भोपाल। एमपी के पन्ना जिले में कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान राज घराने की महिला को मन्दिर के गर्भगृह से घसीटकर बाहर कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मंदिर जिसके द्वारा बनवाया गया, महारानी उन्हीं के परिवार से हैं। इस बात की पुष्टि खुद महारानी ने जेल जाने से पहले की। राजपरिवार की सदस्य जीतेश्वरी देवी ने कथित तौर पर नशे में ऐतिहासिक जुगल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी की पूजा के दौरान अभद्रता की। घटना कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान रात लगभग सवा बजे की है। कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हुईं जीतेश्वरी देवी ने गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की। उन्हें रोका गया तो उन्होंने अभद्रता की। उन्हें घसीटकर मंदिर से बाहर निकाला गया। वहीं गिरफ्तारी के बाद महारानी को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इस दौरान उन्होंने खुद को फंसाने का षड्यंत्र लगाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि डिफेंस वेलफेयर के 65 करोड़ गबन किए गए इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा।
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में ऐतिहासिक जुगल किशोर मंदिर में गत गुरुवार देर रात को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया था। भगवान जुगल किशोर मंदिर के पट खुलते ही पुजारी आरती कर रहे थे। उस समय जीतेश्वरी देवी ने गर्भगृह में चौवर डुला रहे पुजारी से विवाद किया। उनसे छुड़ाकर खुद ही चौवर घुमाने लगीं। वह मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थीं। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें गर्भगृह में प्रवेश से रोका। इस विवाद बढ़ा तो वह मंदिर के गर्भगृह में घुस गईं। आरती करने लगीं। पुजारी ने उन्हें गर्भगृह के बाहर करने की कोशिश की। वह फर्श पर गिर गईं। लोगों ने उन्हें हाथ पकड़कर घसीटते हुए गर्भगृह के बाहर निकाला। पुलिसकर्मियों से भी विवाद किया। महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें मुख्य मंदिर से बाहर किया। एसपी साईं कृष्ण एस थोटा के मुताबिक परंपरा के तौर पर राजपरिवार के पुरुष चौवर डुलाने आते हैं। राजपरिवार में पुरुष के रूप में उनके बेटे को चौवर डुलाने आना था। बेटा नहीं आया तो जीतेश्वरी देवी खुद आगे बढ़ गईं। वह आरती करने मंदिर के गर्भगृह में चलीं गई थीं। चूंकि, वे बेवा हैं, इसलिए उनका आरती करना उचित नहीं था। उन्हें बाहर निकाला गया। मेडिकल परीक्षण भी कराया जाएगा। मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने भी घटनाक्रम को दुखद बताया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक विधवा होने के चलते महारानी जीतेश्वरी देवी को इस पूजा के लायक नहीं माना गया। बताया गया है कि जब लोगों ने जीतेश्वरी देवी को गर्भगृह में प्रवेश से रोका तो इन बातों को अनदेखा करते हुए वह अंदर घुसकर पूजा करने लग गईं और जब बाहर निकालने की कोशिश की गई तो वह फर्श पर गिर गईं। इसके बाद लोगों ने उन्हें हाथ पकड़कर घसीटते हुए बाहर निकाला। इसी बीच पुलिस ने भी कोशिश की तो जीतेश्वरी देवी ने पुलिसकर्मियों के साथ भी विवाद किया। आखिर कड़ी मशक्कत के बाद महिला पुलिसकर्मी ने मुख्य मंदिर से उन्हें बाहर निकाला।
इस मामले में डीएसपी राजीव भदौरिया ने बताया कि जीतेश्वरी देवी के विरुद्ध मंदिर समिति ने शिकायत की है। जिस पर धारा 295-A और 353 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है।
वहीं शहर में यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने पन्ना महारानी को घसीटते हुए मंदिर से बाहर उठाकर फेंक दिया। इस पूरे मामले को लेकर देर रात तक हंगामा होता रहा। पुलिस द्वारा जीतेश्वरी देवी को मंदिर से बाहर करने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह पुलिस उन्हें घसीटते हुए बाहर कर रही है।
गिरफ्तार करने के बाद जीतेश्वरी देवी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल जाते-जाते पन्ना महारानी ने 65 हजार करोड़ के डिफेंस वेलफेयर फंड के गबन के आरोप लगाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महारानी जीतेश्वरी देवी ने कहा कि ये हमारे खिलाफ दूसरी बार षड्यंत्र किया गया है। दरअसल, ये वेलफेयर फंड के 65 हजार करोड़ के गबन का मामला है। पुलिस अपनी जगह पर ठीक है, लेकिन मंदिर के पुजारियों ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं। हमारे साथ बुरा बर्ताव किया है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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