नई दिल्ली। दिल्ली में रहने वाली 17 वर्षीय सोनिया कुमारी फरवरी 2023 से गुमशुदा है. सोनिया एक पिछड़े समाज से आती है, पूरा परिवार दिल्ली के आनंद विहार इलाके में झुग्गी बस्ती में रहता है. परिवार में पांच लोग थे, अब चार बचे हुए लोग बेसब्री से सोनिया की तलाश कर रहे हैं.
यह कहानी सिर्फ सोनिया के लापता होने की नहीं ब्लकि उसे ढूंढती उसकी माँ के संघर्ष की भी है, यह कहानी बेबसी और लाचारी की भी है, जहाँ एक माँ अपनी बच्ची की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाती है लेकिन उसके बावजूद कहीं से कोई मदद नहीं जुटा पाती है.
सोनिया रविवार, 19 फरवरी 2023 की दोपहर को लापता हुई, वह गुप्ता परिवार के दो छोटे बच्चों की देख रेख का काम करती थी. इनका अपार्टमेंट सोनिया के घर के इलाके से कुछ ही दूरी पर है. वह 24/7 अपने मालिक के घर में रहती थी और 15 दिन में एक या दो बार अपने घर जाया करती थी. सोनिया आखिरी बार अपने मालिक के घर से निकली थी जिसके बाद से वह लापता है.
द मूकनायक मामले से जुड़े हर व्यक्ति तक पहुंचा और इस चल रही इन्वेस्टीगेशन में सामने आने वाले हर छोटे से छोटे विवरण को लगातार ट्रैक किया. हमारी जांच के दौरान हमें पता चला कि इस गुमशुदा लड़की की कहानी में कई खामियां हैं, जो जाहिर तौर पर एक पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, और कैसे गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद चीजों का खुलासा होता है.
जैसे-जैसे हमने कहानी के विभिन्न कोणों की गहराई से पड़ताल की, हम इस मामले में बहुत सारी अस्पष्टता का पता लगाने में सक्षम हुए. स्पष्ट रूप से इस कहानी के कई पहलु हैं. पहला एक माँ का स्पष्ट उदाहरण है कि वह अपनी बेटी की तलाश कर रही है, उसे पुलिस और वकीलों से कोई मदद नहीं मिल रही है जबकि उसने मामले में हस्तक्षेप करने के लिए अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है.
पिता पिछले 8 साल से बेरोजगार, मां घरों में खाना बनाने का काम करती है। सोनिया के पिता ज्ञानू अपनी गंभीर बीमारी के कारण पिछले 8 सालों से बेरोजगार हैं. उन्हें टीबी की शिकायत हुई थी जिसके बाद उन्होंने काम करना बंद कर दिया था. ज्ञानू और गीता (सोनिया की माँ) के तीन बच्चे हैं, उनमें से सबसे बड़ी सोनिया (17 वर्ष) थी जिसके बाद रोहित (15 वर्ष) और सबसे छोटी मोनिका (13 वर्ष) आती है.
सोनिया के लापता होने से पहले गीता और सोनिया काम कर परिवार का पेट पाल रहे थे. सोनिया की पढ़ाई में रुचि नहीं थी इसलिए उसने 7वीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्कूल छोड़ दिया.
वर्ष 2022 में उसने गुप्ता परिवार में दो बच्चों की देखभाल का काम शुरू किया और जिस समय वह लापता हो गई, उसने उसी घर में काम करते हुए लगभग 10 महीने पूरे कर लिए थे. सोनिया जिनके यहाँ काम करती थी उनका नाम मेधा गुप्ता और रोहित गुप्ता है, जो अब तलाक ले चुके हैं. रोहित गुप्ता एक स्वतंत्र लेखक हैं और मेधा गुप्ता एक बैंक में काम करती हैं.
रोहित गुप्ता फिलहाल हिमाचल के किसी गांव में हैं जो उनका गृह जिला है. गीता की मां ने हमें बताया कि सोनिया के लापता होने की सूचना मिलने के बाद से ही वह हिमाचल गए थे. उनका यह भी आरोप है कि हो सकता है कि रोहित गुप्ता का उनकी बेटी के लापता होने से कोई लेना-देना हो.
रविवार की दोपहर करीब 1 बजे सोनिया मेधा के परिवार के साथ थी, जो मेधा के अपार्टमेंट से सटे बिल्डिंग में रहते हैं. द मूकनायक सोनिया की मां गीता से मिला और जाना कि उस दिन वास्तव में क्या हुआ था.
गीता ने जैसा मेधा ने बताया था वैसा ही वाकया सुनाया. उसने कहा, "सोनिया ने मेधा से अपना वेतन मांगा और कहा कि वह पास के घर जहां मैं काम कर रही थी वहां जा रही है मुझे पैसे देने, यह वह समय था जब वह चली गई और वापस नहीं आई."
शाम को लगभग 4 बजे गीता को खबर मिली कि सोनिया मेधा के घर नहीं लौटी है, जिसके बाद वह आनंद विहार थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए दौड़ पड़ी. आईपीसी की धारा 363 के तहत उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
हमसे बात करते हुए गीता ने बताया कि सोनिया का कामकाजी महीना हर महीने की 20 तारीख को खत्म हो जाता था और उसे हर महीने की 25 तारीख के बाद वेतन मिलता था. उन्होंने कहा, "यह कैसे संभव है कि मेधा ने वेतन 19 तारीख को या उससे पहले दे दिया था क्योंकि सोनिया के 10 महीने के कार्यकाल में उसे एक बार भी देय तिथि से पहले वेतन नहीं मिला है."
हमने इस बारे में पूछताछ की कि सोनिया कैसी लड़की थी. हमने उसकी मां, भाई-बहन, वो परिवार जिनके यहाँ वो काम करती थी और पड़ोसियों से जानकारी मांगी. उन सभी ने कहा कि वह एक शर्मीली लड़की थी, हालाँकि वह सोशल मीडिया पर रील बनाती थी लेकिन वास्तव में किसी से ज़्यादा बात नै करती थी और अपनी उम्र की लड़कियों की तरह भोली थी.
गीता ने हमें बताया कि सोनिया के लापता होने के बाद वह उसका सामान लेने मेधा के घर गई थी, जिस पर मेधा ने कहा कि वह अपने साथ एक भी कपड़ा नहीं ले गई है, लेकिन गीता को जो मिला वह सोनिया के पुराने कपड़े थे, उसके हाल ही में खरीदे कपड़े नहीं.
गीता ने कहा कि सोनिया उसे सब कुछ बताती थी, वह एक अच्छी बच्ची थी. सोनिया ने एक बार अपनी मां से कहा था कि वह सोशल मीडिया पर एक लड़के से बात कर रही हैं, जो उसका कजिन है, जिसके बारे में उसे नहीं पता था कि उसके साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं.
सोनिया की मां के बताए अनुसार लड़का लुधियाना का रहने वाला है. गीता ने कहा, "सोनिया मेरे पास आई और कहा कि लड़के ने उससे शादी करने का प्रस्ताव दिया जब मैंने कहा कि वह तुम्हारा भाई है और तुम उससे शादी नहीं कर सकते, तो इस बात पर सोनिया सहमत हो गई और कहा कि वह लड़के से फिर कभी बात नहीं करेगी."
इस मामले के बाद गीता ने सोनिया से पूछा कि क्या वह अभी जल्दी शादी करना चाहती है क्योंकि 25 फरवरी 2023 को उसकी उम्र 18 साल होनी थी. सोनिया ने गीता के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं चार साल और शादी नहीं करना चाहती.
गीता ने हमें बताया कि वह अपने बच्चों के साथ बहुत उदार थी और उसने सोनिया से कहा था कि जब भी उसे कोई मिले या जिससे वह शादी करना चाहती है तो उसे बता दे.
लापता होने के 6 दिन पहले सोनिया अपने घर गई थी और अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ हमेशा की तरह अच्छा व्यवहार कर रही थी. द मूकनायक ने उस क्षेत्र का दौरा किया जहां परिवार रहता है और पड़ोसियों से परिवार के बारे में पूछताछ की, जिस पर पड़ोसियों ने वही कहा जो सोनिया की मां ने दावा किया था कि वह एक शर्मीली बच्ची थी और जब वह कुछ समय के लिए घर आती थी तो अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी.
गीता का यह भी आरोप है कि रोहित गुप्ता भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं क्योंकि सोनिया उन्हें बताती थीं कि रोहित लगातार उसे मॉडलिंग करने के लिए कहता था क्योंकि वह इसके लिए सही दिखती हैं. वह यह भी कहती हैं कि जब से सोनिया लापता है तब से मेधा ने हमें सोनिया के बारे में पूछने के लिए एक बार भी फोन नहीं किया और जब गीता उन्हें फोन करती थी तो वह सोनिया के बारे में पूछती थी.
द मूकनायक मामले के बारे में पूछताछ करने के लिए मेधा गुप्ता के पास पंहुचा. मेधा ने कहा, 'सोनिया मुझे बहुत प्यारी थी, वह मेरे अपने बच्चे जैसी थी। हम एक परिवार की तरह रहते थे और मैं और रोहित हमने उसे कभी कुछ भी करने से नहीं रोका. वह स्केचिंग में अच्छी थी इसलिए हमने उसके काम की सराहना की और कहा कि तुम अपने जीवन में जो चाहें हासिल कर सकती हो.
जब हमने मेधा से उनके और उनके पति रोहित के अलग होने पर और रोहित को सोनिया के लापता होने से जोड़ने के बारे में पूछा तो मेधा ने गीता के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि हम अलग हुए क्योंकि हमारे अपने कारण थे और रोहित इस तरह का व्यक्ति नहीं है जो ऐसा करे या इसमें शामिल हो। वह वास्तव में सोनिया के प्रति बहुत अच्छे और सहायक थे.
मेधा ने हमें अपनी घरेलू सहायिका नेहा का संपर्क दिया, जो पिछले 25 वर्षों से मेधा के मायके में काम कर रही है और उसने ही मेधा के बच्चों की देखभाल के लिए सोनिया को काम पर रखवाया था. जाहिर तौर पर नेहा का संबंध सोनिया के परिवार से है और वह भी उसी इलाके में रहती है.
हम नेहा से मिले और उससे उस घटना के बारे में पूछा, जिस पर उसने कहा कि जब सोनिया पास के घर में अपनी मां से मिलने के लिए निकली तो वह वहीं थी और उनके सामने ही सोनिया अपनी माँ को पैसे देने गयी.
सोनिया के साथ उनके बर्ताव के बारे में जानने के लिए हमने रोहित और मोनिका (सोनिया के भाई-बहन) से भी बात की. जिस पर उन दोनों ने जवाब दिया कि वह उन्हें बहुत प्यारी थी और उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करती थी.
गीता ने कोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट: जब गीता को पुलिस की तरफ से कोई मदद नहीं मिली तो उसने अदालत का रास्ता अख्तियार किया और एक वकील से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. मामला कड़कड़डूमा कोर्ट में दर्ज किया गया था और वकील शबाना सोनिया के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रही थीं.
द मूकनायक ने फोन पर शबाना से संपर्क किया और पूछताछ की कि अदालत में क्या दायर किया गया है और अब तक क्या हुआ है क्योंकि गीता साक्षर नहीं थी, हमें यह बताने के लिए कि अदालत में क्या दायर किया गया है.
शबाना ने कहा, "हमने मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दिल्ली पुलिस से पूछा है कि उन्होंने अब तक क्या जांच की है. हमारी कई सुनवाई हुई है जिसमें पुलिस का आरोप है कि गीता पुलिस से कुछ छिपा रही है और उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है.”
गीता ने हमें बताया कि जब प्राथमिकी दर्ज की जा रही थी तो उसने पुलिस को वह सब कुछ बता दिया था जो वह जानती थी. उसने आरोप लगाया कि जब उसे कुछ या अन्य जानकारी मांगने के लिए बुलाया गया तो उसने आनंद विहार पुलिस स्टेशन के कई चक्कर लगाए.
एक बयान में गीता कहती हैं, "अदालत के हस्तक्षेप की तलाश करने से पहले हम कई बार पुलिस स्टेशन गए और हर बार पुलिस हमें यह कहते हुए वापस भेज देती थी कि कई लड़कियों के लापता होने की सूचना है, कुछ 3 महीने और 3 साल से लापता हैं."
गीता का कहना है की हमें दिल्ली पुलिस से कोई मदद नहीं मिली, तभी हमने अपनी बेटी को किसी तरह वापस पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया.
जब हमने शबाना से संपर्क किया, तो गीता ने कहा कि उन्होंने वापस गीतों को फोन किया और उसे डांटा कि वह प्रेस से बात क्यों कर रही है और आगे कहा कि आप चाहते हैं कि मैं प्रेस से भी बात करूं और 1000 रुपये की मामूली फीस के साथ आपका केस भी लड़ूं.
दिल्ली पुलिस का कहना नहीं चल पा रहा लड़की का पता: द मूकनायक मामले के जांच अधिकारी आनंद विहार एएसआई रविंदर सिंह से व्यक्तिगत रूप से मिलने और मामले पर चर्चा करने के लिए पंहुचा. हम आनंद विहार थाने में एएसआई रविंदर से मिले, जहां उन्होंने हमें कई नंबरों के लिए फाइल की गई सीडीआर रिपोर्ट दिखाई, जो नंबर उन्हें सोनिया के परिवार से मिले थे, लेकिन हर बार रिपोर्ट निल होने पर दिए गए नंबर से कुछ पता नहीं चल पाता.
एएसआई रविंदर ने हमें बताया कि सोनिया के आखिरी फोन की लोकेशन कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन पर लाइव थी, जिस दिन वह लापता हुई थी, जिसके बाद उसका नंबर स्विच ऑफ हो गया और उसका पता नहीं चल सका.
वहीं दूसरी ओर गीता जो लगातार अपनी बेटी के फोन नंबर पर इस उम्मीद में कॉल कर रही है कि किसी दिन यह लग सकता है. वह कहती हैं कि मार्च में सोनिया का फोन चालू हो गया था और जब उन्होंने फोन किया तो पूरी घंटी बज गई लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.
जांच अधिकारी ने हमें सीधे तौर पर बताया कि सोनिया की मां पागल है वह कभी कोई नंबर देती है और फिर दूसरा नंबर लेकर आ जाती है.
रोहित गुप्ता के हिमाचल में होने के बारे में पूछने पर एएसआई रविंदर ने बताया कि वह बीमार है और उसे अस्थमा है. उन्होंने कहा, “रोहित को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है लेकिन वह वास्तव में बीमार है और हिमाचल में है क्योंकि उसे यहां दिल्ली में ताजी हवा नहीं मिल रही थी और अब उसका भी तलाक हो गया है. वह जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा है.”
हमने एएसआई से पूछा कि क्या रोहित गुप्ता ने कोई मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी जिसमें उसे अस्थमा का पता चला था, जिस पर एएसआई ने सबसे लचर जवाब देते हुए कहा, "गांवों में चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं, इसलिए हो सकता है कि वह अपने अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त करने में सक्षम न हो. हिमाचल में गाँव और साथ ही वह वहाँ ताज़ा वातावरण में चिकित्सा उपचार के बिना ठीक हो रहा है."
हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने रोहित गुप्ता को अगली अदालत की सुनवाई में उपस्थित होने के लिए कहा गया है और अगर वह ऐसा करने में विफल रहे तो उन्हें नोटिस देकर बुलाया जाएगा.
गीता ने पहले हमारी बातचीत में आरोप लगाया था कि रोहित गुप्ता द्वारा पुलिस को रिश्वत दी जा सकती है क्योंकि जब प्राथमिकी दर्ज की गई थी तो वह सोनिया के पिता ज्ञानू और मेरे साथ मौजूद था. पुलिस ने मुझे हॉल में बैठने को कहा और रोहित गुप्ता को लेकर अंदर चली गई.
"यही कारण है कि वे रोहित और मेधा गुप्ता को परेशान नहीं कर रहे हैं और वे केवल हमें परेशान कर रहे हैं जो पहले से ही बहुत दुख में हैं क्योंकि हमारी बेटी लापता है और 2 महीने से अधिक समय हो गया है. हमारा शोषण किया जा रहा है क्योंकि हम समाज के वंचित तबके से हैं. इसलिए वास्तव में किसी को हमारी परवाह नहीं है,” गीता ने कहा.
एएसआई रविंदर सिंह ने हमें मेधा गुप्ता की पूरी रिपोर्ट और बयान दिखाए, जो थाने में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाए जाने पर अपने वकील के साथ आई थीं.
उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया के माता-पिता उन पर इस मामले को देखने का दबाव बना रहे हैं लेकिन हमने पुलिस तंत्र के हिस्से के रूप में काफी कुछ किया है.
“हमने अपनी ओर से जांच की है, लेकिन माता-पिता को भी अपनी ओर से कुछ करना चाहिए, वे पूरी तरह से हम पर निर्भर हैं और फिर भी हमें पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं. एएसआई रविंदर सिंह ने कहा कि यह केवल पुलिस विभाग की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि माता-पिता की भी अपने बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी है.
हमने सोनिया के सोशल मीडिया हैंडल भी एक्सेस किए हैं और इसने मामले की दिल्ली पुलिस की जांच पर कुछ गंभीर सवाल खड़े किए हैं. हमें गीता और मोनिका ने बताया है कि सोनिया के गायब होने के बाद उनकी आधी इंस्टाग्राम पोस्ट गायब हो गईं. सोनिया के पास एक निजी इंस्टाग्राम अकाउंट है जिसमें 2018 फॉलोअर्स हैं और अब तक 10 पोस्ट के साथ 6 फोल्लोविंग की लिस्ट है.
सोनिया के इंस्टाग्राम बायो के नीचे एक YouTube लिंक है, हमने लिंक खोला और पाया कि 6 मार्च 2023 से 11 मार्च 2023 के बीच YouTube शॉर्ट्स पोस्ट किए गए थे. जब हमने ASI रविंदर से सोनिया के सोशल मीडिया हैंडल के बारे में पूछा, तो वह पूरी तरह से अनजान लग रहे थे. वीडियो देखने के बाद उन्होंने कहा, "इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप विदेशों की चीज़ें हैं और वहां तक मेरी पहुंच नहीं है, इसलिए मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता."
रविंदर ने हमारी आगे की बातचीत में कहा, "मैं इस लड़की को खोजने और इस मामले को बंद करने के लिए बेताब हूं क्योंकि यह मेरे लिए परेशानी की बात है क्योंकि हमें इस मामले में कोई सुराग नहीं मिल रहा है."
अदालत में अगली सुनवाई 19 मई 2023 को निर्धारित है. कहानी के लिए जानकारी एकत्र करते समय हम सोनिया के माता-पिता से कई बार मिले और उनका कहना है कि वे पुलिस जांच और न्यायपालिका दोनों से उम्मीद खो रहे हैं.
सोनिया के पिता ने कहा, "हम जैसे लोगों के लिए न्याय पाना मुश्किल है क्योंकि कोई भी हमारी बात नहीं सुनता है और इसके विपरीत हमें ही दोषी ठहराता है."
दूसरी ओर गीता को पुलिस या अदालत से भी कोई मदद मिलने में पूरी तरह से विश्वास उठ गया है. वह हर संभव तरीके से अपनी लापता बेटी की तलाश करने की पूरी कोशिश कर रही है. वह अपना काम भी नहीं छोड़ सकती क्योंकि परिवार के लिए आय का यही एकमात्र स्रोत है. वह अपनी बेटी को खोजने में असहाय महसूस करती है क्योंकि वह जहां भी जाती है, हर कोई उसे दोष देता है चाहे वह सोनिया का नियोक्ता हो, पुलिस हो या अदालत.
सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक, भारत में गुमशुदगी के मामलों की संख्या चिंताजनक है. आंकड़ों के अनुसार, हर घंटे 88 महिलाएं, बच्चे और पुरुष लापता हो जाते हैं; हर दिन 2,130 लोग गायब होते हैं; और भारत के राष्ट्रीय अपराध दर ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार हर महीने 64,851 लोग गायब हो जाते हैं.
(यह मामला अभी भी विकासशील स्थिति में है और जानकारी के साथ कॉपी को अपडेट किया जाएगा)
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