लखनऊ। यूपी डायल 100 (अब डायल 112) में संविदा पर काम कर रही टेलीकॉलर नौकरी और सैलरी की मांग को लेकर मंगलवार सड़कों पर उतर आईं। यह धरना रात भर चलता रहा। आरोप है कि अधिकारियों ने मामले को निपटाने के लिए बातचीत भी की, लेकिन बात नहीं बनी। रात में बत्ती कटवाई गई। मामला तूल पकड़ा तो एडीजी नाप दिए गए। अब मामले में सरकार ने प्रदर्शन कर रही पांच नमाजद महिला कर्मचारियों सहित 200 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के किनारे और इकाना स्टेडियम के सामने डायल 112 मुख्यालय बना हुआ है। डायल 112 सेवा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल थी। पहले यह यूपी 100 के नाम से चर्चित हुआ करता था। सरकार बदलने पर इसे डायल 112 कर एक यूनिवर्सल हेल्पलाइन नम्बर के रूप में जारी किया गया। डायल 112 के जरिये यूपी में होने वाली घटनाओं में तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाने के लिए शुरू की गई थी। डायल 112 मुख्यालय में काम करने वाली टेली कॉलर संविदा पर तैनात हैं। इसका टेंडर 4 साल से टेक महिंद्रा के पास था। अब इसे वी विन संस्था को दिया गया है।
डायल 112 के जरिये प्रदेश के किसी भी जिले में आपदा के समय कोई भी व्यक्ति फोन पर 112 पर कॉल कर सुविधा प्राप्त कर सकता है। यह सेवा आग लगने पर फायर स्टेशन से गाड़ियां भिजवा देती है। दुर्घटना होने पर एम्बुलेंस और पुलिस की सेवा भी इसी हेल्पलाइन के जरिये मिल सकती है।
डायल 112 की महिलाकर्मी (संवाद अधिकारी) वेतन बढ़ाने, सेंटर संचालन का टेंडर पाने वाली नई सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर दो बजे से धरना दे रही हैं। प्रदर्शनकारी महिला कर्मियों ने बताया कि शशि सिंह, पूजा सिंह, हर्षिता, प्रतिभा मिश्रा, अंकिता मिश्रा, दीप शिखा वर्मा आदि ने बताया कि डायल-112 में करीब 300 महिला कर्मचारी तैनात हैं। इनको अभी 11800 रुपए वेतन मिल रहा है।
मंगलवार को मुख्यालय पर धरना दे रहीं संवाद अधिकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने जबरदस्त घेरेबंदी की। आरोप है कि रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया गया, बल्कि उनके वॉशरूम पर ताला भी लगा दिया गया। इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इसी दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्का-मुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया। पुलिस के बल प्रयोग करने से एक महिलाकर्मी बेहोश हो गई। वहीं, एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई, जबकि कई महिलाओं के चोटिल होने का भी आरोप लगा।
डायल 112 की संविदा पर तैनात और आंदोलन कर रही महिला कर्मचारियों के मामले को लेकर योगी सरकार सख्त हो गई है। पहले डायल 112 के एडीजी को हटाया गया और अब महिला कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। लखनऊ पुलिस की तरफ से पांच नामजद समेत 200 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वेतन बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर महिला कर्मचारी तीन दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। इन्हें सपा और कांग्रेस का भी समर्थन मिल गया है। अखिलेश यादव इन्हें लेकर एक के बाद एक कई पोस्ट एक्स पर कर चुके हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष इन महिला कर्मचारियों से मिलने खुद पहुंचे थे। प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद और 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा- 147, 149, 188, 283, 341 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इन पर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, इमरर्जेंसी सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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