भरतपुर : राजस्थान में नई सरकार बनने के बाद भी कानून व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। बदमाश बेखौफ है, ऐसे में पुलिस और प्रशासन के लिए लॉ एंड ऑर्डर बड़ी चुनौती बना हुआ है। ताजा मामला राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर का है। यहां सात 8 पहले एक दलित नाबालिग लड़की का पांच लड़के अपहरण कर ले गए थे। शिकायत दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है, जिससे दलित समाज के लोगों में रोष है।
पीड़ित पक्ष और दलित समाज के लोग कार्रवाई की मांग के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। यहां आरोपियों के खिलाफ एक्शन की मांग की। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने जल्दी ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है। दरअसल, जिले के हलैना थाना क्षेत्र के गांव में सात दिन पहले देर रात 17 वर्षीय दलित लड़की का अपहरण का पड़ोस में ही रहने वाले दूसरे समाज के लोग ले गए। द मूकनायक को दलित अधिकार केन्द्र सदस्य एडवोकेट ताराचंद वर्मा ने बताया कि गत गुरूवार को जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर युवती को बरामद करने व दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है।
परिजनों को पता लगा तो उन्होंने पीछा किया। मगर उन्होंने युवती को गोली मारकर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन सात दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। अब पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित पक्ष को जल्दी ही न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है । पुलिसस अधिकारी का कहना है कि मामले में जानकारी मिलने के साथ ही संबंधित थाने में जानकारी दी गई है। मामले में पूछताछ कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हाल में 65 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए थे. इनमें दो आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंप गया है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में बड़े बदलाव के तहत अमित कुमार बुडानिया को डीसीपी पश्चिम और कावेंद्र सिंह सागर को डीसीपी ईस्ट लगाया गया है. इस सूची में 6 महिला आईपीएस को पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है. दो महिला ऑफिसर पहले से ही बतौर एसपी पदस्थापित हैं. अब राजस्थान के आठ जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक हो गई हैं. इस सूची में पांच डीआईजी भी बदले गए हैं. इस तबादला सूची के बाद सभी अधिकतर जिलों में कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले पुलिस कप्तानों को बदला गया है. भरतपुर का पुलिस कप्तान मृदुल कछवाला को बनाया गया था।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.