मध्य प्रदेश: बालिका गृह में नहीं रही बच्ची महफूज़, बाल आयोग ने ये लिया निर्णय...

बालिका गृह के कर्मचारी ने किया बच्ची का यौन शोषण, बाल आयोग ने की सख्त कार्रवाई.
मध्य प्रदेश: बालिका गृह में नहीं रही बच्ची महफूज़, बाल आयोग ने ये लिया निर्णय...
Published on

भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक बाल भवन में नाबालिग से यौन शोषण का मामला सामने आया है। इस मामले में बाल आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए छापामार कार्रवाई की है। आयोग की टीम के निरीक्षण के दौरान संस्थान ही अवैध रूप से संचालित मिला। गोद ली गई बच्ची और उसके माता-पिता ने संस्थान से जुड़े एक टीचर की यौन शोषण करने और अश्लील चैट करने की शिकायत की है।

क्या है पूरा मामला?

दमोह में संचालित मिशनरी कैंपस में एक नाबालिक बच्ची के यौन शोषण का मामला सामने आया है। जिसमें डी डेनियल नाम के कर्मचारी पर नाबालिग बच्ची के साथ शोषण करने की बात सामने आई है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक नाबालिग बच्ची को दत्तक के रूप में दक्षिण भारत के एक राज्य में गोद दे दिया गया था। बच्ची जब अपने माता-पिता के पास रह रही थी। तब टीचर ने उससे व्हाट्सएप पर अश्लील चैट की थी। डेनियल नाम के व्यक्ति के द्वारा उसे अश्लील मैसेज और व्हाट्सएप पर चैट की गई, जिसमें डेनियल द्वारा उसे वापस कैंपस में बुलाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। जब बच्ची के माता-पिता को इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने बच्ची से मामले के सम्बंध में पूछताछ की। इसमें प्रारंभिक तौर पर डेनियल के द्वारा बालिका गृह में रहते समय शोषण किए जाने की बात सामने आई। अभिभावक की शिकायत के बाद बाल आयोग के द्वारा महिला बाल विकास को पूरे मामले की जांच करने के लिए पत्र जारी किया गया, लेकिन महिला बाल विकास के द्वारा भी लगातार 20 दिनों तक उस पत्र को दबाकर रखा गया।

बाल आयोग टीम पहुचीं दमोह के बालिका गृह

मध्य प्रदेश बाल आयोग के दो सदस्यीय दल ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के साथ पहुंच बालिका गृह पर अचानक छापा मार दिया। जहां सभी बच्चों के अलग-अलग कथन लिए गए। बालिकाओं के पास से सबकी अलग-अलग बाइबल पाई गई। जिसे आयोग की टीम अपने साथ सबूत के तौर पर जब्त कर लिया है। राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने जब प्रथक-प्रथक रूप से बालिकाओं से पूछताछ की तो पता चला कि प्रत्येक आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग प्रकार की बाइबिल सभी को दी गई थी। अध्ययन अनिवार्य था, इसी प्रकार ईसाई धर्म से संबंधित साहित्य आयोग के द्वारा बच्चों के पास से बरामद किया गया। इधर बा​लगृह और बालिका गृह के पास संचालन की सक्षम मान्यता ही नहीं पाई गई है। जिस पर आयोग ने बाल कल्याण समिति को निर्देशित कर बच्चों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए है।

मध्य प्रदेश: बालिका गृह में नहीं रही बच्ची महफूज़, बाल आयोग ने ये लिया निर्णय...
उत्तर प्रदेश: एससी/एसटी मुकदमे में समझौता कराने के लिए पुलिस बना रही थी दबाव, दलित छात्र को देनी पड़ी जान! ग्राउंड रिपोर्ट...

द मूकनायक से बातचीत करते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि एक बच्ची से यौन शोषण करने की शिकायत मिली थी। जिसमें संस्थान से जुड़े एक व्यक्ति पर बच्ची से अश्लील हरकत और चैट की गई थी। जांच में यह भी सामने आ रहा है कि संस्थान के पास मान्यता के सक्षम कागजात नहीं है। इसके साथ आरोपी को बचाने के लिए संस्थान ने खुद ही एफआईआर कराई थी। जबकि संस्थान से जुड़ा व्यक्ति इसमें शामिल था। मामले में साक्ष्यों मिटाने का प्रयास किया जा रहा था। आयोग ने अपनी अनुशंसा में संस्थान को भी आरोपी बनाए जाने के निर्देश दिए है।

आयोग ने सभी बच्चियों से पूछताछ कर रिपोर्ट बनाने के दिए निर्देश

दमोह के बालिका गृह में पहुचीं आयोग की दो सदस्यीय जांच दल ने मामले को गंभीर मानकर। बाल कल्याण समिति को सभी बच्चियों से अलग-अलग पूछताछ किए जाने के निर्देश दिए है। आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने द मूकनायक को बताया कि एक बच्ची के साथ यौन शोषण की जानकारी सामने आई है। आरोपी संस्थान से जुड़ा है। आयोग द्वारा प्रारम्भिक जांच और बच्चियों से पूछताछ में कई बातें सामने आईं है। उन्होंने कहा कि आशंका है कि अन्य बच्चियों के साथ भी छेड़छाड़ की गई होगी! आयोग ने सभी बच्चियों को अन्य सुरक्षित शिफ्ट करने और सभी से पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश बाल कल्याण समिति को दिए है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com