कच्चे घर में लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लेने गई थी महिलाएं और बच्चियां, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
रिपोर्ट- अब्दुल माहिर, अविनाश बराला
जयपुर। राजस्थान के करौली जिले के सिमरखोह गांव में कच्चे घर की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लेने गई महिला और उसकी 3 मासूम बेटियों के अलावा दो अन्य महिलाओं की मिट्टी की ढांग (मिट्टी का टीला) गिरने से उसमें दबकर मौत हो गई। मृतकों में एक महिला आठ माह की गर्भवती थी। घटना के बाद से मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना सोमवार अपराह्न 4 बजे की है, देर शाम मृतकों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ढाणी की महिलाएं व छोटी बच्चियां ढाणी से आधा किलोमीटर दूर एक टीले से मिट्टी की खुदाई कर रही थीं। अचानक टीला भरभरा कर ढह गया। इससे आधा दर्जन से अधिक महिला व बच्चियां 5 से 6 फीट तक मिट्टी के नीचे दब गईं, मिट्टी खुदाई के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही अन्य महिलाओं के शोर मचाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने कुदाल व फावड़ों से मिट्टी को हटाकर नीचे दबी महिला व बच्चियों को बाहर निकाला। इस दौरान एक महिला व उसकी दो बेटियों को तो जैसे-तैसे बचा लिया गया, लेकिन 6 जिंदगियां नहीं बच पाईं।
द मूकनायक को सपोटरा थाना इलाके की हाड़ौती पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल भारत सिंह ने बताया कि, मिट्टी की नीचे दबी महिलाओं व बच्चियों को बाहर निकाला गया तब तक रामनरी (48) पत्नी गोपाल माली व उसकी मासूम बेटी खुशबू (8), अंजू (6) व कोमल (4) की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गई थी। 8 माह की गर्भवती अनीता (30) पत्नी राजेश भी दम घुटने से काल का ग्रास बन गई। पुलिस के अनुसार केशन्ती (45) पत्नी चिरन्जी को अर्धचेतन अवस्था में बाहर निकाला कर पहले सपोटरा फिर करौली जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी रास्ते में कुड़गांव के पास ही मौत हो गई।
मौत को हराया
रामनरी, अनीता व केशन्ती के साथ रामगल्ला (26) पत्नी परसराम माली भी अपनी दो बेटियों के साथ घरों की लिपाई- पुताई के लिए मिट्टी लेने गई थीं। रामगल्ला भी अपनी बेटी सपना (10) व मोनिका (4) के साथ मिट्टी में दबी थीं, लेकिन तीनों ने मौत को हराकर जिंदगी की जंग जीत ली। ग्रामीणों ने तीनों को जीवित बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को छुट्टी दे दी गई।
मां-बेटी सहित पांच शवों की एक साथ जली चिता
द मूकनायक को सपोटरा थानाधिकारी रामखिलाड़ी मीना ने बताया कि, हादसे में तीन छोटी बच्चियों सहित तीन महिलाओं की मौत हुई है। मृतकों में एक मां व उसकी तीन बेटियां शामिल हैं। एक गर्भवती महिला की भी मौत हो गई है। मां-बेटी सहित पांच शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने सोमवार को ही इनका अंतिम संस्कार भी कर दिया।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, केशन्ती नाम की महिला की मौत करौली जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई थी। देरी होने के कारण केशन्ती का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह किया गया। गोपाल माली की रिपोर्ट पर सपोटरा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
गुमान न था यूं उजड़ जाएगी दुनिया
गोपाल माली को क्या पता था कि उसका हंसता खेलता परिवार उजड़ जाएगा। पत्नी रामनरी व बेटी खुशबू, अंजू व कोमल भी अचानक दुनिया छोड़ देंगी। इसी तरह राजेश भी पत्नी अनीता के गर्भ में पल रहे 8 माह के बच्चे के दुनिया में आने के इंतजार में था, लेकिन राजेश के सपने यूं मिट्टी में दबकर चकना चूर हो जाएंगे, पता नहीं था। राजेश व गोपाल सदमे में है। गांव में भी गमगीन माहौल है। नाते रिश्तेदार घर आकर बस यही बोल रहे कि होनी को कौन टाल सकता है। अब सब्र करना होगा। केशन्ती के लिए भी मिट्टी काल बन कर गिरी। एक साथ 6 मौतों से हर कोई स्तब्ध है। मेदपुरा ढाणी में सन्नाटा है। सन्नाटे के बीच रह रहकर रोने की आवाज सुनाई दे रही है। पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले।
हादसे की सूचना पर सपोटरा विधायक एवं राजस्थान सरकार में पंचायत राज्यमंत्री रमेश मीना ने दुःख प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों की हर सम्भव मदद का भरोसा दिया। वे मंगलवार को सांत्वना देने पहुंचे। मृतक आश्रितों से मिलकर उनका दुख साझा किया। मंत्री ने कहा कि दुख की घड़ी में परिजनों के साथ हूं। मुख्यमंत्री सहायता कोष से परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिलाया। विधायक के आह्वान पर सपोटरा पंचायत समिति क्षेत्र के सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवारों को 8 लाख का आर्थिक सहयोग प्रदान किया। मेदपुरा गांव के रास्ते के लिए भी विधायक कोष से 10 लाख रुपए की घोषणा की गई।
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