महिला उत्पीड़न के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर त्वरित न्याय करें सुनिश्चित

महिला उत्पीड़न के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर त्वरित न्याय करें सुनिश्चित
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  • मध्यप्रदेश में दलित-आदिवासी महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसक घटनाओं के विरोध में मुखर हुए जनप्रतिनिधि व आमजन

भोपाल। मध्य प्रदेश में दलित व जनजातीय समाज की महिलाओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे है। इसके उलट राज्य सरकार ये दावा करने से नहीं चूकती की उनकी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा व उनके अधिकारों के लिए तमाम उपाय किए जा रहे है, लेकिन हाल में देवास व गुना में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। आलम यह है कि सत्ता पक्ष की राज्यसभा सांसद जो दलित समाज से आती है। उनको भी अपमानजनक व्यवहार सहना पड़ा।
महिला सुरक्षा एवं सम्मान के मुद्दे को लेकर द मूकनायक ने जनप्रतिनिधियों व आम जन से बातचीत कर जाने उनके विचार।

ख्यात व्हिसल ब्लोवर डॉ. आनंद राय ने कहा कि बीजेपी सरकार दलित-आदिवासी महिलाओं के संरक्षण और उनके अधिकारों के प्रति सजग नहीं है। राय ने कहा जब तक आदिवासी विधायक और सांसद बन कर सरकार में नहीं आ जाते। तब तक ऐसी घटनाएं उनके खिलाफ होती रहेंगी।
अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ के महासचिव एसएल सूर्यवंशी ने कहा कि महिला उत्पीड़न के मामलों में समय-समय पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को पत्र लिख कर फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की मांग करते रहे है। हाल में सीएम से दलित, आदिवासी महिलाओं के खिलाफ जघन्य घटनाओं पर जिले के एसपी व कलक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मोनिका शाह बट्टी ने कहा कि पिछले दो वर्षों से आदिवासी महिलाओं के खिलाफ घटनाएं बढ़ गई है। मोनिका ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासियों में जागरूकता आई है। वे अब सरकार में हिस्सा चाहते है। यही बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही है। मोनिका ने कहा कुछ लोग आदिवासियों को आपस में लड़ा कर भी उन्हें उलझाना चाहते है।
विधायक और आदिवासी नेता डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और घटनाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। सीएम से मांग की है कि वे इसे गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटनाओं के लिए तत्काल फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करें। मामलों की सुनवाई जल्द खत्म कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जाए।

कब और कहा घटी घटना

नेमावर आदिवासी हत्याकांडः मध्यप्रदेश देवास में 13 मई 2021 को नेमावर बस स्टैंड के पीछे किराए के मकान में रहने वाले आदिवासी परिवार के सदस्यों की हत्या कर शव खेत में दफना दिए गए थे।

गुना में महिला को जलायाः गुना में एक आदिवासी महिला को जिंदा जला दिया गया था। पुलिस को महिला उसके खेत में जली हुई अवस्था में मिली थी। ये मामला गुना के पास बमोरी के धनोरिया गांव का था।

महिला के साथ बर्बरताः देवास जिले के उदयनगर थाना अंतर्गत बोरपड़ाव गांव में ग्रामीणों ने एक आदिवासी महिला और उसके कथित प्रेमी को तालिबानी सजा दी और उसके साथ जमकर बर्बरता की। ग्रामीणों ने पति को पीडि़त महिला के कंधों पर बैठाकर गांव में जुलूस निकाला था। वहीं जमकर पिटाई की थी।

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