राजस्थान: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलित संगठनों ने आयोजित किए जन जागरूकता शिविर

दलित अधिकार की मेहनत हो रही सार्थक, महिलाओं को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ।
राजस्थान: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलित संगठनों ने आयोजित किए जन जागरूकता शिविर
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जयपुर। दलित आर्थिक अधिकार आन्दोलन, राजस्थान दलित अधिकार केंद्र जयपुर एवं नगर परिषद दौसा के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जन जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। अभियान के तहत दौसा में जिला स्तरीय शिविर आयोजित किया गया।

शिविर में आजीविका, उद्यमिता, रोजगार से जुड़ी केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी एवं विभिन्न प्रकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान महिलाओं को योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन करने के बारे में बताया गया, साथ ही योजनाओं के लाभ के दौरान आने वाली परेशानियों का समाधान भी बताया गया।

इस दौरान दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन राजस्थान के राज्य समन्वयक एडवोकेट चन्दा लाल बैरवा ने मंच का संचालन करते हुए दलित आर्थिक अधिकार आन्दोलन, राजस्थान स्वाधिकार, व दलित अधिकार केन्द्र द्वारा दलितों के हितों पर किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र व राजस्थान सरकार की योजनाओं का दलित, आदिवासी व पिछड़ों तथा वंचित समाज की महिलाओं को रोजगार से जोड़कर अधिक से अधिक आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे पात्र लोगों को लाभ मिल रहा है।

दलित अधिकार केंद्र के मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत मीमरौठ ने विभिन्न प्रकार की योजनाओं व अनुसूचित जाति/जनजाति विकास निधि योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति विकास निधि के तहत जनसंख्या के अनुपात में बजट आवंटित होता है, तो दलितों व आदिवासी समुदाय के लोग मुख्य धारा में जुड़ पाएंगे। इसके लिए हम सब को सरकार के साथ संवाद करने की आवश्यकता है।

जिला परिषद दौसा की परियोजना समन्वयक गीता देवी प्रजापत ने स्वयं सहायता समूह की जानकारी दी। साथ ही परिषद द्वारा संचालित योजना की जानकारी दी।

डॉ. अम्बेडकर भीमराव जन सेवा समिति दौसा सचिव भागचन्द निकटपूरी वर्षों से स्वयं सहायता समूहों से महिलाओं को जोड़ने का कम कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है। भागचन्द निकटपूरी ने कहा कि ऐसी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त व सक्षम हुई हैं। जन जागरूकता कार्यक्रम में आई महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, "आप अधिक से अधिक महिलाओं को समूहों में जोड़ने का प्रयास करें। हम आपकी की मदद के लिए तत्पर रहेंगे।"

कार्यक्रम में उपस्थित सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य गिरधारी लाल बैरवा ने बालिकाओं को उच्च शिक्षा दिलाने, शिक्षा की और प्रेरित करने तथा उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना, अनुप्रति कोचिंग योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।

एडवोकेट सुनीता देवी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में 18 प्रकार के परंपरागत रोजगार से जोड़ने के लिए मात्र 5 प्रतिशत ब्याज में ऋण दिया जाता है। सरकार प्रशिक्षण के दौरान भत्ता भी देती है। ऐसे में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को इस योजना में आवेदन कर अपना घरेलू उद्योग शुरू करने के लिए आवेदन करना चाहिए।

दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन दौसा प्रेरक द्रोपदी जोनवाल ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। इस जिला स्तरीय शिविर में विभिन्न जिलों से लगभग 110 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं, जन प्रतिनिधि, सामुदायिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता आदि भी मौजूद रहे।

दलित अधिकार केंद्र समन्वयक एडवोकेट चंदा लाला बैरवा ने बताया कि, हमारी जागरूकता का ही नतीजा है कि आज महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है। कोई महिला समूह में झाड़ू बना रही है, तो कोई जूती बनाकर अपना रोजगार कर रही है।"

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