राजस्थान: क्या दलित महिला शिक्षक हेमलता प्रकरण बन पाएगा राजनीतिक मुद्दा ?

बसपा ने कहा- " लोकसभा चुनावों में जनता के बीच मुद्दा लेकर जाएंगे। भाजपा की दलित विरोधी कार्यशैली को करेंगे प्रचारित."
राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।The Mooknayak
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जयपुर। राजस्थान के बारां जिले के लकड़ाई गांव के सरकारी विद्यालय में कार्यरत दलित महिला शिक्षक हेमलता बैरवा के निलंबन का मामला राजस्थान में राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। विभिन्न शिक्षक व सामाजिक संगठनों के साथ ही अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी हेमलता के समर्थन में उतर आई है। इससे पूर्व कांग्रेस पार्टी भी राज्य में दलित, आदिवासी व मुस्लिम शिक्षकों पर एक तरफा कार्रवाई का विरोध कर चुकी है। बसपा इसे लोकसभा चुनावों में राजनीतिक मुद्दा बनाने की बात कर रही है। वहीं कांग्रेस भी इस प्रकरण को भुनाने से नहीं चूकेगी।

बहुजन समाज पार्टी ने राज्यभर में जिला व उपखण्ड स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर हेमलता को निलंबित कर नियम विरुद्ध गृह जिले से 600 किलोमीटर दूर निदेशालय बीकानेर लगाए जाने का विरोध किया है। राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर उनकी बहाली की मांग की है। बहाली नहीं होने पर प्रदेशभर में आंदोलन तेज करने की बात कही है।

बहुजन समाज पार्टी के बारां जिलाध्यक्ष रईस अहमद प्रगति ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार दलित, आदिवासी व मुस्लिम कर्मचारियों को प्रताड़ित कर संविधान विरोधी काम कर रही है।  यह लोग संविधान को खत्म करना चाहते हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अनुसूचित जाति से है। इसके बावजूद इसी वर्ग के शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। अहमद ने द मूकनायक से कहा कि वह लोकसभा चुनावों में इसे आमजन के बीच लेकर जाएंगे और भाजपा की दलित विरोधी कार्यशैली को प्रचारित करेंगे।

राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।The Mooknayak

बसपा नेता बाल मुकंद बैरवा ने कहा कि शिक्षा मंत्री सरकारी शिक्षण संस्थानों में एक विचारधारा को थोपने के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें संविधान की पालना करते हुए एससी, एसटी व मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विद्यालयों की स्थिति सुधारने व उनमें अतिरिक्त शिक्षक लगाने पर काम करना चाहिए। दलित महिला शिक्षक ने संविधान के तहत सरकारी विद्यालय में  एक धर्म की देवी की पूजा से इनकार कर महापुरुषों की तस्वीर लगाई थी। इसे लेकर उन्हें निलंबित किया गया जो संविधान के विपरीत है।

बसपा ने बताया कि अध्यापिका अपने लोकाधिकार का निर्वाह करते हुए भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के आयोजन  का कार्य संपादित कर रही थी। इसी बीच स्कूल के सह कर्मियों ने स्थानीय गांव वालों को साथ लेकर आयोजन में जबरदस्ती व्यवधान डालकर सरस्वती माता की पूजा का अनावश्यक दबाव डाल कर अपमानित किया। अभद्रता कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। किसी भी सरकारी शिक्षण संस्था व कार्यालय में धार्मिक कार्य करवाना  असंवैधानिक है। ऐसे में अध्यापिका को बहाल कर राज्य सेवा में लगाया जाए।

राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
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राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
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राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
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राजस्थान। बारां जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते बसपा के पदाधिकारी।
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