भोपाल। मध्य प्रदेश के रीवा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। यहां मनगंवा थाना क्षेत्र के हिनौता कोठार गांव में कुछ महिलाओं को जिंदा दफन करने का प्रयास किया गया। महिलाओं के ऊपर मौरम मिट्टी डालकर उनको जिंदा दफन करने का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। ये महिलाएं जबरन हो रहे सड़क निर्माण का विरोध कर रही थीं। इसी बात से नाराज आरोपियों ने महिलाओं को जिंदा दफन करने का प्रयास किया जिसका वीडियो वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है, कि लोग महिलाओं के ऊपर से मिट्टी हटा रहे हैं, और एक महिला कमर तक उसमें धंसी हुई है। आरोप है कि इन महिलाओं को आरोपियों ने सड़क विवाद में जान से मारने की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक, एक महिला के गले तक और एक के कमर तक जमीन में दफना दिया गया।
पीड़ित आशा पांडेय और ममता पांडेय ने एक स्थानीय समाचार पत्र को बताया कि "हम घर में अकेले थे। इस बात की जानकारी आरोपियों को लग गई, जिसके बाद वे हमारी जमीन पर एक हाइवा मुरम मिट्टी लेकर पहुंच गए। हमने उनसे कहा कि अभी हम दोनों महिलाओं के अलावा घर में कोई नहीं है। जब सब आ जाएंगे तो मिल बैठ कर बात कर लेंगे। लेकिन उन्होंने धमकाते हुए कहा कि आज ही मुरम गिराकर रास्ता बनाएंगे। उसी में तुम दोनों को भी दबा देंगे।"
ममता पांडेय के पति जिवेश पांडेय का कहना है कि घटना में हमारे घर की महिलाएं मरने से बच गई। मैं ग्राम हिनौता कोठार का रहने वाला हूं। मेरे पट्टे की जमीन में मेरे परिवार के लोग जबरदस्ती मुरम डाल रहे थे, जिस पर घर की महिलाओं ने मना किया था।
जिवेश के मुताबिक मौके पर राजेश सिंह हाइवा और जेसीबी लेकर पहुंचा था। उसके साथ में गोकर्ण प्रसाद पांडेय, विपिन पांडेय और महेंद्र पांडेय मौजूद थे। इन्होंने ही दोनों को धक्का मार कर गिराया था। इसके बाद ही इन्होंने दोनों के ऊपर मुरम डलवा दी। ग्रामीणों ने तत्परता से दोनों की जान बचाई।
जिवेश ने बताया, "जमीन का विवाद 2002 से चल रहा है। जमीन हमारे पिताजी के नाम पर है। न्यायालय की ओर से दो बार मेरे पक्ष में फैसला भी हो चुका है। अब उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है। जहां से अभी फैसला आना बाकी है। जमीन का पट्टा अभी भी हमारे नाम पर है।"
मध्य प्रदेश पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा, "इस घटना ने एक बार फिर बीजेपी शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वैसे भी मध्यप्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है। मुख्यमंत्री जी, क्या आपकी सरकार से ये बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष और त्वरित जांच होगी। आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा, "महिलाओं ने अपनी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध किया, तो दबंगों ने मुरम के नीचे दबा कर जिंदा दफनाने का प्रयास किया। भाजपा की सरकार में माफियाओं का बोलबाला है। दलित, आदिवासी, महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।"
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच रास्ता बनाने को लेकर विवाद था। एक पक्ष ने रास्ता बनाने का प्रयास किया। इसके लिए हाईवा में मौरम मिट्टी भरकर लाई गई थी। दोनों महिलाओं ने जब रास्ता बनाने का विरोध किया तो उनके ऊपर चालक ने तेजी से मुरूम पलटी कर दी। जहां ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं का बीच बचाव कर बाहर निकाला।
कलेक्टर ने बताया, "मेडिकल कॉलेज में दोनों महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया है। उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही घटना में इस्तेमाल हाईवा को भी जब्त कर लिया गया है।"
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