हिमाचल प्रदेश: 10 साल के उम्र में देखा था सपना, 18 साल की उम्र में बनी कमर्शियल पायलट

साक्षी सबसे कम उम्र की कमर्शियल लाइसेंस पाने वाली पहली भारतीय हैं।
हिमाचल प्रदेश: 10 साल के उम्र में देखा था सपना, 18 साल की उम्र में बनी कमर्शियल पायलट
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शिमला। सफलता की कोई उम्र नहीं होती है। इसी वाक्य को हिमाचल की साक्षी कोचर ने सच कर दिखाया है। साक्षी सबसे कम उम्र की कमर्शियल लाइसेंस पाने वाली पहली भारतीय हैं। उन्होंने 18 साल की उम्र में कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया है।

साक्षी को 10 साल की छोटी सी उम्र से ही एविएशन इंडस्ट्री काफी पसंद थी। इसकी वजह से उनमें पायलट बनने का जुनून था और जीवन में कुछ बड़ा करने की ख्वाहिश थी। उन्होंने इसके लिए डांस सीखने भी छोड़ दिया। वह राज्य स्तर पर हुई डांस प्रतियोगिता में उपविजेता रह चुकी हैं।

हिमाचल प्रदेश के परवाणू सेक्टर-4 की 18 साल की युवा साक्षी कोचर ने देश की सबसे युवा कमर्शियल पायलट बनकर रिकॉर्ड कायम किया है। स्थानीय मीडिया ‘दिव्य हिल’ से बातचीत में साक्षी ने बताया कि वह डांस की शौकीन है, परंतु वह जीवन में कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जिससे उनके माता-पिता व उनके परवाणू का नाम रोशन हो। साक्षी ने 10वीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल परवाणू से की है। उसके बाद 11वीं व 12वीं की शिक्षा चंडीगढ़ से ली। साक्षी ने बताया कि उन्होंने 12वीं करने के बाद स्काई लाइन एविएशन क्लब मुंबई ज्वाइन की। जहां उन्होंने चार महीने तक पायलट बनने की पढ़ाई की। उसके बाद साक्षी को यूएस के फ्लाई डाइव क्लब में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, जहां केवल सात महीने में पायलट बनने की ट्रेनिंग पूरी की।

साक्षी ने बताया कि जिस दिन उन्हें यूएस स्थित फ्लाइंग क्लब से पायलट बनने का लाइसेंस मिला, उस दिन उनका 18वां जन्मदिन था। अब वह अपना पायलट का लाइसेंस यूएस से तबदील करवाकर भारत में रजिस्टर लाइसेंस के लिए अप्लाई करेंगी। साक्षी को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने भी फोन कर बधाई दी है।

कौन हैं भारत की सबसे युवा कमर्शियल पायलट साक्षी कोचर?

30 मई 2005 को जन्मे कोचर को बहुत कम उम्र में ही हवाई जहाज और विमानन व्यवसाय से आकर्षण हो गया था। उन्होंने पायलट बनने के लिए प्रशिक्षण के लिए चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं कक्षा के लिए गणित और भौतिकी को चुना। वह कभी अकेली नहीं रही, वह दृढ़ संकल्प से भरी थी और पायलट बनने के प्रशिक्षण के लिए 8,500 मील दूर संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने के लिए आगे बढ़ी।

साक्षी को मिला परिवार का सहयोग

साक्षी कोचर, जो अपने माता-पिता को सबसे ज्यादा खुश करना चाहती हैं। उन्होंने सीपीएल प्राप्त करने के लिए लगभग 70 लाख रुपये खर्च किए। नौकरी मिलने पर दृढ़ निश्चयी बच्ची माता-पिता को पैसे लौटा देगी।

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