पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई आगजनी के बाद रोज-रोज नए खुलासे हो रहे हैं। सोमवार देर रात हुई घटना के लगभग चार दिन हो गए हैं। इस दौरान विपक्षी पार्टियां सीएक ममता बनर्जी के इस्तीफे से लेकर राष्ट्रपति शासन तक की मांग कर चुकी हैं। इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए है।
आइये जानते हैं अब तक क्या हुआ
सोमवार की हुई आगजनी के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सीएम ममता बनर्जी को 24 घंटे के अंदर स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इसके बाद प्रभावित क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया। अब कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है, कोर्ट ने पूरे मामले की जाँच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी है, जिसकी विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी।
कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई की टीम रामपुरहाट के बोगटुई गांव पहुंच गई। जहां सोमवार की रात 10 लोगों को जलाकर मार दिया गया। अब इस टीम को 7 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है। इससे पहले एसआईटी इस मामले की जांच कर रही थी। अब तक की जांच में फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार मारे गए लोगों को पहले धारदार हथियार से मारा गया और उसके बाद उनको आग के हवाले कर दिया गया। इस बात का पता इससे लगता है कि जले हुए घरों से खून के धब्बे पाए गए हैं।
खबरों के अनुसार मारे गए लोगों को पहले बेहोश होने तक पीटा गया और उसके बाद कमरे में बंद करके आग लगा दी गई। जिसके लिए पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया। अब इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भादद्वार की बेंच ने बंगाल सरकार को सीबीआई को सहयोग देने के साथ-साथ एसआईटी को भी सीबीआई की जांच में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।
अभियुक्तों का केस लड़ने के लिए कोई वकील नहीं हो रहा तैयार
रामपुरहाट की इस जघन्य हत्या के मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बर्बर करार दिया है। सोमवार को हुई घटना के बाद रामपुरहाट के ओसी को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद इस घटना में संलिप्त 20 लोगों की गिरफ्तारी की गई। बुधवार को इन सभी 20 लोगों को कलकत्ता हाईकोर्ट में पेश किया गया। जहां किसी भी वकील ने अभियुक्तों का केस लड़ने से मना कर दिया।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार रामपुरहाट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौविक डे ने पकड़े गए 10 आरोपियों को 14 दिन पुलिस हिरासत में भेजा है। बाकी 10 को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गुरुवार को ममता बनर्जी के आदेश के बाद रामपुरहाट के तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले पुलिस हिरासत में भेजे गए 10 लोगों के नाम इस प्रकार है- आजाद चौधरी, इंताज शेख, माफिजुल शेख, असीम शेख, रुस्तम शेख, रोहन शेख, नयन दीवान, माफिउद्दीन शेख, नजीर हुसैन और तौसीब शेख है।
लोग घर छोड़कर जाने के मजबूर
सोमवार रात हुई घटना के बाद बोगटुई गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। खबरों के अनुसार गांव से दो किलोमीटर दूर ही सुरक्षा का कड़ा पहरा है। पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया है। यहां तक की अभी भी वहां से स्किन के जलने की बदबू आ रही है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि घटना कितनी जघन्य थी। इतना ही नहीं इस घटना के बाद वहां के लोगों को दहशत में है। लोग डर के माहौल में पलायन करने को मजबूर हो गए। खबरों के अनुसार स्थानीय लोगों में पुलिस को लेकर भी किसी तरह का भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि अगर पुलिस हमें पहले सुरक्षा दे देती तो इतनी बड़ी घटना ही नहीं होती।
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