पंजाब। राज्य सरकार ने महिलाओं को नौकरी और अच्छे वेतन का लालच देकर मध्य एशिया के देशों में अवैध तरीके से भेजने की लगातार बढ़ रही घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष जांच दल का गठन कर दिया है। इसके लिए आईजी स्तर के एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी है। साथ ही साथ ऐसे मामलों में अब तुरंत एफआईआर भी दर्ज हो सकेगी। इस एसआईटी का गठन के बाद आईपीएस अधिकारी रणधीर कुमार को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। यह दल राज्य से मानव तस्करी के सभी मामलों की जांच करेगा।
पंजाब में महिलाओं की तस्करी रोकने के लिए इस दल का गठन किया गया है। ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन (बीओआई) ने एसआईटी के गठन के साथ ही एसआईटी के अध्यक्ष रणधीर कुमार को अधिकार कई अधिकार और जिम्मेदारियां भी दी गई है। एसआईटी का अध्यक्ष मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सम्बंधित थाने के अधिकारी को भी जांच दल में शामिल कर सकेगा।
एसआईटी में महिला तस्करी की अब सीधी शिकायत दर्ज की जा सकेगी। इसके लिए लुधियाना रेंज के आईजी कौस्तुभ शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एसआईटी का नोडल अफसर ऐसे मामलों में बिना किसी रुकावट के पंजाब भर में एफआईआर दर्ज किए जाने के काम के साथ ही उसकी निगरानी भी कर सकेंगे।
बीओआई के निदेशक एलके यादव की ओर से जारी उपरोक्त आदेश के मुताबिक यह सामने आया है कि कई महिलाओं को अच्छा रोजगार और वेतन देने का लालच देकर भारत से मध्य पूर्व के देशों में अवैध तरीके और मानव तस्करी के जरिए ले जाया गया है। लेकिन वहां इन महिलाओं को कैदी बना कर रखा गया या जिंदा रहने और भुखमरी से संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया। ऐसी ही एक घटना को लेकर फिरोजपुर के घल खुर्द पुलिस थाने में गत 2 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी। बीओआई ने इस संबंध में जारी आदेश में पूरे राज्य में पुलिस को ऐसे मामलों की गंभीरता और गहराई को देखते हुए, बिना समय गंवाए एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
पंजाब से महिलाओं को नौकरी और आकर्षक वेतन का लालच देकर मध्य एशिया के देशों में बेच दिए जाने के अनेक मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें स्थानीय सांसदों और सियासी नेताओं के प्रयासों से कई महिलाओं को बचाकर भारत लाया गया है।
जानकारी के मुताबिक फिरोजपुर के घल खुर्द पुलिस थाने में 2 मई को एक महिला की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में सामने आया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि विदेश में नौकरी के लिए उसके एक रिश्तेदार ने हैदराबाद के एक ट्रैवल एजेंट अहमद अब्दुल्ला से संपर्क कराया, जिसने उसे 2 साल के वर्क वीजा पर ओमान भेजने की बात कही। ओमान में इस शिकायतकर्ता को घर में खाना बनाने का काम दिए जाने की बात कही गई। लेकिन ट्रैवल एजेंट ने उसे धोखे से ट्रैवल वीजा पर ओमान भेजा, जहां उसे कैद कर लिया गया।
राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने मध्य एशिया के तीन देशों में फंसी महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर सुरजीत सिंह अध्यक्ष डब्ल्यूपीओ अबू धाबी— +971 55 612 9811, कमलजीत सिंह मठारू, अध्यक्ष डब्ल्यूपीओ ओमान +968 94055561, रमनीत कौर भसीन, साहनी का संसद कार्यालय दिल्ली +91 9910061111 और गुरबीर सिंह डब्ल्यूपीओ चंडीगढ़ +91 9711000837 हैं। साहनी की ओर से कहा गया है कि इन नंबरों पर मुश्किल में फंसी महिलाएं और उनके परिजन सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
35 से अधिक पंजाबी महिलाओं का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे भारतीय अधिकारियों से ओमान में अवैध कारावास से बचाने की गुहार लगा रही थीं। इसके बाद राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने मस्कट में भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो पता चला कि उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने ओमान लाया गया था.
अवैध एजेंटों और दलालों को पकड़ने के लिए, राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने अभियान "मिशन होप" शुरू किया था। उन्होंने कहा कि "उनके कार्यालय द्वारा हाल ही में की गई जांच के अनुसार, भारत में अवैध एजेंटों की संख्या 2,331 है और पंजाब में 143 है। सांसद ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि भारतीय एजेंटों ने इन महिलाओं से संपर्क किया और उन्हें नौकरी दिलाने और उन्हें वहां बसाने में मदद करने के बहाने खाड़ी देशों की यात्रा करने के लिए राजी किया और इससे उनका उत्पीड़न और अत्यधिक शोषण हुआ।
पंजाब की लड़कियों और महिलाओं को टूरिस्ट वीजा पर विदेश भेजने और नौकरी का लालच देकर अनैतिक गतिविधियों में धकेलने का प्रयास किया जाता है। एजेंटों की बात न मानने पर उन्हें तर-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक कपूरथला की एक महिला जो भारत में अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए ओमान गई थी, हाल ही में खाड़ी देश में बहुत भयावह परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ओमान पहुंचने पर उसे महसूस हुआ कि अपने लोगों ने ही उसके साथ छल किया है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद उसे वापस लौटने में बहुत पापड़ बेलने पड़े। वह ऐसी खतरनाक स्थिति में फंस गई थी जहां मदद करने वाला कोई नहीं था। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से वह स्वदेश वापस आ सकी।
मस्कट में दो महीने बिताने के बाद हाल ही में लौटी महिला ने बताया कि वह 16 मार्च को झूठी नौकरी के झांसे में फसकर मस्कट गयी थी। पंजाब की जिन महिलाओं को नौकरी (‘घरेलू नौकर’ या ‘केयरटेकर’ का काम) देने के बहाने ओमान ले जाया जा रहा था, उन्हें वहां के स्थानीय लोगों को कथित तौर पर बेचा जा रहा है। और उन्हें जीवित रहने के लिए कथित तौर पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है।
उसने आरोप लगाया कि इन महिलाओं को वहां उतरने के बाद पीटा जाता है और धमकाया जाता है और अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है और जो विरोध करती हैं उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है।
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