'सेव दी गर्ल चाइल्ड' की ब्रांड एम्बेसडर पर कई संगीन आरोप, जानिये देश की ये पहली आदिवासी मॉडल क्यों हैं सुर्ख़ियों में?

समाचारों की सुर्खियों में आने के बाद डॉ दिव्यानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर मामले को लेकर सफाई दी और अपने विरुद्ध सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया।
'सेव दी गर्ल चाइल्ड' की ब्रांड एम्बेसडर पर कई संगीन आरोप, जानिये देश की ये पहली आदिवासी मॉडल क्यों हैं सुर्ख़ियों में?
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उदयपुर - सेव दी गर्ल चाइल्ड अभियान की उदयपुर जिले की ब्रांड एम्बेसडर और देश की पहली जनजाति मॉडल के रूप में जानी जाने वाली डॉ दिव्यानी कटारा पिछले कुछ समय से गंभीर आरोपों से घिरी हुई हैं। हाल ही में कटारा के खिलाफ जोधपुर में एक व्यक्ति ने नौकरी के एवज में 5 लाख रुपये ऐंठने का मामला दर्ज करवाया है।

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में उदयपुर के अम्बामाता और भूपालपुरा थानों में भी दो जनों द्वारा दर्ज करवाए दो अलग अलग मामलों में दिव्यानी पर बच्ची गोद लेने के बाद उसे गुजरात में बेच देने, सेक्स रैकेट चलाने और ब्लैकमेलिंग आदि के कई संगीन आरोप लग चुके हैं।

जोधपुर में चांदपोल निवासी रामनिवास डागा की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक वह एक सोशल वर्कर है और उसकी मुलाकात दिव्यानी से जयपुर में सरकारी विभागों में आने जाने के दौरान हुई। डागा का कहना है कि कटारा ने स्वयं को समाज कल्याण मंत्री के रूप में पेश किया और विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख रुपये प्राप्त किये। बाद में नौकरी नहीं लगाए जाने को लेकर सवाल करने पर कटारा के तेवर बदल गए। डागा का आरोप है कि कटारा स्वयं का ऊंची राजनीतिक पहुंच बताती है और भंवरी कांड की तरह कई मंत्री व अधिकारियों के आपत्तिजनक क्लिपिंग होना भी कहती है। 

गौरतलब है कि दिव्यानी कटारा जनजाति आयुक्त ताराचंद मीणा की करीबी मानी जाती हैं और मीणा के उदयपुर कलेक्टर के रूप में सेवाकाल के दौरान अधिकांश सरकारी कार्यक्रमों में उनके साथ दिखती थीं। 

मुझे गन्दी निगाहों से देखता था, जातिगत अपमान किया - दिव्यानी

समाचारों की सुर्खियों में आने के बाद डॉ दिव्यानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर मामले को लेकर सफाई दी और अपने विरुद्ध सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया। कटारा ने कहा कि जितने भी लोग मुझसे जुड़े हुए हैं वे भली भांति जानते हैं कि मैंने स्वयं को कभी भी मंत्री या नेता नहीं बोला है ।  हमेशा गरीबों और महिलाओं के लिए काम किया है और अपने समाज को मदद करने की कोशिश की है। कटारा ने कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी संगीन आरोप चाहे गैंगरेप, बाल तस्करी और नौकरी के एवज में पैसे लेने आदि सभी झूठे हैं।

 डागा के आरोपों पर दिव्यानी ने कहा कि उस शख्स की निगाहें गंदी थी, उसने मेरे साथ बदतमीजी की, मुझे जातिगत गालियां दी और खुद का ज्यूडिशियरी में जज वकीलों से पहचान होने का बताते हुए झूठे केस में फंसाने की बात कही। कटारा ने कहा कि डागा खुद कई बार जेल जाकर आया है और ऐसा व्यक्ति मेरे जैसी आदिवासी बेटी के विरुद्ध यह कार्य कर रहा है। कटारा ने लोगों से समर्थन मांगते हुए यह कहा कि वो जवाबी कानूनी कारवाई में एससी-एसटी और मानहानि के प्रावधानों के तहत केस करेंगी। 

पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ दिव्यानी कटारा
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ दिव्यानी कटारा

उदयपुर में दर्ज हुए थे ये मामले

दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर के अम्बामाता थाने में गत 21 अप्रैल को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि दिव्यानी कटारा ने खुद को महिला आयोग की मंत्री और बच्चों का एंबेसडर बताया। फिर भविष्य सुधारने के नाम पर एक बच्ची गोद लेकर साथ ले गई। कुछ दिनों बाद बच्ची से बात करने के लिए महिला ने फोन लगाया लेकिन बात नहीं करवाई गई. दिव्यानी ने खुद को व्यस्त बताया और बाद में मालूम हुआ बच्ची को गुजरात में किसी को बेच दिया। आरोप हैं दिव्यानी अफसरों के नाम पर दलाली कर लोगों को ठगी है। उसपर बच्चे बेचना, पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर देह व्यापार चलाना और होटलों में लड़कियां भेजने आदि आरोप भी लगे. बताया गया कि वह 4-5 लड़के-लड़कियों की गैंग बनाकर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये ठगती थी। 

भूपालपुरा थाने में 19 अप्रैल को युवक ने शिकायत दी थी। बताया कि कलेक्ट्री में किसी काम के संबंध में दिव्यानी कटारा से उसकी पहचान हुई थी। दिव्यानी ने खुद को महिला आयोग की सदस्य व उदयपुर की द चाइल्ड की एंबेसडर बताया। खुद की पहुंच सीएम, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व मंत्रियों-अफसरों तक बताई।राकेश का संभागीय आयुक्त कार्यालय में जमीन विवाद विचाराधीन था। निपटाने के लिए दिव्यानी ने 25 लाख रुपए मांगे, जो टुकड़ों में दिए। कुछ दिन बाद दिव्यानी ने उन्हें भूपालपुरा स्थित अपने घर बुलाकर 15 लाख और मांगे। फिर पेय पदार्थ में नशीली दवा पिला दी, जिससे वह बेहोश हो गए। दिव्यानी ने बताया कि उसका आपत्तिजनक वीडियो बना लिया है। 15 लाख रुपए नहीं दिए तो दुष्कर्म का केस करवाएगी। इस पर पैसे देने पड़े।

कौन है डॉ दिव्यानी ?

दिव्यानी मूल रूप से डूंगरपुर के सीमालवाड़ा ब्‍लॉक में गांव गुदीघाटा की निवासी है और शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय डूंगरपुर से प्राप्त की , बाद में बीएएमएस आयुर्वेद में चिकित्सक की डिग्री उदयपुर से हासिल की. दिव्यानी की माता - लक्ष्मीदेवी कटारा राजकीय विद्यालय झौंथरी में शिक्षिका हैं और पिता रामलाल कटारा राजकीय विद्यालय नेगाला में पीटीआई हैं.
पिछले 12-13 वर्षों में, दिव्यानी ने प्रतिभा के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त करके राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की। सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से संलग्न होकर, वह आदिवासी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा रही हैं, और उन्हें अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। फरवरी में दिव्यानी को राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड द्वारा सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था.

दिव्यानी को डेढ़ दर्जन पुरस्कार मिल चुके हैं। इनमें दादा साहब फाल्के फैशन यूथ आइकन लाइफ स्टाइल अवॉर्ड, कैनन मिस इंडिया रनर अप 2018, मिस आयरन मेडेन ऑफ दिवा ऑफ इंडिया इंटरनेशनल 2018, मिस लेकसिटी 2017 अवॉर्ड शामिल हैं।

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