भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा सीट बुधनी से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो बहनें सीएम से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं। दोनों लड़कियां आरोप लगा रही हैं कि प्रशासन में बैठे लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।
वायरल हुए वीडियो में, दोनों लड़कियां सीहोर जिले के बुधनी घाट निवासी सुजान विश्वकर्मा की बेटी हैं। आस्था विश्वकर्मा और मुस्कान विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रोड शो के दौरान एक आवेदन मुख्यमंत्री के हाथ में सौंपा था, उस आवेदन में इन बेटियों ने मुख्यमंत्री से फरियाद की थी कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पदाधिकारी और शासकीय अधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। मामला पुश्तैनी मकान के नव निर्माण से जुड़ा है।
बुधनी के नर्मदा घाट पर सुजान विश्वकर्मा का पुश्तैनी मकान था। उसी के सामने वह लकड़ी के खिलौने बनाकर बेचा करते हैं। मकान पुराना था इसलिए सुजान ने इसे तुड़वाकर उसी जगह मकान और दुकान का निर्माण शुरू किया था। विश्वकर्मा परिवार के पास जमीन संबंधी पट्टा के कागजात भी है। उन्हें इस मकान पर भू अधिकार पत्र भी दिया जा चुका है।
दरअसल 25 अक्टूबर को सुजान विश्वकर्मा के घर मकान निर्माण का काम चल रहा था उसी दौरान बुधनी नगर परिषद के सीएमओ और पुलिस मौके पर पहुँची। बिना किसी नोटिस के सीएमओ ने काम बंद करवा दिया। इस बीच पुलिस ने विश्वकर्मा परिवार को वहाँ से हटा दिया।
घटना सामने आने के बाद द मूकनायक की टीम बुधनी के नर्मदा घाट पर पहुचीं। यहाँ घाट के सामने ही सुजान विश्वकर्मा का मकान है। फिलहाल मकान का काम बंद पड़ा है। मकान में अधूरा निर्माण के कारण सुजान और उनका परिवार पास में ही किराए के मकान पर रह रहा है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए सुजान मुस्कान विश्वकर्मा ने बताया कलेक्टर कार्यालय द्वारा अगस्त 2023 को उन्हें मकान का आवासीय पट्टा आवंटित किया था, लेकिन जब उनका परिवार इस पट्टे की जमीन पर मकान बनाने लगा तो भाजपा नेताओं के इशारे पर सीएमओ और तहसीलदार जेसीबी लेकर घर आ गए और मकान निर्माण का पूरा सामान और मशीन लेकर थाने में जप्त करा दिया। मुस्कान कहना है कि सीएमओ और तहसीलदार ने उनके साथ गलत व्यवहार किया, उन्हें अपमानित किया और जेल भेजने की धमकी दी।
नगर परिषद प्रशासन और पुलिस के द्वारा जबरन काम रोकने और गलत व्यवहार करने से परेशान होकर दोनों बहनों ने एक वीडियो जारी करके यह पूरा घटनाक्रम बताया। इसी वीडियो में उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग की थी। द मूकनायक से बातचीत करते हुए सुजान विश्वकर्मा ने कहा कि वह बहुत परेशान हो चुके है। पट्टा होने के बाद भी प्रशासन मकान बनाने से रोक रहा है। मकान बनाने के लिए बिल्डिंग परमिशन के लिए भी आवेदन एक महीने पहले कर चुके थे, इसके बाद भी हमें रोक रहे हैं।
सुजान विश्वकर्मा का जहां घर है वह आबादी वाला क्षेत्र है। बगल में नर्मदा घाट होने के कारण लोग आस्था के चलते यहां आते-जाते रहे हैं। यही सुजान के पिता की लकड़ी के सामन की दुकान थी, जिसमें लकड़ी के खिलौने एवं अन्य सामग्री बना कर बेचा करते थे। पिता के बाद यह दुकान सुजान ने संभाली थी। सुजान अपनी पत्नी दो बेटी और एक बेटा सहित इसी मकान में रहता है। सुजान के विवाह से लेकर बच्चों का जन्म उनका पालन-पोषण इसी घर में हुआ है। सुजान विश्वकर्मा ने हमें बताया कि उनके पिता एवं दादा इसी मकान में रहे हैं। उनके दादाजी के समय में ही बिजली कनेक्शन मिला था। पानी के नल का कनेक्शन भी पिता के सामने मिल गया था। उन्होंने कहा कि तीन पीढ़ियां इसी घर में रह रहीं हैं।
बुधनी नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 10 के पूर्व पार्षद संजय शर्मा ने हमसे बातचीत में बताया कि सुजान का मकान करीब 90 साल पुराना रहा होगा। सुजान विश्वकर्मा नर्मदा घाट के ही निवासी है। संजय शर्मा ने बताया कि वह इसी वार्ड से चार बार पार्षद चुने गए है। उन्होंने कहा कि सुजान और उनका परिवार कई वर्षों से यहाँ रह रहा है।
पुश्तैनी मकान होने के कारण सुजान के पास मकान की रजिस्ट्री नहीं थी। लेकिन उनके पिता और दादा उसी मकान में रहे है। लंबे समय से मकान पर काबिज होने से उनका नाम नगर परिषद की मकान पंजी क्रमांक में 1000019001 पर दर्ज है। उक्त मकान की कर राशि पूरी जमा है, लेकिन नगर परिषद के ऑनलाइन पोर्टल में मकान निर्माण करने के लिए रजिस्ट्री संलग्न की जाती है। इस कारण सुजान ने 01 सितंबर 2023 को पत्र लिख कर मकान के नवनिर्माण की अनुमति चाहने का आवेदन दिया। एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी आवेदन पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई न ही उसे निरस्त किया गया। लेकिन जैसे ही सुजान ने मकान की छत डालना शुरू की सीएमओ ने बिना किसी नोटिस के मकान का काम बंद करवा दिया। सुजान के परिवार का आरोप है कि वार्ड के वर्तमान भाजपा पार्षद श्रीकांत शर्मा, प्रशासन से मिलकर उन्हें परेशान कर रहे हैं।
सुजान ने बताया कि श्रीकांत शर्मा के खिलाफ अक्टूबर 2012 में एक आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर 2012 की रात को बुधनी घाट पर दुर्गा पंडाल में श्रीकांत शर्मा ने तोड़फोड़ कर एक महिला को पीटा था। श्रीकांत शर्मा उस वक्त युवा मोर्चा के नगर उपाध्यक्ष थे। उक्त घटना मेरे सामने की थी इसलिए मैंने श्रीकांत के खिलाफ थाने में बयान दिए थे। जिसका बदला अब यह पार्षद बनकर निकाल रहा है। सुजान विश्वकर्मा का आरोप है कि श्रीकांत शर्मा नगर परिषद के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर मेरे परिवार को परेशान कर रहा है।
सुजान सिंह के मकान काम रोकने के बाद उन्होंने बुधनी सिविल न्यायालय में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पाया कि प्रशासन बिना वजह उन्हें मकान बनाने से रोक रहा है। कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया है, वह चिन्हित भूमि पर ही निर्माण कर रहा है। कोर्ट ने कलेक्टर सीहोर को मकान निर्माण को लेकर किसी भी तरह के हस्तक्षेप या दखल रोकने का आदेश पारित किया है।
इस मामले को लेकर हमने बुधनी नगर परिषद के सीएमओ सतीश मालवीय से बातचीत की उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला कोर्ट के संज्ञान में है इसलिए इस पर कुछ नहीं बोल सकते। सीएमओ ने कहा कि बिल्डिंग परमिशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन किया जाता है। आवेदन मिलेगा तो कार्यवाही करेंगे। ऑफलाइन आवेदन पर कार्यवाही नहीं की जा सकती। वहीं भाजपा पार्षद श्रीकांत शर्मा के दबाव में की गई कार्यवाही के सवाल पर सीएमओ सतीश मालवीय ने कहा यह सब आरोप निराधार है।
सुजान विश्वकर्मा के परिवार के आरोपों पर पार्षद श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वह गलत आरोप लगा रहे हैं। मेरे पार्षद बनने के पहले वर्ष 2014 में सुजान विश्वकर्मा को नगर परिषद ने अतिक्रमण का नोटिस भेजा था। श्रीकांत शर्मा ने कहा किसी तरह की रंजिश नहीं है। अतिक्रमण करने से रोकने के कारण यह बातें सुजान का परिवार बना रहा है। सुजान को दिए गए मकान के पट्टे की जांच के लिए एसडीएम को पत्र भेजा है।
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