जयपुर। दलित-आदिवासी बेटियों को मौका और संसाधन दिए जाए तो वे किसी भी क्षेत्र में अपनी योग्यता का परचम फहरा सकती हैं। हाल में नेशनल फेडरेशन कप वालीबॉल प्रतियोगिता 2023 में भी बहुजन बेटियों ने अपना जलवा कायम किया। इसमें दलित बेटी पूरी मेघवाल जीत की सूत्रधार बनी।
आपको बता दें कि गत 7 और 8 अप्रैल 2023 को तमिलनाडु के जिला पेरंबलूर में आयोजित नेशनल फेडरेशन कप वॉलीबॉल प्रतियोगिता 2023 आयोजित हुई थी। इस प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने के लिए पीवीएफआई से मान्यता प्राप्त संस्था राजपुताना पैरालम्पिक वॉलीबॉल एसोसिएशन के बैनर तले महिला वर्ग की टीम ने भाग लिया। राजस्थान टीम ने झारखंड महिला टीम को 2/0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सूबेन्द्र कोठारी टीम प्रबन्धक ने बताया कि लगभग 1 साल की कड़ी मेहनत का हमें फल मिला। टीम में सरिता गौरा पिंकी (कप्तान), पूरी कुमारी मेघवाल, किका देवी, ममता मीणा, निर्मला मीणा शामिल रहीं। ममता व निर्मला आदिवासी समाज से आती हैं।
उन्होंने आगे बताया कि इससे पूर्व भी जालौर की दिव्यांग दलित बेटी पूरी ने तमिलनाडु में हुई 11वीं सीनियर महिला पैरा वॉलीबॉल प्रतियोगिता में स्वर्णपदक जीतने में महती भूमिका निभाई थी।
पुरी ने देश की उन तमाम बेटियों को भी हौसला कायम रखने का संदेश दिया है, जो सामाजिक व आर्थिक संकट के सामने हिम्मत हार जाती हैं। वे राजस्थान जालौर के लेदरमेर गांव, तहसील भीनमाल में जन्मी। पूरी के पिता पेशे से किसान हैं। वे बकरियां चराते हैं। पूरी ने द मूकनायक को बताया कि बचपन से ही संघर्षों से उसका नाता जुड़ गया था। उसने अपनी एक बहन के साथ जंगल में बकरियां चराईं। साथ ही सरकारी स्कूल में पढ़ती भी रहीं।
बीमार भाई के इलाज के लिए 4 बहनें मजदूरी करती थीं। इस दौरान खुद एक बहन के साथ बकरी चराने जाती। वहीं घर के अन्य कामों में मदद करती थी।
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