ओडिशाः रजोत्सव का रंगारंग आगाज, महिला सशाक्तिकरण को रहेगा समर्पित

लड़कियों का तीन दिवसीय रज पर्व आज से हुआ शुरू, दिल्ली में बोर्ड एग्जाम के दौरान मिलेंगे फ्री सेनेटरी पैड।
सांकेतिक फोटो.
सांकेतिक फोटो.
Published on

नई दिल्ली। एक ओर जहां भारत के हर कोने में महिलाओं में पीरियड्स को लेकर अजीब-अजीब सी धारणाएं हैं। कोई इसके बारे में बात करना भी पसंद नहीं करता है। वहीं ओडिशा में पीरियड्स को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यहां शुक्रवार से महिलाओं का तीन दिवसीय रजोत्सव त्योहार का रंगारंग आगाज हुआ। मान्यता है कि धरती माता को मासिक धर्म आता है। इसके उपलक्ष्य में यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।

इस पर्व को रज पर्व कहते हैं। रजस्वला धरती मां मानसून से पहले खेती के लिए खुद को तैयार करती हैं। इस दौरान महिलाओं को कोई काम नहीं करना पड़ता और वे तैयार होकर अच्छे पकवान का लुत्फ उठाती हैं। महिलाएं अपनी आजादी का मजा लेती हैं, इसलिए इस उत्सव को राजा पर्व कहते हैं। क्योंकि तीन दिन महिलाएं राजाओं की तरह रहती हैं। धरती मां की पूजा भी की जाती है और उसका शुद्धिकरण होता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पहला दिन पहिली रजो के नाम से जाना जाता है, जिसे धरती के मासिक धर्म का पहला दिन कहा जाता है। दूसरा दिन भूदेवी के रजस्वला का होता है जो मिथुन संक्रांति कहलाता है। तीसरे दिन शेष रजो मनाया जाता है। इसे भूदहा या बासीरजो कहा जाता है। इस बार ये त्योहार 14 से 16 जून तक मनाया जा रहा है।

रजोत्सव रजोत की एक खासियत इसके पकवान हैं। तीन दिन तक घरों में भगवान जगन्नाथ की पसंदीदा मिठाई पोड़ा पीठा खाई जाती है। इसके साथ चाकुली पीठा, मंडा पीठा, आरिसा पीठा मिठाइयां भी होती हैं। इन तीन दिनों में महिलाओं से कोई काम नहीं कराया जाएगा। घर के पुरुष ही उनके लिए तीनों दिन खाना बनाएंगे। सभी उम्र की लड़कियां और महिलाएं मिलकर सिर्फ उत्सव मनाएंगी, नाच-गान करेंगी।

इस पर्व के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने ओडिशा के लोगों को राजा उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

दिल्लीः बोर्ड एग्जाम में अब लड़कियों को मिलेंगे फ्री सेनेटरी पैड

ओडिशा में रजोत्सव का त्योहार चल रहा है। इधर, दिल्ली में भी पीरियड्स को लेकर एक दिशा.निर्देश जारी किया है। अब बोर्ड परीक्षा में पीरियड्स के दौरान लड़कियों को दिक्कतों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने इसके संबंध में सभी बोर्डों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, इसमें कहा गया है कि छात्राओं को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान जरूरी ब्रेक लेने की इजाजत दी जानी चाहिए। साथ ही सभी परीक्षा केंद्र पर मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

शिक्षा मंत्रालय ने यह भी दिया आदेश

शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि एग्जाम के दौरान लड़कियों को जरूरी हाइजीन प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने की इजाजत भी देनी चाहिए। अगर गर्ल्स स्टूडेंट्स मेंसट्रुअल जरूरतों के लिए रेस्टरूम इस्तेमाल करना चाहती हैं। उन्हें यह भी अलाऊ होना चाहिए, जिससे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो और एग्जाम के दौरान उनका फोकस पढ़ाई पर ही रहे। परीक्षा के दौरान ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्रेक लेने की इजाजत दी जानी चाहिए।

मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति के लिए सर्कुलर जारी किया है। विभाग में छात्राओं और शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच पीरियड से जुड़ी स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी संबंधित स्कूलों में इससे जुड़ी प्रोग्रामों को बढ़ावा देने को कहा है। इसका उद्देश्य पीरियड्स को लेकर स्कूली माहौल को बेहतर बनाने पर जोर देना है।

सांकेतिक फोटो.
सुधा वर्गीस: वह महिला जिसने यूपी-बिहार के मुसहर समुदाय के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com