सरपंच निर्वाचित महिला के पति ने ली शपथ, दलित सरपंच ने सामान्य वर्ग के युवक को बनाया सरपंच प्रतिनिधि.
भोपाल। सरकार ने पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। जिसके बाद पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायतों तक में महिलाएं चुनकर कर आईं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं सिर्फ नाम के लिए चुनीं गईं। क्योंकि पंचायत चुनाव में जीतकर आईं महिलाओं की जगह पर उनके परिजन शपथ ले रहे हैं। मध्यप्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ऐसे मामले देखने को मिले, जहां ग्राम पंचायतों में पंच-सरपंच चुनकर आई महिलाओं के पतियों व रिश्तेदारों को शपथ दिला दी गई। ऐसे में उन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं जो संविधान की भावना के विपरित ऐसे लोगों को शपथ दिला रहे हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दमोह के हटा जनपद की गैसाबाद ग्राम पंचायत में नव निर्वाचित महिला सरपंच व महिला पंच के शपथ ग्रहण समारोह में पंचायत सचिव धुन सिंह ने निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की जगह उनके पतियों को शपथ दिला दी है। पंचायत सचिव के इस कारनामे का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस मामले को कलेक्टर ने भी संज्ञान में लिया है।
वहीं गैसाबाद पंचायत में अनुसूचित जाति वर्ग से ललिता अहिरवार सरपंच ने जीत हासिल की है। इनकी जगह पति विनोद अहिरवार ने शपथ ली है। 11 महिला पंच भी निर्वाचित हुई हैं। गत बुधवार शाम गांव में एक शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें गांव के सभी लोग शामिल हुए। पंचायत में 20 सदस्य हैं, जिसमे 11 महिलाएं एवं 9 पुरुष पंच पद पर चुने गए हैं। 11 पंच महिलाओं की जगह उनके पतियों ने ही शपथ ले ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में एक भी निर्वाचित महिला नहीं पहुंची।
रीवा जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। रीवा जिले के गंगेव पंचायत में पंचायत सचिव ने एक बड़ी लापरवाही बरतते हुए चुनी गई महिला उपसरपंच की जगह पर उसके पति को पद की शपथ दिला दी। इसके बाद जब ये मामला कलेक्टर तक पहुंचा तो मामले में कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है।
स्टाम्प पर लिख बनाया सरपंच प्रतिनिधि
ग्राम पंचायत हंडिया के सरपंच लखनलाल भिलाला ने एक स्टाम्प लिखकर सरपंच प्रतिनिधि सिद्धांत तिवारी को बनाया है। इसका कारण उन्होंने खुद को पढ़ा-लिखा नहीं होना बताया। साथ ही परिवार के सदस्यों के भी पढ़े-लिखे नहीं होने की बात लिखी है। ऐसी स्थिति में सरपंच पद के कार्य एवं दायित्व गांव के एक सवर्ण युवक को सौंपे हैं। इस संबंध में ग्राम पंचायत हंडिया के सरपंच लखनलाल भिलाला ने कहा कि, "मैं कम पढ़ा लिखा हूं। इसलिए प्रतिनिधि नियुक्त किया हूं, जो सारी चीजें मुझे पढ़कर बता सके।" हालांकि, हस्ताक्षर खुद ही करेंगे। लखनलाल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर सरपंच निर्वाचित हुए हैं।
प्रशासन ने दिए जांच के निर्देश
जिला पंचायत सीईओ अजय श्रीवास्तव का कहना है, कि जो व्यक्ति जिस पद के लिए निर्वाचित हुआ है। उसे ही शपथ लेने का प्रावधान है। महिलाओं की जगह उनके पति शपथ नहीं ले सकते। यदि गैसाबाद पंचायत में यह हुआ है तो मैं जनपद सीईओ से इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करूंगा। यहां पर जो महिलाएं जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुई हैं। उन्हीं को शपथ दिलाई जाएगी। महिला सशक्तिकरण के खिलाफ किए गए इस काम की खबर कलेक्टर को भी दी है। कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस मामले की जानकारी लेने के बाद कार्रवाई करेंगे।
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