मध्य प्रदेश का पहला ऐसा गांव जहां पंच से लेकर सरपंच तक हैं महिलाएं

सरपंच चुनी गई कृष्णा रावत
सरपंच चुनी गई कृष्णा रावत
Published on

भोपाल। राजधानी भोपाल के एक गांव में सरपंच सहित 20 महिला पंचों को निर्विरोध निर्वाचित किया गया। भोपाल शहर से 10 किमी दूर आदमपुर छावनी पंचायत की कमान अब महिलाओं के हाथ होंगी। यहां पहली बार सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुने गए। सबसे खास बात यह है कि यह सभी महिलाएं हैं।

गांव की कृष्णा रावत सरपंच चुनी गई हैं। वे पोस्ट ग्रेजुएट हैं, और उन्होंने MA की डिग्री हासिल की है। कृष्णा की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई। यहाँ से पंचायत में पहली बार निर्विरोध सरपंच चुना गया साथ ही पंचायत पंच पद पर भी महिलाओं को निर्विरोध चुना गया।

भोपाल जिले की पंचायत आदमपुर छावनी की आबादी करीब 4 हजार है। पहले इसमें छावनी पठार गांव भी शामिल था, जिसे अब अलग कर नया पंचायत बनाया गया है।

भोपाल की यह पंचायत संभवत: प्रदेश की पहली पंचायत है, जहां पंच-सरपंच सभी महिलाएं होंगी। सभी निर्विरोध चुनी गईं, और गांव वालों ने इसके लिए मीटिंग की है। पिछली बार सगुनबाई सरपंच थीं, लेकिन पंचों में पुरुष भी शामिल रहे थे। लेकिन, पिछले चुनाव में यहां वोटिंग हुई थी।

कृष्णा को ही क्यों चुना गया निर्विरोध सरपंच!

कृष्णा रावत की डेढ़ साल पहले आदमपुर छावनी के रोहित रावत से शादी हुई। कृष्णा के जेठ प्रशांत ठाकुर पिछली बार उप सरपंच थे। इस बार सरपंच पद OBC (मुक्त) के लिए आरक्षित था। प्रशांत चाहते तो सरपंच के लिए मैदान में उतर सकते थे, लेकिन उन्होंने बहू को सरपंच बनाने की बात गांव में लगाई गई मीटिंग में उठाई। गांव की मीटिंग में तय हुआ था कि इस बार पढ़ी-लिखी महिला को पंचायत की बागडोर दी जाए। जिसके बाद एम.ए. पास कृष्णा के नाम पर सहमति बन गई। साथ यह भी तय हुआ कि सरपंच सहित पंच भी सारी महिलाएं हो। यानी गांव की पंचायत ने गांव के प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंप दी।

द मूकनायक से बात करते हुए प्रशांत ने बताया कि, उन्हें आइडिया आया कि क्यों न घर की महिला सरपंच की बागडोर संभाले। फिर यह बात परिजनों को बताई। सभी ने बहू को सरपंच बनाने की सहमति दी। इसके बाद गांव के लोगों के साथ बैठक हुई। उन्होंने भी बहू के नाम पर सहमति दे दी। 4 जून को सरपंच का नामांकन दाखिल कर दिया गया। नामांकन के आखिरी दिन तक कृष्णा को छोड़ अन्य किसी ने भी दावेदारी नहीं की।

पूरे प्रदेश में कायम हुई मिसाल

प्रशांत ने बताया, बहू कृष्णा का नामांकन दाखिल करने के बाद गांव के लोगों से फिर रायशुमारी की। पंच के 20 पदों पर महिलाओं को ही उतारने की बात पर सहमति बनी। गांव के वरिष्ठजनों ने इस पर सहमति दी। जिसके बाद पूरा चुनाव निर्विरोध सम्पन्न करा दिया गया।

निर्विरोध सरपंच चुनी गईं कृष्णा ने द मूकनायक को बताया कि, उनके गांव में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं है। "सबसे पहले आंगनवाड़ी के लिए प्रयास करूंगी। गांव में पक्की सड़कें और नालियों का निर्माण कराया जाएगा। नल-जल योजना को और बेहतर ढंग से चलाएंगे। ताकि, घरों में पानी पहुंच सके।" कृष्णा ने बताया कि वे गाँव के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com