नई दिल्ली। शुक्रवार को डीयू प्रशासन के जातिगत भेदभाव और अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ धरना दे रहीं प्रोफेसर रितु सिंह के समर्थन में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। दरअसल, कल का मार्च बहुत पहले से डिसाइड था। 17 जनवरी को रोहित वेमुला के डेथ एनिवर्सरी के अवसर पर 19 जनवरी को रितु सिंह मार्च निकालने वाली थीं। प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
बता दें, रितु सिंह पहले डीयू के दौलत राम कॉलेज में साइकॉलोजी विभाग में एडहॉक प्रोफेसर रह चुकी हैं। उन्हें डीयू ने नौकरी से निकाल दिया था। डीयू के इस कारवाई के खिलाफ वह 140 दिनों से धरना दे रही हैं। कल भीम आर्मी के चीफ आजाद के आने से पहले दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। नॉर्थ कैंपस की आर्ट फैकल्टी की तरफ जाने वाले तमाम रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी। इस मार्च में चंद्रशेखर आजाद के साथ सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट महमूद प्राचा भी आए थे।
पिछले दिनों रितु सिंह को धरने से दिल्ली पुलिस ने हटा दिया था. डॉ. रितु ने लोगों से उनके समर्थन में 19 जनवरी को एक बड़े प्रदर्शन का आह्वान किया था। डॉ सिंह का कहना है कि डीयू प्रशासन ने उनके साथ दलित होने की वजह से भेदभाव किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने चार साल पहले दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। साल 2020 में उन्होंने प्रिंसिपल की बर्खास्ती को लेकर धरना दिया था. ये मामला अभी कोर्ट में चल रहा है.
मार्च में आए डीयू के एक छात्र ने हमें बताया कि हमारा पूरा समर्थन रितु जी के साथ है क्योंकि उनके साथ अन्याय हुआ है। वे कहते हैं कि प्रिंसिपल सविता रॉय को अबतक अरेस्ट नहीं किया गया है लकिन डॉक्टर ऋतु के प्रोटेस्ट को खत्म किया जा रहा है, उनकी आवाज दबाई जा रही है। मार्च में मौजूद लोगों ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में हम रितु जी के साथ खड़े हैं।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.