नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। इस पर एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से आई है जहां मंगलवार देर रात दो छात्राओं से छेड़छड़ करने के बाद उन्हें किडनैप करने की कोशिश की गई। इस घटना में सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि दूसरे छात्रों से मारपीट की बात भी बताई गई है।
दरअसल, पांच लड़कों के ग्रुप ने विवि कैंपस में आकर पहले एक पीएचडी स्टूडेंट की पिटाई की और फिर उन्होंने वहां मौजूद लड़कियों को परेशान करना शुरू कर दिया, इस दौरान उन्हें कार के अंदर घसीटने की कोशिश भी की गई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो एक संदिग्ध बीटेक स्टूडेंट अभिषेक की गिरफ्तारी हुई, शेष चार की तलाश जारी है। पुलिस ने कहा है कि, वसंत कुंज और किशनगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
जेएनयू के रजिस्ट्रार रवि ने कहा है कि इस मामले को विवि गंभीरता से ले रहा है और पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। साथ ही कैम्पस में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर माकूल प्रबंध किए जा रहे हैं। विवि ने एक सर्कुलर जारी कर नंबर जारी किया है जिसमें बताया गया है कि किसी भी स्टूडेंट या स्टाफ को इस मामले में कोई जानकारी होने पर है सिक्योरिटी ब्रांच में (011-26742878, 26704742) या पुलिस को जानकारी दें।
चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव ने बताया कि कैंपस में रात 10 से 6 बजे तक विजिटर्स के आगमन पर पाबंदी लगाई गई है। प्रवेश के लिए सभी स्टूडेंटस को गेट पर आईडी कार्ड दिखाने को कहा गया है किसी भी इमरजेंसी की तुरंत सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल करने के लिए कहा है।
जेएनयू कैंपस अपहरण के प्रयास और छेड़छाड़ मामले में साउथ वेस्ट दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्हें 2 शिकायतें मिली है। एक हमला करने की और दूसरी छेड़छाड़ और किडनैप करने का प्रयास- दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले में कैंपस के अंदर घुसी कार की पहचान कर उसमें सवार एक आरोपी को पकड़ लिया गया है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी का नाम अभिषेक है इससे पूछताछ की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि इसके साथ कार में कौन-कौन लोग सवार थे। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसके साथ कार में तीन और लोग थे। लेकिन स्टूडेंट्स ने कार में 5 लोगों के सवार होने की बात कही है जो नशे में थे। मामले में पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपी के और साथियों की पहचान हो गई है। उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है, उम्मीद है कि सभी आरोपी जल्द ही पकड़े जाएंगे इसके बाद ही मामले में पता लग सकेगा कि असल में इनका मकसद क्या था। यह किसकी पहचान से जेएनयू कैंपस के अंदर घुसे और क्यों।
घटना के लगभग 36 घंटे बाद भी पुलिस सभी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि करीब पांच से छह टीमें लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई है। पकड़े गए एक युवक अभिषेक से पूछताछ जारी है। कार सवार उसके दोस्तों का भी पहचान हो चुकी है। इसके बावजूद सभी फरार चल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो बुधवार को वारदात में शामिल एक लड़के को पुलिस ने पास आकर सहयोग करने की बात कही थी लेकिन वह गुरुवार को भी पुलिस के पास नहीं पहुंचा उल्टा फरार हो गया। पुलिस उसके परिजनों व रिश्तेदारों से संपर्क में हैं ताकि उसके बारे में पता किया जा सके। अभी तक की जांच में पता चला है कि सभी युवक मुनिरका और जेएनयू कैंपस के आसपास की ही रहने वाले हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी अभिषेक ने पूछताछ में बताया कि वह और उसके साथी पहले भी कई बार केंपस और नॉर्थ गेट के पास आते जाते थे। उस दिन भी वह अपने चार साथियों के साथ आया था पहले यूनिवर्सिटी के नॉर्थ गेट पर पांचों कार की गेट खोल कर आइसक्रीम खा रहे थे तभी पीएचडी की छात्र ने उनको गाड़ी दरवाजा खोल कर बैठने पर आपत्ति जताई थी इस पर उनके बीच झगड़ा हो गया था। आरोपी ने पीएचडी छात्र की पिटाई कर डाली इसके बाद आरोपी ने रात में दो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के अधिकार के अंदर खींचने की कोशिश भी की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टूडेंट्स ने कहा है कि एजेंसी सुरक्षा देने में हमेशा की तरह फेल साबित हुई है। एबीवीपी ने बताया कि जिस कार में बाहर के लोग आए थे वह कार पहले भी कैंपस में आती रही है। एबीवीपी के मेंबर आदर्श झा बताते हैं यह कार 6 से 7 बजे ही कैंपस में आ गई थी। और घटना देर रात हुई। यह सिक्योरिटी रजिस्टर में से पता चला है। बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री के लिए मेन गेट पर तैनात कार्ड को उस शख्स का नाम रजिस्टर में देना होता है। गार्ड को आने वाले शख्स से बातचीत करवानी होती है। मगर कई बार भीड़ की वजह से वह ऐसा नहीं करते। यही इस मामले में भी हुआ, इस कार में सवार लोगों ने किसी स्टाफ का नाम रजिस्टर में दिया है, और वह पहले भी कैंपस में आते रहे हैं। इस लापरवाही से सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा सवाल उठता है। एबीवीपी ने चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के इस्तीफे की मांग की है और सीसीटीवी लगाने, महिलाओं की सुरक्षा के इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी आईसीसी को मजबूत करने की मांग के साथ रात को प्रदर्शन किया।
समाचार पत्रिका में छपी रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू में सुरक्षा व्यवस्था में खामियों की शिकायतें पिछले कुछ सालों से सामने आती रही हैं। जेएनयू में पिछले साल जनवरी में एक पीएचडी स्टूडेंट के साथ रेप की कोशिश का मामला सामने आया था। इसमें दोषी एक बाइक पर सवार था। जेएनयू प्रशासन ने उस वक्त भी कहा था कि तेज म्यूजिक के साथ तेज स्पीड में आती कारों में लड़कों का हूटिंग करते हुए कैंपस में आने का मामला बढ़ रहा है। जिससे खास तौर पर छात्राएं असुरक्षित महसूस करती हैं। पिछले साल नवंबर में जेएनयू में दो गुटों के बीच मारपीट हुई थी। जिसमें एक ग्रुप ने आरोप लगाया था कि दूसरे से बाहरी लोग शामिल हुए थे, और सिक्योरिटी कुछ नहीं कर पाई थी। जनवरी 2020 में जेएनयू में घुसकर नकाबपोश ने कई स्टूडेंट्स और टीचर्स पर हमला किया था। पिछले साल जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने कैंपस में बढ़ती चोरियों को लेकर भी सुरक्षा एजेंसी पर सवाल उठाए थे, और कहा था कि 3 सालों में कैंपस में फैकल्टी और स्टाफ के घरों में 13 चोरियों के मामले सामने आए।
द मूकनायक ने जेएनयू में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रियंका भारती से बात की। प्रियंका जेएनयू में पीएचडी कर रही हैं, और सीआरजेडी जेएनयू की महासचिव है। वह बताती है कि "उस समय मैं वहां पर तो नहीं थी परंतु मुझे लगातार फोन और मैसेज आ रहे थे और जिन दो लड़कियों के साथ यह सब हुआ है। उन्होंने भी वूमेन ग्रुप जेएनयू पर मैसेज किए थे, कि जेएनयू कैंपस में चार-पांच लड़कों ने उनके साथ छेड़खानी की है और उनको गाड़ी में खींचने की भी कोशिश की है। गाड़ी सफेद रंग की स्विफ्ट है और सब नशे में है।"
आगे वे कहती हैं कि कैंपस में ही लड़कियां असुरक्षित हैं। जेएनयू की सुरक्षा हर तरह से फेल है और गार्ड तो केवल नाम के ही हैं। प्रियंका के अनुसार गाड़ियों की आवाजाही में पाबन्दी और स्टूडेंट्स को आईडी दिखाने की अनिवार्यता करना समस्या का समाधान नहीं है।
द मूकनायक ने जेएनयू के प्रशासन और सुरक्षा संबंधी अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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