आखिर क्यों महिलाओं के प्रति पुरुषों की बढ़ती जा रही है क्रूरता!

राजस्थान में बड़ी मां के टुकड़े करने वाला अभियुक्त [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
राजस्थान में बड़ी मां के टुकड़े करने वाला अभियुक्त [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
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श्राद्धा, रुबिका पहाड़िन व सरोज ताई की हत्या पुरुषवादी क्रूरता का जीता-जागत प्रमाण

जयपुर। दिल्ली में लिव-इन-रिलेशन में रह रहे आफताब और श्रद्धा के रिश्ते में आई खटास के बाद आफताब श्रद्धा की हत्या कर शरीर के अंगों को शहर के अलग-अलग इलाको में फेंक देता है। अभी लोगों के जहन से श्रद्धा मर्डर कांड की विभत्स तस्वीरे निकल भी नहीं पाई थी कि जयपुर में बड़ी मां ने इंजीनियर भतीजे को कीर्तन कार्यक्रम में जाने से रोका तो उनके सिर में हथौड़ा मारकर उसकी हत्या कर दी। वह यहां नहीं रुका, बाजार से मार्बल कटर लाकर बड़ी मां के कई टुकड़े कर दिए। अब ताजा मामला झारखण्ड से सामने आया है। जहां शादी के एक माह बाद पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आई तो पति ने अपनी पत्नी के कटर से 50 टुकड़े कर फेक दिए।

सवाल यह है कि आखिर महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटने वाले समाज के पुरुषों में महिलाओं के प्रति इतना क्रोध क्यों है। समाज का युवा किस दिशा में जा रहा है कि मामूली बात पर महिला का खून बहाने पर आतुर रहता है। खास बात यह है कि उक्त तीनों घटनाओं में हत्या के बाद शरीर के कई टुकड़े कर शहरों में अलग स्थानों पर फेकने वाली वारदात हत्यारों की एक समान मानसिकता दर्शाती है। यह सभ्य समाज के लिए घातक मानी जा रही है।

राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट मेघा योगी ने ऐसी क्रूर घटनाओं पर द मूकनायक से बात की। एडवोकेट मेघा बताती है कि, "महिलाएं आज आसमान तो छू रही हैं। विकास के नए आयाम भी गढ़ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ इसी सभ्य समाज में महिलाओं के साथ हिंसा व क्रूर व्यवहार हो रहा है। कहीं दहेज के नाम पर तो कहीं चरित्र के बहाने उनके अपने ही महिलाओं की हत्याएं कर रहे हैं।"

राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट मेघा योगी
राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट मेघा योगी

मेघा कहती हैं कि, "दिल्ली में आफताब श्रद्धा के साथ लिव-इन-रिलेशन में रहता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आफताब को किसी अन्य लड़की से प्रेम होता है। पीछा छुड़ाने के लिए श्राद्धा की हत्या कर शरीर के टुकड़े कर दिए जाते हैं।"

झारखण्ड के साहिबगंज के बोरियो में शादी के एक माह बाद दिलदार अंसारी अपनी ही पत्नी की हत्या के बाद शव के 25 से अधिक टुकड़े कर अलग-अलग स्थानों पर फेंक देता है। पुलिस की जांच में सामने आया कि दिलदार पहले से शादी शुदा था। दो साल से दोनों लिव-इन-रिलेशन में रहते थे। एक माह पूर्व शादी होती है। शादी के बाद दिलदार की दूसरी शादी का राज खुलता है तो दिलदार 22 वर्षीय पत्नी रुबिका पहाड़िन की हत्या कर शव के 25 से अधिक टुकड़े कर देता है।

इसी तरह राजस्थान के जयपुर शहर में एक इंजीनियर 'हरे कृष्णा' मूवमेंट से जुड़ा है। वह कीर्तन में दिल्ली जाने वाला था। सगी बड़ी मां (ताई) सरोज देवी ने उसे रोका। उन्होंने कहा कि मत जाओ, मेरे पास रहो। अनुज को गुस्सा आ गया। उसने हथौड़े से सरोज देवी की हत्या कर दी। इतने से भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने बॉडी को चाकू से काटने की कोशिश की। हडि्डयां नहीं कटीं तो वह मार्बल कटर ले आया। इससे बॉडी के टुकड़े-टुकड़े किए। इसके बाद तीन-चार घंटे बाद तक वह बॉडी को ठिकाने लगाने की कोशिश करता रहा। शरीर के टुकड़ों को अलग-अलग जगह फेंक कर सामान्य जीवन जीने का प्रयास किया, लेकिन राज खुल गया।

मेघा कहती हैं कि, "क्या हमारा पुरुष प्रधान समाज इतना क्रूर हो गया है? यह चिंता का विषय है। हिंसा में घरेलू व मानसिक हिंसा भी शामिल है। क्यों लोग भूल जाते हैं कि बेटी, मां, पत्नी व बहु होने से पहले वह एक इंसान है। उस इंसान को भी अपना मान-सम्मान अस्तित्व बनाये रखने का अधिकार है।"

"आज का परिवार लड़की को केवल सहना सिखाता है। कहना नहीं। इस समाज में जिम्मेदारी व आज्ञाकारी बातें केवल महिलाओं के लिए है। यह पुरुष समाज महिलाओं के साथ हिंसक व क्रूर व्यवहार करता है। यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार 38 प्रतिशत महिलाएं अपनो के हाथों विभिन्न प्रकार की हिंसा का शिकार होती हैं," मेघा समाज पर सवाल खड़े करते हुए कहती हैं।

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