महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं। हर जगह उनके काम की तारीफ हो रही है और वे अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहीं हैं। कोरोना काल के बाद निजी कंपनियों में वर्कफोर्स को लेकर बहुत बड़ा परिवर्तन देखा जा रहा है। निजी क्षेत्र के पिछले 2 सालों में भर्ती कर्मचारियों में 50 परसेंट महिलाएं हैं । यह औसत 2020 के मुकाबले 17% ज्यादा है । यह दावा हरकी नाम की एक सर्वे फर्म का है।
हरकी की रिपोर्ट के अनुसार डायवर्सिटी बेंच मार्क रिपोर्ट 2020 -23 में भारत की तीन सौ कंपनियों में सर्वे के आधार पर बताया है कि 70% कंपनियों ने नई भर्तियों में महिला पुरुष के बीच संतुलन रखने के लिए खास लक्ष्य तय किए थे । इसमें वह काफी हद तक कामयाब रहे। इन कंपनियों में महिलाओं की भर्ती सालाना आधार पर औसतन 13% बढ़ी है। एक समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के अनुसार हरकी की सीईओ नेहा पगारिया ने बताया कि बदलते दौर में लचीले नियमों की वजह से महिलाओं को फायदा मिला है। ज्यादातर कंपनियां अब जेंडर इंक्लूसिविटी पर ध्यान दे रहीं हैं। इसके चलते यह सकारात्मक बदलाव आया है। कई बड़ी कंपनियों ने प्रोडक्ट क्वालिटी बढ़ाने के पर जेंडर इक्वलिटी को अहम मानते हुए बदलाव किए हैं।
कंपनियों ने माना महिलाओं को फीडबैक से फायदा हुआ
57% बड़ी और 43% छोटी कंपनियों ने माना कि कोविड-19 के दौरान महिलाओं को काम पर वापस लाने के लिए विशेष प्रोग्राम चलाए।
51% कंपनियों ऐसी रही जिन्होंने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जॉब प्लेटफार्म के साथ अभियान भी चलाए।
80 परसेंट कंपनियों ने माना महिलाओं के फीडबैक से उन्हें पॉलिसी मजबूत बनाने में मदद मिली।
द मूकनायक ने इस विषय पर दिल्ली में एक निजी कंपनी में कार्यरत महिला से बात की। उन्होंने बताया कि "मेरे यहां 100 में से 70% महिलाएं काम करती हैं सिर्फ 30 परसेंट ही पुरुषों की संख्या है। यह बहुत ही कंफर्टेबल भी होता है। हमारे यहां नई योजनाएं आती रहती हैं। जैसा व्यवहार पुरुषों के साथ किया जाता है, वैसा ही हमारे काम को भी लेकर किया जाता है। दोनों को समान दर्जा दिया जाता है। समय में थोड़ा अंतर भी होता है। हमारे जाने के समय पुरुषों से 15 मिनट पहले हो जाता है। जो हमारी सुरक्षा के लिहाज से उचित है। मैं काफी सालों से यहां जॉब कर रही हूं। और पहले से काफी सुविधाओं में बढ़ोतरी है।"
केंद्र सरकार के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर एक प्रगति रिपोर्ट से पता चला है कि गुजरात में महिलाएं तेजी से कंपनियों में प्रबंधकीय भूमिकाएं हासिल कर रही हैं। गुजरात ने प्रति 1,000 लोगों पर प्रबंधकीय पदों पर कार्यरत महिलाओं के उच्चतम अनुपात का गौरव हासिल किया है।
2019-20 की तुलना में 2021-22 में प्रबंधकीय पदों पर कार्यरत महिलाओं की संख्या में आठ अंक की वृद्धि हुई है। 2019-20 में, प्रत्येक 1,000 लोगों पर प्रबंधकीय पदों पर 15.5 महिलाएं थीं। 2021-22 में यह संख्या आठ अंक बढ़कर 23.5 हो गई।
सतत विकास लक्ष्य राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क, 2023 पर प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, केवल हिमाचल, मणिपुर और सिक्किम जैसे छोटे राज्यों में प्रबंधकीय पदों पर महिलाओं का अनुपात अधिक है।
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