प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज जिले के जार्ज टाउन इलाके में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना के दस दिन बाद एफआईआर दर्ज हो सकी। नियमानुसार एफआईआर के बाद पुलिस 161 का बयान और मेडिकल कराती है। इस दौरान एक महिला आरक्षी भी पीड़िता के साथ मौजूद रहती है। इसके बावजूद पीड़िता मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर है।
गौरतलब है कि प्रयागराज के फाफामऊ इलाके में रहने वाली एक युवती के साथ बीते 10 फरवरी को गैंगरेप की घटना सोहबतबगिया क्षेत्र में हुई थी। घटना के बाद वह लगातार चौकी और थाने के चक्कर काट रही थी। लगभग दस दिन बाद इस मामले में जार्ज टाउन पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। पीड़िता ने द मूकनायक को बताया, 'पुलिस ने मेरा ब्यान दर्ज किया है। जिसके बाद मुझे मेडिकल के लिए डफरिन अस्पताल ले जाया गया था। 21 फरवरी को एक महिला पुलिसकर्मी के साथ मुझे मेडिकल कराने के लिए भेजा गया था। डाक्टरों ने एफआईआर और मेरे आधार में जन्मतिथि असमान होने की बात कहकर लौटा दिया। उनका कहना था इसमें मैं सुधार करवाकर लाऊँ।'
पीड़िता आगे बताती है, '22 फरवरी को मैं दोबारा अस्पताल गई तो सीएमओ से अनुमति लाने की बात कही गई। जिसके बाद मैं डफरिन अस्पताल से सीएमओ के कार्यालय चली गई। इन सब के बीच बहुत समय हो चुका था। अतः मैं 23 फरवरी को एक बार फिर सभी कागजों को लेकर अस्पताल पहुंची थी। परन्तु अस्पताल में मौजूद महिला चिकित्सक ने तीन एमरजेंसी प्रसव होने की बात कहकर मेडिकल करने से इंकार कर दिया।' पीड़िता ने बताया है कि वह आज पुनः मेडिकल कराने के लिए अस्पताल पहुंची है।
द मूकनायक ने इस मामले में सीएमओ से सम्पर्क किया। लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। इस मामले में उप चिकित्सा निदेशक से बातचीत हो सकी। उप चिकित्सा निदेशक ने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है। मामले में तत्काल चिकित्सीय परिक्षण कराने के आदेश संबंधित अधिकारी को दिए गए हैं।
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