लिव इन रिलेशनशिप में दलित महिला से जन्मी बेटी का स्कूल में होगा एडमिशन

खबर का असर: मध्य प्रदेश एससी आयोग ने कलेक्टर को कहा- "द मूकनायक में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करें!"
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खबर का असर.ग्राफिक- द मूकनायक
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भोपाल। लिव इन रिलेशनशिप में दलित महिला से जन्मी बेटी को स्कूल में एडमिशन नहीं देने के मामले में एससी आयोग ने संज्ञान लिया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने जबलपुर कलेक्टर को पत्र भेजकर कहा है कि सुनीता आर्या की बेटी का एडमिशन स्कूल में करवाकर उनके साथ किये गए जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना पर स्कूल के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर जांच प्रतिवेदन भेजें। आयोग ने यह कार्रवाई द मूकनायक की खबर को संज्ञान में लेकर की है, आयोग के पत्र में इसका उल्लेख भी किया गया है। द मूकनायक ने 9 अप्रेल 2024 को यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। 

29 अप्रेल 2024 को मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को पत्र लिख कर कहा कि "द मूकनायक न्यूज बेवसाइट में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेकर अनुसूचित जाति वर्ग की एकल माँ सुनीता आर्या जैविक पिता मनीष जैन (सामान्य वर्ग) की पुत्री का एडमिशन जबलपुर के प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में करवाने एवं उनके साथ किये गये जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताडना पर स्कूल के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के संबंध में ।"

मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को पत्र लिखा.
मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को पत्र लिखा.

इधर, खबर सामने आने के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी  कार्रवाई शुरू की है। खबर के प्रकाशित होते ही सम्बंधित आयोगों ने संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन मांगा है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा- "सुनीता आर्या से सम्बंधित मामले में आयोग के द्वारा कार्रवाई की जा रही है।" 

एससी आयोग ने कलेक्टर को लिखा पत्र

एससी आयोग ने लिखा की- "द मूकनायक न्यूज बेवसाइट में प्रकाशित समाचार "मध्यप्रदेश दलित महिला से लिव इन रिलेशनशिप में जन्मी बेटी को एडमिशन नहीं दे रहे स्कूल" संबंधी शिकायत की छायाप्रति संलग्न प्रेषित है। कृपया नियमानुसार प्रार्थिया की बेटी को स्कूल में प्रवेश दिलाने संबंधी उचित कार्यवाही कर प्रार्थिया की समस्या का समाधान कर जांच प्रतिवेदन एक माह में आवश्यक रूप से आयोग को भिजवाने का कष्ट करें।" 

क्या था मामला? 

दरअसल, साल 2010 में सुनीता आर्य की पहचान भोपाल में मनीष जैन से हुई थी। सुनीता तलाकशुदा महिला थी। मनीष और सुनीता के बीच प्रेम हुआ, दोनों ने ही साथ रहने का फैसला किया। सुनीता 2014 में प्रेग्नेंट हो गईं, उन्होंने जैसे ही ये बात मनीष को बताई तब मनीष ने सुनीता को कहा कि उनकी कोख में पल रहा बच्चा उनका नहीं है। और इतना कहकर मनीष सुनीता से अलग हो गया। जनवरी 2015 में सुनीता ने एक बेटी को जन्म दिया। 

बेटी के जन्म के बाद मनीष ने भोपाल जिला न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि सुनीता उन्हें ब्लैकमेल कर रही है, जबकि यह बच्चा उनका नहीं है। सुनीता ने कोर्ट से डीएनए टेस्ट की मांग की और रिपोर्ट आने पर यह सामने आया कि बेटी सुनीता और मनीष की ही है। डीएनए टेस्ट के बाद मामला मीडिया तक पहुँचा।

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