राजस्थान: प्रशिक्षण में बताया जा रहा था गुड टच और बैड टच, छात्राओं ने कहा सर करते हैं...

छात्राओं की शिकायत पर स्कूल के प्रधानाचार्य ने आरोपी शिक्षक रामकरण शर्मा के खिलाफ महिला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। शिक्षा विभाग की ओर से गठित जांच दल की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। छात्राओं से बैड टच का मामला सामने आने के बाद से ही अभिभावकों में रोष है।
राजस्थान के दौसा में सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा बैड टच की शिकायत के बाद शिक्षक पर कार्रवाई की मांग करते अभिभावक व विद्यालय स्टाफ
राजस्थान के दौसा में सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा बैड टच की शिकायत के बाद शिक्षक पर कार्रवाई की मांग करते अभिभावक व विद्यालय स्टाफ
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जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले के सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा छात्राओं से बैड टच करने का मामला सामने आया है। आरोपी शिक्षक रामकरण शर्मा लंबे समय से छात्राओं को गलत तरीके से स्पर्श कर रहा था। गुड टच और बैड टच के प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को शिक्षक के स्पर्श के पीछे की मंशा समझ आई, तो एक छात्रा ने शिक्षक द्वारा उन्हें बैड टच करने की शिकायत की। शिकायत के बाद विभाग ने प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया।

वहीं, प्रधानाचार्य ने छात्राओं की शिकायत के आधार पर शिक्षक रामकरण शर्मा के खिलाफ महिला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया। मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक कालूराम मीणा को सौंपी गई है।

पुलिस के अनुसार, दौसा जिले की ग्राम पंचायत भंडाना के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को  गुड टच-बैड टच का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बैड टच के बारे में सुनकर एक छात्रा को आरोपी शिक्षक के स्पर्श के पीछे की मंशा समझ आ गई। प्रशिक्षण के बीच में ही छात्रा बोल पड़ी कि एक शिक्षक ऐसा करता है। यह सुनकर शारीरिक शिक्षिका ललिता रानी ने छात्रा से मौके पर ही एक प्रार्थना पत्र लिखवा कर प्रधानाचार्य तक पहुंचाया।

इसके बाद प्रधानाचार्य ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए अन्य छात्राओं से भी पूछताछ की। इसके बाद अन्य छात्राएं भी सामने आई और शिक्षक द्वारा उन्हें बैड टच करने की बात कही। छात्राओं द्वारा शिक्षक पर बैड टच के आरोप लगाए गए। इस दौरान छात्राओं के बयानों का वीडियो भी बनाया गया। यह वीडियो जिला कलक्टर तक भी पहुंचा। इसके बाद शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया।

शिक्षक द्वारा छात्राओं के गलत तरीके से स्पर्श करने की जानकारी अभिभावकों को मिली तो रोष फेल गया। अगले दिन मंगलवार को अभिभावक स्कूल पहुंचे। जहां रोष प्रकट करते हुए आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की गई। अभिभावकों के स्कूल में जमा होने की सूचना पर पुलिस के साथ शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जहां अभिभावकों को आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इसके बाद प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा ने छात्राओं की शिकायत के आधार पर शिक्षक रामकरण शर्मा के खिलाफ दौसा के महिला पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देश मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविंद नारायण माली की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर आरोपों की जांच भी करवाई गई। जांच के दौरान छात्राओं ने आरोप लगाया कि शिक्षक बुरी नियत से निजी अंगों को छूता था, लेकिन वे समझती नहीं थी। प्रशिक्षण में जब बैड टच के बारे में बताया गया तो, उन्हें पता चला। इसके बाद शिकायत की है। विभाग की प्रारंभिक जांच में शिक्षक को दोषी पाए जाने पर तत्काल निलंबित कर दिया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीना ने द मूकनायक से बताया कि, "छात्राओं से बैड टच की शिकायत पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविंद नारायण माली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था। दल ने स्कूल में जाकर पीड़ित छात्राओं और उनके अभिभावकों के बयान दर्ज किए थे। प्रारंभिक जांच में अध्यापक लेवल-1 रामकरण शर्मा के दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया था। फिलहाल आरोपी शिक्षक पुलिस कस्टडी में है। निलंबित शिक्षक का मुख्यालय सीबीईओ कार्यालय लवाण किया गया है।"

किस बोले पुलिस अधिकारी?

इस संन्ध में शिक्षक की गिरफ्तारी व अन्य कानूनी कार्रवाई के बारे में पूछने पर जांच अधिकारी एवं पुलिस उपधीक्षक कलूरम मीणा ने कहा कि, अभी वह न्यायालय में हैं। बात नहीं कर सकते। थाना अधिकारी महिला पुलिस थाना दौसा सुणीराम ने कहा कि, भंडाना राजकीय स्कूल के प्रधानाचार्य ने एक शिक्षक के खिलाफ छात्राओं से बैड टच की रिपोर्ट दी है। पोक्सो सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी शिक्षक को पूछताछ के लिए डिटेन किया था। मामले की जांच पुलिस वृत्ताधिकारी कर रहे हैं। गिरफ्तारी या अन्य कार्रवाई के बारे में वो ही बता सकते हैं।

बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सीखना क्यों जरूरी है?

अनुचित संपर्क से बच्चे का भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। इस वजह से, बच्चों को अच्छे स्पर्श व बुरे स्पर्श के बारे में सीखना महत्वपूर्ण है। बच्चों को यह जानने की ज़रूरत है कि अगर कोई उन्हें इस तरह से छूता है जिससे उन्हें असहजता महसूस होती है तो वे अभिभावकों या अपने शिक्षकों को बता सकते हैं। स्कूलों में बैड टच की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव के पद पर रहते हुए आईएएस नवीन जैन ने राजस्थान के 66 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में ‘सुरक्षित स्कूल-सुरक्षित राजस्थान’ अभियान शुरू किया था। ताकि गांवों में बच्चों पर होने वाले यौन अपराधों को कम किया जा सके। 

अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकारी स्कूलों में विद्यालय में पूर्व प्राथमिक से लेकर 8वीं कक्षा तक के बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया। यह क्रम अभी भी जारी है। जिला स्तरीय अधिकारी भी समय-समय पर सहायक सामग्री जैसे फ्लेक्सी शीट, चार्ट, हैंडआउट के साथ पूरी गंभीरता से ट्रेनिंग सेशन चला रहे हैं। गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का ही परिणाम है कि दौसा के सरकारी स्कूल में शिक्षक की करतूत उजागर हुई है। 

बच्चों में गुड टच - बैड टच के लिए जागरुकता अभियान के पहले चरण की शुरुआत 26 अगस्त 2023 से की थी। इस अभियान के तहत राजस्थान में अब गांव के सरकारी स्कूलों में भी बच्चों के गुड टच एंड बैड टच की ट्रेनिंग दी जा रही है।

गुड टच बैड टच किस उम्र में सिखाना चाहिए?

विशेषज्ञों की मानें तो कम से कम 3 से 5 वर्ष की उम्र के बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताना जरूरी हो जाता है। इस उम्र में, बच्चे स्वाभाविक रूप से अपने शरीर और अपने आस-पास की दुनिया के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं। उन्हें अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श के बारे में सिखाते समय सरलता का उपयोग किया जाना चाहिए।

क्या है गुड टच और बैड टच?

अगर कोई आपको टच करता है और आपको अच्छा लगता है या स्नेह की अनुभूति होती है तो यह गुड टच कहलाता है। इसको आप अपनी मां, पिता, बड़ी बहन, दादी के टच से फील कर सकते हैं। जब कोई व्यक्ति आपको इस तरह से छूता है कि आप इससे असहज महसूस करते हैं या फिर उस व्यक्ति का छूना आपको बुरा लगता है। इसे बैड टच कहते हैं।

यदि जब कोई आपको छूता है और आप असहज महसूस करते हैं। आपके प्राइवेट पार्ट हर किसी की पहुंच से दूर हैं। अगर किसी का आलिंगन आपको पसंद नहीं है, तो यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। तब आप निडर होकर कहो, "कृपया मुझे गले मत लगाओ।"

अभिभावकों को भी चाहिए कि वह अपने बच्चों को किसी अवांछित स्पर्श को "नहीं" कहना सिखाएं, भले ही वह किसी परिचित व्यक्ति से ही क्यों न हो। अपने बच्चों को मजबूत, लेकिन विनम्र आवाज़ में "नहीं" कहने का अभ्यास करने में मदद करें। इससे बच्चों को व्यक्तिगत सीमाएं निर्धारित करना सीखने में मदद मिलेगी।

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