यूपी: शायर मुनव्वर राणा की बेटियों को घर पर नजरबंद करने की क्या है पूरी कहानी?

रमजान में पहली जुमे की नमाज में इकट्ठा होने वाली भीड़ और CAA कानून के लागू होने के बीच मरहूम विश्विख्यात शायर मुनव्वर की दोनों बेटियां नजरबंद की गई. NRC और CAA लागू होने के पूर्व लखनऊ के घंटाघर पर इन बेटियों ने शुरू किया था पहला विरोध. जबकि पुलिस ने नजरबंद की कार्यवाही से इनकार किया है.
यूपी: शायर मुनव्वर राणा की बेटियों को घर पर नजरबंद करने की क्या है पूरी कहानी?
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उत्तर प्रदेश। "मेरे पिता का हाल में ही इंतकाल हुआ, हम दुःख से गुजर रहे हैं और पुलिस हमें नजरबंद कर रही है", यह शब्द मरहूम शायर मुनव्वर राना की बेटी ने पुलिस द्वारा नजरबंद किये जाने के बात कहे हैं। दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ के पुराने और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में रमजान में होने वाली पहली जुमे की नमाज पर मरहूम विश्वविख्यात शायर मुनव्वर राना की दोनों बेटियों को पुलिस ने उनके घर पर नजरबंद कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, हाल ही में लागू हुए CAA (सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट) के कारण कई जगह लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये थे। ऐसे में रमजान में पहले जुमे की नमाज के दौरान इकट्ठा होने वाली भीड़ द्वारा प्रशासन को कहीं न कहीं CAA कानून का विरोध किये जाने का अंदेशा था। पूर्व में भी मुनव्वर राना की दोनों बेटियों ने इस कानून के विरोध में लखनऊ के घंटा घर पर विरोध दर्ज कराते हुए कई महीनों तक प्रदर्शन किया था। इसे देखते हुए मुनव्वर राना की दोनों बेटियों को नजर बंद कर दिया गया है।

मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया शिवम टाकीज के पास सिल्वर लाइन अपार्टमेंट में रहती हैं। बृहस्पतिवार रात कैसरबाग थाने की पुलिस उनके घर पहुंची और घर से बाहर जा रहीं सुमैया को रोक दिया गया। कहा गया कि उन्हें कम से कम शुक्रवार की रात तक तो बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इसे लेकर सुमैया की पुलिसकर्मियों से तीखी बहस भी हुई। सुमैया ने कहा कि यह व्यवहार गलत है। उनके पिता मुनव्वर राना का हाल ही में इंतकाल हुआ है और मां इद्दत में हैं। उनसे मिलने के लिए वह दिन में एक बार उनके पास जरूर जाती हैं, लेकिन पुलिस उन्हें घर से निकलने ही नहीं दे रही।

वहीं पुलिस शुक्रवार सुमैया की छोटी बहन उरूसा को भी उनके घर पर नजरबंद कर दिया था. लोगों का कहना है कि सीएए लागू होने के विरोध में धरना-प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया गया। हालांकि, पुलिस का कहना था कि यह सिर्फ निगरानी है।

सुमैया ने द मूकनायक को बताया कि, "मुझे असंवैधानिक तरीके से कैद में रखा गया था। यह बिलकुल भी उचित नहीं है। मैं इस देश की ही बेटी हूँ। हाल ही में मेरे पिता का इंतकाल हुआ है। हम काफी दुःख से गुजरे हैं। मेरी मां की तबीयत भी ठीक नहीं रहती है। उन्हें भी देखना पड़ता है। इसके अतिरिक्त अपने वालिद की कब्र पर जाकर दुआएं भी करती हूँ। पुलिस द्वारा मुझे इस आपराधिक तरीके से नजरबंद किये जाने के कारण मैं घर में कैद होकर रह गई। मैं नियमित रूप से अपने सभी काम नहीं कर पा रही थी। पुलिस मुझे कहीं भी आने जाने नहीं दे रही थी। यह अभिव्यक्ति की आजादी में खलल है।"

पुलिस को आशंका है कि शुक्रवार को सीएए के विरोध में शहर में धरना-प्रदर्शन किया जा सकता है। इसे रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई है। एडीसीपी सेंट्रल मनीषा सिंह का कहना है कि जुमे के मद्देनजर निगरानी के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है। नजरबंद जैसी कोई बात नहीं है।

सीएए विरोधी प्रदर्शन का चेहरी रही हैं सुमैया

लखनऊ के घंटाघर पर सीएए विरोधी प्रदर्शन में मुख्य भूमिका में रहीं सुमैया राना लगातार राज्य की योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं। दिसंबर 2019 में जब नागरिकता से जुड़ा नया कानून लाया गया तब से ही वो केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली सुमैया राणा मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं। साल 2020 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत की। सपा कार्यालय में अखिलेश यादव की मौजूदगी में वो पार्टी में शामिल हुई थीं।

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