बलिया। कोलकाता में करीब 1,280 किलोमीटर दूर एक लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी को मारने के लिए एक महिला पर काला जादू करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दो पक्षों के बीच झड़प में एक महिला की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि शनिवार रात हादिया कला गांव में हुई झड़प में उसके दो बेटों समेत चार लोग घायल हो गए।
पुलिस ने मृतक की पहचान राज मुनि देवी (45) के रूप में की है।
बैरिया क्षेत्र के पुलिस सर्किल ऑफिसर (सीओ) मोहम्मद उस्मान ने बताया कि एक परिवार को शक था कि 15 जून को कोलकाता में उनकी बेटी रूपा (15) को मारने के लिए देवी ने काला जादू और टोना-टोटका किया था।
इस आरोप के बाद दो समूहों के बीच झड़प हो गई और देवी समेत चार अन्य घायल हो गए। उस्मान ने बताया कि उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। देवी ने दम तोड़ दिया।
देवी के बेटे संतोष की शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उस्मान ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
यह कोई पहली और अकेली घटना नहीं है। भारत में जादू-टोना और काले जादू के आरोपों से जुड़ी हिंसा का इतिहास रहा है। जैसे:
झारखंड, 2019: खूंटी जिले में जादू-टोना करने के आरोप में ग्रामीणों ने पांच महिलाओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी। ग्रामीणों का मानना था कि ये महिलाएं इलाके में कई मौतों के लिए जिम्मेदार थीं।
ओडिशा, 2015: सुंदरगढ़ जिले में एक जोड़े को काला जादू करने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया। हमलावरों का मानना था कि इस जोड़े ने गांव में कई बच्चों की जान ली है।
असम, 2014: कोकराझार जिले में जादू-टोना करने के संदेह में एक महिला का सिर कलम कर दिया गया। उसके हमलावरों का मानना था कि वह गांव में कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार थी।
महाराष्ट्र, 2013: अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दाभोलकर राज्य में काले जादू और अन्य अंधविश्वासों के खिलाफ अभियान चला रहे थे।
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