भोपाल। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मामी ने अपनी ही गोद ली भांजी के साथ क्रूरता की हदें पार कर दीं। मामी ने कथित रूप से 8 साल की मासूम भांजी के प्राइवेट पार्ट को दाग दिया। साथ ही बच्ची की बेरहमी से पिटाई की। गंभीर घायल बच्ची को देखकर लोगों ने पुलिस और चाइल्ड लाइन को सूचना दी। पुलिस ने मासूम को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
जानें क्या है पूरा मामला?
घटना इंदौर के पाटनीपुरा क्षेत्र की है। वहां के लोगों ने रात के समय बच्ची को बदहवास हालत में देखा तो चाइल्ड लाइन टीम को सूचना दी। जिस पर इंदौर चाइल्ड लाइन से समन्वयक राहुल गोथाने, काउंसलर मंजू चौधरी, मोनिका वाघाये और नरेंद्र राजपूत मौके पर पहुंचे। टीम ने देखा कि बालिका बहुत डरी हुई थी। चाइल्ड लाइन टीम बालिका को लेकर एमआईजी थाने पहुंची और मामले की जानकारी देने वाले के साथ उसे अस्पताल जाकर भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने मेडिकल जांच की तो पता चला कि उसके पूरे शरीर पर चोटों के कई निशान हैं। कथित रूप से बालिका का प्राइवेट पार्ट भी काफी जख्मी होकर जला हुआ था।
पुलिस ने आरोपी महिला को किया गिरफ्तार
पीड़ित मासूम बच्ची के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया। एमआईजी थाना टीआई अजय वर्मा ने बताया कि, "अभी तक महिला की भूमिका सामने आई है कि वह बच्ची की बेरहमी से पिटाई करती थी। उसके पति की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पीड़िता बार-बार घटना को याद कर सहम जाती है और रोने लगती है। बच्ची रात में सोते वक्त बिस्तर गीला कर देती थी इसलिए महिला उसको पीटती थी। टीम द्वारा मामले की जांच की जा रही है।"
बच्ची की मां की हो चुकी है मौत
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल व सदस्य संगीता चौधरी भी अस्पताल पहुंचे और बालिका से पूछताछ की। सदस्यों के मुताबिक बच्ची ने बताया कि उसकी मां की मौत हो चुकी है। पिता वाराणसी में रहते हैं। पिता द्वारा उसे इंदौर में रहने वाले मामा को कुछ माह पहले गोद दिया था। आरोपी महिला का पति खुद को मासूम की मां का मुंहबोला भाई बताता था। मामा-मामी के बच्चे नहीं थे, इसलिए मासूम की मां के निधन के बाद, बच्ची को गोद लेकर अपने साथ ले आए थे। दोनों ने बच्ची के पिता से अच्छी देखभाल का वादा भी किया था। लेकिन धीरे-धीरे मामी बच्ची के साथ क्रूरता पर उतर आई।
बेरहमी से पीटती थी मामी, मासूम के बाल भी नोचे
स्थानीय निवासी अरुणा शर्मा ने बताया कि, आरोपी महिला का पति बेरोजगार है और शराब पीता है। वे उसे भोजन नहीं देते थे और घर का सारा काम कराते थे। जरा-जरा सी बात पर मामी उसे बेरहमी से पीटती थी। कई बार तो उसके बाल खींचकर उखाड़ दिए। वह बचाव के लिए चीखती थी।
एक अन्य रीना शर्मा ने बताया कि, वह शनिवार रात मंदिर में आई तो सहमी थी। बाहर ठेले पर सब्जी लेने आई तो उसके शरीर पर चोट के काफी निशान थे। पूछने पर बताया कि उसकी मामी ने उसे जमकर पीटा था।
सामान्य धाराएं लगाने के विरोध में लोग पहुंचे थाने
पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ सामान्य मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर उसे हिरासत में लिया है। मामले में जब पड़ोसियों को सूचना मिली तो वे थाने पहुंचे। उनका गुस्सा इस बात को लेकर है कि पुलिस ने सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया, जबकि हम प्रत्यक्षदर्शी हैं कि यह सामान्य मारपीट का मामला नहीं है। जांचकर्ता एएसआई धीरज शर्मा ने बताया कि बालिका की अभी विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर और भी धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
नाबालिक बच्चों को पीटने पर हो सकती है उम्रकैद तक की सजा
भोपाल निवासी विधि विशेषज्ञ और अधिवक्ता मयंक सिंह ने द मूकनायक से बताया कि नाबालिक बच्चों को अन्य या फिर पैरेंट्स अगर पीटते हैं । बच्चे को गंभीर चोट लगती है तो उनके खिलाफ धारा 323 के तहत केस दर्ज हो सकता है। इसमें आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी। खुद ही केस लड़ना होगा। जुर्म साबित होने पर परिजनों को जुर्माना या एक साल की कैद हो सकती है। लेकिन बच्चे को नुकीले हथियार से मारने पर धारा 324 लगती है, जिसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। जानलेवा चोट पहुंचाने पर 326 के तहत मुकदमा दर्ज होगा, जिसमें 10 साल तक या उम्रकैद तक सजा हो सकती है। सिंह के मुताबिक मारपीट के दौरान अगर बच्चे के सिर पर चोट लगी तो धारा 308 के तहत गैर-इरादतन हत्या की कोशिश का केस बनेगा, जिसके तहत 3 से 7 साल तक कैद हो सकती है।
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