लखनऊ: राजधानी में महिला दरोगा भी असुरक्षित, छेड़छाड़ का मुकदमा वापस लेने के लिए आरोपी अंशुमान पाण्डेय ने बनाया बंधक!

राजधानी लखनऊ में महिला दरोगा को शोहदे के साथियों ने बंधक बना लिया। बदमाश छेड़छाड़ के मुकदमे में सुलह करने का दबाव बना रहे थे। महिला दरोगा ने अंशुमान पांडेय के दो अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
लखनऊ: राजधानी में महिला दरोगा भी असुरक्षित, छेड़छाड़ का मुकदमा वापस लेने के लिए आरोपी अंशुमान पाण्डेय ने बनाया बंधक!
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उत्तर प्रदेश। राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि शोहदों ने एक महिला दारोगा को ही साथियों के साथ मिल कर बंधक बना लिया। शोहदे छेड़छाड़ के मुकदमे में महिला दारोगा पर सुलह का दबाव बना रहे थे। बीबीडी कोतवाली में तैनात महिला दरोगा को परेशान कर रहे थे। बदमाशों ने महिला दरोगा को गेट खटखटा कर बाहर बुलाया और उसके बाद दबाव बनाते हुए उन्हें कार में बैठा लिया।

मामला 11 सितंबर का बताया जा रहा है। उसी दिन रात को बदमाशों ने महिला दरोगा को पहले घर के बाहर बुलाया और जबरदस्ती कार में बैठाकर साथ ले गए। दो लोगों ने महिला दरोगा से केस वापस लेने की धमकी दी। जब महिला दरोगा ने अपने भाई और डायल-112 पर इसकी जानकारी दी तो बदमाश छोड़ कर भाग गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता को हंडिया का अंशुमान फोन कर परेशान करता था। महिला दरोगा ने बीबीडी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।

काफी समय से कर रहा था परेशान

कुम्हारनपुरवा की रहने वाली महिला दरोगा के अनुसार प्रयागराज के हंडिया का रहने वाला अंशुमान पाण्डेय काफी समय से उसे परेशान कर रहा था। उसका पीछा करने के साथ ही नम्बर बदल कर बार-बार फोन करता था। इससे परेशान होकर पीड़िता ने 13 अगस्त को महिला थाने में अंशुमान पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। दरोगा के एफआईआर दर्ज कराने से अंशुमान गुस्सा गया। वह महिला दरोगा पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने लगा। जब महिला दरोगा ने उसकी बात नहीं मानी तो उसने फोन धमकी दी।

पीड़िता के अुनसार 11 सितंबर की रात को करीब 12 बजे घर का गेट खटखटाया गया तो दरोगा बाहर निकली तो देखा की दो लोग वहां खड़े थे। उन्होंने मुझे कहा कि आपके खिलाफ एक नोटिस आया है। युवकों की बात सुनने के बाद दरोगा घर में वापस जाने लगी तो उन्हें पकड़ लिया और कार में बैठा कर भाग निकले।

भीम आर्मी चीफ ने सरकार पर साधा निशाना

घटना पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक व नगीना लोकसभा से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देने हुए लिखा कि, "उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीबीडी कोतवाली में तैनात महिला दरोगा को काफ़ी समय से परेशान कर रहे शोहदे द्वारा पूर्व में कई बार धमकाने और न मानने पर अपने साथियों के साथ घर से ले जाकर बंधक बनाकर केस वापस लेने का दवाब बनाने का मामला उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलने वाला है।"

उन्होंने आगे लिखा कि, "सीएम योगी आदित्यनाथ जी के राज में उत्तर प्रदेश की विफल कानून-व्यवस्था को छिपाने और जनता को बरगलाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा बोला झूठ '16 साल की बच्ची भी गहने लेकर रात 12 बजे भी उत्तर प्रदेश की सड़कों पर चल सकती है' आज नासूर बनता जा रहा है। 'झूठ के पाँव नहीं होते' राजधानी लखनऊ में ही महिला पुलिस घर में ही सुरक्षित नहीं तो पूरे उत्तर प्रदेश में आम महिलाएँ सुरक्षा की उम्मीद कैसे कर सकती हैं।"

'महिला दरोगा ने आरोपी के 87 मोबाइल नंबर ब्लॉक किये'

एक सोशल मीडिया यूजर ने दावा किया है कि, "आयुष्मान पांडेय पिछले 6 महीने से लखनऊ में तैनात महिला दरोगा को किडनैप करके धमकी देता है। आयुष्मान नए-नए नंबरों से फोन करता है। गंदी-गंदी बातें करता है। महिला दरोगा ने आरोपी के 87 मोबाइल नंबर ब्लॉक किये। महिला दरोगा का आरोप है कि 11 सितंबर की रात दो लोगों ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती दोनों ने उनको घसीट लिया और कार में घण्टों ये कह कर घुमाते रहे कि आयुष्मान पर किया मुकदमा वापिस लो।"

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