राजस्थान: करौली में चिकित्सकों की लापरवाही से प्रसूता की मौत

प्रारंभिक जांच में आया, लेबर रूम में प्रसूता तड़प रही थी, चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ टेरेस पर पार्टी कर रहे थे।
मृतक रेसो देवी वैरवा
मृतक रेसो देवी वैरवाफाइल फोटो
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जयपुर। राजस्थान के करौली जिले में चिकित्सा स्टाफ की लापरवाही के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत के बाद जिला कलक्टर के निर्देश पर एसडीएम सपोटरा के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी की प्राम्भिक जांच रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा अधिकारी सहित कम्पाउंडर और एक एएनएम को एपीओ कर दिया गया है।

हालांकि परिजन राज्य सरकार के इस कदम से संतुष्ट नहीं है। परिजनों का कहना है कि सभी को निलंबित कर इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। वहीं मृतक परिवार को आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाए। परिजनों का कहना है कि मृतक रेसो देवी बैरवा का पति सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित है। रेसो देवी ही मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रही थी। 6 छोटे बच्चे हैं, जिनके सामने अब पेट भरने के साथ ही शिक्षा पाने का संकट उत्पन्न हो गया है।

प्रसूता तड़पती रही, स्टाफ पार्टी में मस्त

करौली जिले के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करणपुर में जिस वक्त प्रसूता रेसो देवी दर्द से तड़प रही थी। उस वक्त अस्पताल का चिकित्सा स्टाफ भवन की छत पर मीट पार्टी में मस्त था। प्रसूता की दर्द भरी कराहट से भी, पार्टी में मस्त धरती के भगवानों का दिल नहीं पसीजा। आखिर में प्रसूता की सांस की डोर टूट गई।

अस्पताल भवन की छत पर रात के समय मीट पार्टी करने के आरोप अस्पताल में प्रसूता के साथ गई उसकी जेठानी अंशु बैरवा ने लगाए हैं। अंशु बैरवा कहती है कि सोमवार को देवरानी रेसो देवी को प्रसव पीड़ा होने पर करणपुर के सरकारी अस्पताल लेकर गए थे। वह खुद भी साथ गई थी। वह कहती है कि देर शाम रेसो के लेबर पेन बढ़ने पर घबराहट में अस्पताल के स्टाफ को तलाश करते हुए अस्पताल की छत पर पहुंचे तो वहां पार्टी चल रही थी।

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अंशु बैरवा ने कहा छत पर मौजूद चिकित्सा स्टाफ को समस्या बताई तो उन्होंने नाथू सिंह नाम के कम्पाउंडर को नीचे भेज दिया। नाथू सिंह ने प्रसव करवाया। इसके बाद वापस पार्टी में छत पर चला गया। उसने प्रसूता को जरूरी दवाई भी नहीं दी। कुछ देर बाद प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी। अंशु बैरवा कहती है कि वह दोबारा कम्पाउंडर को बुलाने छत पर गई तो वहां मीट और शराब की पार्टी चल रही थी। इतनी देर में ही प्रसूता की मौत हो गई। इस समय रात के लगभग 9 बजे थे। उन्होंने कहा हमारे रोने चिल्लाने पर स्टाफ के लोग नीचे आये, लेकिन तब उसकी देवरानी मर चुकी थी।

भर्ती रजिस्टर में कांट छांट कर दूसरे की जगह लिखा प्रसूता का नाम, और APO आदेश
भर्ती रजिस्टर में कांट छांट कर दूसरे की जगह लिखा प्रसूता का नाम, और APO आदेश

सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी?

स्थानीय पत्रकार मुकेश गुप्ता ने द मूकनायक को बताया कि करणपुर के चिकित्सा स्टाफ की मनमानी यही नहीं रुकी। महिला की मौत होने के बाद अगले दिन मंगलवार 30 मई को बचाव के लिए चिकित्सा स्टाफ ने रोगी भर्ती पंजिका में कांट छांट कर किसी अन्य रोगी का नाम काटकर 29 मई की दिनांक में ही 86 नम्बर पर मृतक रेसो बैरवा का नाम रजिस्टर में इन्द्राज कर दिया। गुप्ता कहते है कि पहले इन्होंने लापरवाही की फिर अपने आप को बचाने के लिए बेक डेट में मरीज को भर्ती दिखाने के लिए सरकारी दस्तावेजों में कांट छांट की। जबकि नियमानुसार प्रसूता को आने के साथ ही भर्ती करना था, लेकिन पार्टी में व्यस्त होने के कारण बिना भर्ती के ही अप्रशिक्षित कम्पाउंडर ने ही प्रसव करवा दिया। नतीजतन प्रसूता को जान गंवाना पड़ा। पत्रकार मुकेश गुप्ता ने कहा कि लापरवाही बरतने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है। ताकि किसी और को रेसो देवी की तरह जान नहीं गंवाना पड़े।

पुलिस भी पहुंची थी, लेकिन नहीं हुआ पोस्टमार्टम

प्रसूता की मौत के बाद आधी रात को ही मृतका के परिजन नानपुर ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि बबलू मीना को अस्पताल बुलाकर ले आऐ थे। उन्होंने 108 एम्बुलेंस की मदद से जन्म लेने बाले स्वस्थ पैदा हुए नवजात शिशु को करौली जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल के नवजात शिशु ग्रह में भर्ती करवाया। अस्पताल में प्रसूता की मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। इस दौरान परिजन सोमवार रात करीब एक बजे पोस्टमार्टम कराए बिना ही शव को अपने गांव ले गए और मंगलवार को महिला का अंतिम संस्कार किया गया।

प्रसव से पहले सुबह क्यों भेज दिया था घर

नानपुर निवासी मृतक रेसो देवी के पति श्रीलाल बैरवा की माने तो सोमवार को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई थी। सुबह साढ़े 9 बजे पत्नी को लेकर करणपुर सीएचसी पहुंचा। हीमोग्लोबिन की जांच करवाने के बाद चिकित्सक ने एक बोतल भी चढ़ाई थी। इसके बाद 5 दिन बाद प्रसव होने की बात कह कर घर भेज दिया था।

श्रीलाल कहता है कि चिकितस्क की सलाह पर पत्नी को लेकर घर पहुंच गया। घर पहुंचते ही फिर प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसके बाद दोबारा अस्पताल लेकर गया था।

यशवंत मीना, एसडीएम सपोटरा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि जिला कलक्टर के निर्देश पर हमारी टीम करणपुर अस्पताल पहुंची थी। आरसीएचओ करौली, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी हिंडौन, करौली और जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम द्वारा मिलकर सीएचसी में प्रसूता की मौत के संबंध में जांच की गई। जांच में जो भी तथ्य निकल कर सामने आए की उस वक्त मौजूद कम्पाउंडर और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण ही प्रसूता की मौत हुई है। जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेज दी है।

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