भोपाल। आदिवासी छत्राओं के साथ छेड़खानी करने वाले झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा पर एफआईआर दर्ज कर विभाग ने निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम पूर्व में इंदौर में पदस्थ रहते हुए भी ऐसे कारनामे कर चुके हैं। झाबुआ के कन्या छात्रावास में घुसकर आदिवासी लड़कियों के साथ हरकत करने वाले डिप्टी कलेक्टर झा पर इंदौर में महिला बीएलओ और कलेक्टोरेट की कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए थे। इधर, आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ।
आदिवासी छात्राओं से अश्लीलता करने वाले झाबुआ डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा वर्तमान में एसडीएम के पद पर पदस्थ है। वह लंबे समय तक इंदौर में पदस्थ रहे। 2010 में एसएलआर रहे और बाद में डिप्टी कलेक्टर बनकर 2020 में इंदौर पदस्थ हुए थे। इस दौरान सुनील कुमार झा की हरकतों की महिला कर्मचारियों ने तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत भी की थी।
जानकारी के मुताबिक उन्हें इंदौर की चार नंबर विधानसभा का रिटर्निंग अधिकारी बनाया गया था। उस दौरान झा ने एक महिला बीएलओ के साथ छेड़छाड़ की। महिला ने तत्कालीन कलेक्टर को लिखित शिकायत की। यह मामला शांत होने के बाद डिप्टी कलेक्टर झा ने फिर एक महिला कर्मचारी के साथ अश्लीलत हरकत की। इस कर्मचारी ने भी कलेक्टर से शिकायत की थी।
लगातार महिला कर्मचारियों की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने झा को लूपलाइन में डालते हुए जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम सौंप दिया था। इधर, डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा एक युवती का हाथ पकड़ने के साथ अश्लील बातें कीं। यहाँ युवती ने जमकर हंगामा मचाया था। इस पर आला अधिकारी ने झा को जमकर फटकार लगाते हुए जेल भेजने तक की चेतावनी दी थी। उसके कुछ दिनों बाद झा का तबादला झाबुआ हो गया।
छात्रावास की आदिवासी बच्चियों ने एसडीएम पर लगाए गंभीर आरोप
डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा पर आदिवासी छात्रावास में निरीक्षण के दौरान छत्राओं के साथ बेड टच व अश्लील हरकत किए जाने की शिकायत छात्राओं ने छात्रावास के प्रबंधक से की थी। छात्राओं ने प्रबंधक को इस बारे में बताया था। जब पूरा मामला कलेक्टर तक पहुंचा तो एसडीएम पर पॉक्सो एक्ट, छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। एसडीएम सुनील झा को गिरफ्तार कर निलम्बित करने का आदेश भी जारी कर दिया गया।
एफआईआर में बच्चियों की ओर से एसडीएम सुनील झा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें आपत्तिजनक हरकतें जैसे कमर में हाथ डालना, बालों को सूंघकर सवाल करना, सिर पर किस करना, पीरियड्स और पैड्स के बारे में सवाल करना और जबरदस्ती गले लगाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। झाबुआ की जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा ने नए अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम में निरीक्षण के दौरान छात्राओं से अश्लील व्यवहार किया है।
विधानसभा में आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर विपक्ष का हंगामा
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। हंगामा के चलते पांच दिवस चलने वाले सत्र को दूसरे दिन ही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अनिश्चितकालीन स्थगित कर दिया। सदन में आदिवासी विधायकों ने सीधी पेशाब कांड और झाबुआ में एसडीएम के द्वारा आदिवासी बच्चियों के साथ छेड़छाड़ के मामले को उठाया। विधायक सरकार से सवाल करते रहे की आखिर आदिवासियों पर अत्याचार कब तक होते रहेंगे।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए आदिवासी विधायक फुन्देलाल मार्को ने बताया कि प्रदेश में हर रोज आदिवासियों पर अत्याचारों की घटना सामने आ रही है। विधायक मार्को ने कहा झाबुआ में एसडीएम के द्वारा आदिवासी बच्चियों के साथ अश्लील छेड़छाड़ के मामले में सरकार उस अधिकारी को बर्खास्त करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कनून व्यवस्था बदहाल है। अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे है। इसका शिकार आदिवासी व दलित बन रहे है।
एसडीएम झाबुआ के द्वारा आदिवासी बच्चियों से की गई अश्लील हरकत के मामले में राज्य बाल सरक्षंण आयोग ने झाबुआ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। द मूकनायक से बातचीत में बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए आयोग ने मामले पर नजर बना कर रखी है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर घटना का जांच प्रतिवेदन मांगा है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
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