नई दिल्ली: पहले से ही दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित ही माना जाता है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने अब सभी के लिए सवाल खड़ा कर दिया है। देश के 19 बड़े शहरों के आंकड़ों के अध्ययन के बाद लगातार तीसरे साल दिल्ली इस दुर्भाग्यपूर्ण रिकॉर्ड में टॉप पर है। देश में 2022 में महिलाओं, बुजुर्गों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है। महिला अपराध के अधिकतर मामलों में पति और नजदीकी रिश्तेदार ही विलेन बन रहे हैं। जहाँ एक ओर सरकारों द्वारा महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं. प्रदेश की सरकारों द्वारा बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं कि उनके राज्य में महिलाएं सुरक्षित हैं, वहीं यह आंकड़ें उनकी पोल खोलते दिख रहे हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड विवरण (NCRB) के ने तीन दिसंबर यानी रविवार को अपराधिक आंकड़े घोषित किया। NCRB अनुसार देश में 2021 में महिलाओं से जुर्म 4,28,278 केस दर्ज हुए जो 2022 में 4,45,256 हो गए। दिल्ली में 2021 में रोज औसतन दो रेप के केस दर्ज होते थे जो 2022 में बढ़कर तीन हो गया है। राजधानी में होने वाले कुल अपराधों में से 31.20 फीसदी महिलाओं के विरुद्ध होते हैं। इसमें से भी रेप और घरेलू हिंसा जैसे मामलों की संख्या ज्यादा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस अपनी वेबसाइट में अपराध के आंकड़े हर महीने या डेढ़ महीने में अपडेट किया करती थी। लेकिन जुलाई 2022 से इसे अपडेट करना बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में साल भर का लेखा-जोखा पेश किया जाता था। जो इस साल नहीं हुआ। इसलिए दिल्ली में हुए साल 2022 और इस साल नवंबर 2023 तक के क्राइम डाटा की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो सकी थी। अब NCRB के 2022 के आंकड़ों से खुलासा हुआ है, कि दिल्ली की हर एक लाख में से 189.9 महिलाएं अपराध का शिकार है।
NCRB के अनुसार 3,909 घटनाएं दर्ज की गईं। शहर में दहेज हत्या से संबंधित कुल 129 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में पतियों या उनके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता की 4,847 घटनाएं दर्ज की गईं। NCRB की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली महिलाओं के लिए देश का सबसे असुरक्षित महानगर है, जहां प्रतिदिन औसतन तीन बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं।
दिल्ली में क्राइम अगेंस्ट वीमन का चढ़ता ग्राफ
वारदात 2021 2022
रेप 833 1204
अपहरण 3948 3909
दहेज हत्या 136 129
घरेलू हिंसा 4674 4847
पॉक्सो 1357 1529
NCRB के जरिए यह डेटा सामने आया है। वार्षिक NCRB रिपोर्ट में बच्चों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और साइबर अपराधों के खिलाफ दर्ज किए गए, अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध से संबंधित कुल 57,582 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (50,900 मामले) की तुलना में 13.1 प्रतिशत की बढ़ोती दिखाते हैं। इस बीच, अनुसूचित जनजाति (ST) के खिलाफ अपराध करने के 10,064 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (8,802 मामले) की तुलना में 14.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाते हैं। महिलाओं की लज्जा भंग करने के इरादे से उन पर बलात्कार और हमला क्रमशः 13.4 प्रतिशत और 10.2 प्रतिशत है।
दिल्ली तो छोड़िए, पूरे देश में हर जगह पर महिलाओं को लेकर अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश में 2021 और 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के क्रमश: 56,083 और 49,385 मामले दर्ज किए थे। इसके बाद राजस्थान (40,738 और 34,535), महाराष्ट्र (39,526 और 31,954), पश्चिम बंगाल (35,884 और 36,439) और मध्य प्रदेश (30,673 और 25,640) रहे। कुल 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध दर राष्ट्रीय औसत 66.4 से अधिक दर्ज की गई। सूची में दिल्ली 144.4 की दर के साथ शीर्ष पर रहा है। उसके बाद हरियाणा (118.7), तेलंगाना (117), राजस्थान (115.1), ओडिशा (103), आंध्र प्रदेश (96.2), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (93.7), केरल (82), असम (81) मध्य प्रदेश (78.8), उत्तराखंड (77), महाराष्ट्र (75.1), पश्चिम बंगाल (71.8), उत्तर प्रदेश (58.6) रहे।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 14,277 और 2020 में 10,093 रही थी। उत्तर प्रदेश में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे अधिक 65,743 प्राथमिकी दर्ज की गईं, इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), पश्चिम बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) रहे। NCRB के अनुसार पिछले साल देश में जितने मामले सामने आए उनमें से 2,23,635 (50 प्रतिशत) इन पांच राज्यों में दर्ज किए गए।
NCRB के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार शहर में बच्चों के खिलाफ अपराध की 7,400 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें हत्या की 22 घटनाएं शामिल थीं। वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु) के खिलाफ अपराध की घटनाएं 2021 में 1,166 मामलों से बढ़कर 2022 में 1,313 मामले हो गईं। शहर में साइबर अपराध के मामले 2022 में दोगुने हो गए। 2021 में 345 मामलों से बढ़कर 2022 में यह संख्या 685 मामलों तक पहुंच गई। शहर में हत्या की कुल 501 घटनाएं दर्ज की गईं। इसमें मानव तस्करी के 106 मामले भी दर्ज किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में 113 लड़कियों की तुलना में दिल्ली में कम से कम 492 नाबालिग लड़कों की तस्करी की गई।
NCRB की इस रिपोर्ट में बच्चों के साथ होने वाले अपराध को लेकर भी चिंता जताई है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध दर 36.6 थी जो 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इसकी संख्या 33.6 प्रतिशत थी।
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