा करेगी, यही मेरी इच्छा है। सना की पिछले साल ग्वालियर के इंजीनियर अकरम से शादी हो गई। सना का कहना है कि उनके पति और ससुराल वालों का भी उनको भरपूर सहयोग मिला है।
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