उत्तर प्रदेश: दलित नाबालिग के अपरहण के बाद गैंगरेप, कार्रवाई में लापरवाही पर थानेदार और दारोगा सस्पेंड

उत्तर प्रदेश: दलित नाबालिग के अपरहण के बाद गैंगरेप, कार्रवाई में लापरवाही पर थानेदार और दारोगा सस्पेंड
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गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र में हुई घटना में पीड़ित परिवार ने सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर की थी शिकायत। मामले में ADG जोन मेरठ ने एसपी हापुड़ को जांच के आदेश दिए है। लापरवाही उजागर होने पर थानेदार और दारोगा किये गए सस्पेंड।

उत्तर प्रदेश। गाजियाबाद जिले के कविनगर थाने के पुलिसकर्मियों की लापरवाही का एक मामला चर्चा में है। एक मामले में, अन्य जिले के एसपी को जब जांच के आदेश दिए गए तो पूरा मामला सामने आ गया। पीड़ितों के साथ नाइंसाफी करने वाले थानेदार को ADG मेरठ द्वारा सौंपी गई जांच के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

गाजियाबाद के कविनगर थानाक्षेत्र के दलित पीड़िता के पिता के मुताबिक, "19 मई को 13 वर्षीय नाबालिग अपनी छोटी बहन को स्कूल से वापस घर लेने गई थी। इस दौरान गांव के ही रहने वाले तीन युवक मुकुल यादव, सुमित यादव और तस्सी यादव ने उसे कार में खींचकर बैठा लिया। तीनो कार से उसे NH24 के एक पेट्रोल पम्प के पीछे सुनसान इलाके में ले गए और उसके साथ कथित तौर पर रेप की घटना को अंजाम दिया और घटना का वीडियो भी बना लिया।"

तीनों युवक पीड़िता को गांव की चौपाल के पास छोड़कर फरार हो गए और जान से मारने की धमकी दी। 19 मई को हुई घटना में छोटी बच्ची स्कूल से लौट आई, तब परिजन ने बड़ी बेटी को कॉल किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू हुई। पीड़िता शाम को घर लौटी और उसके कपड़े फटे हुए थे। डर के कारण पीड़िता ने माता-पिता को घटना की जानकारी नहीं दी।

तबियत खराब होने पर हुई मामले की जानकारी

नाबालिग बच्ची के पिता ने बताया, पांच दिनों के बाद बेटी की तबियत लगातार खराब होती चली गई। उसने खाना बंद कर दिया था। पेट में दर्द होने के कारण हम उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने पूरी बात बताई। "मैंने तब बेटी से पूछा तो वह रोने लगी और बोली, छोटी बहन को स्कूल से लेने गई थी तब गांव के रहने वाले मुकुल यादव, सुमित यादव और तस्सी यादव ने उसके साथ गन्दा काम किया और वीडियो भी बना ली।"

पिता को समाज में बदनामी और अनहोनी का था डर

इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार की मदद समाजिक कार्यकर्ता नवीन गौतम ने की। नवीन गौतम ने बताया, "मुझे परिवार के लोगों से इसकी जानकारी हुई। मैंने परिवार को समझाया और हर सम्भव मदद करने का अस्वासन दिया। जिसके बाद पिता ने मेरे साथ जाकर मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद मुनिराज से की।"

द मूकनायक ने नवीन गौतम से पूछा कि, आप पीड़ित परिवार को क्षेत्रीय थाने लेकर क्यों नही गए। इस पर उन्होंने कहा, "पूरे थाने और थानेदार का यही रैवैया रहता है। वहां सुनवाई नहीं होती है। इसलिए मैं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास गया।"

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज हुई FIR

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर कविनगर थाने में 28 मई को मुकुल, सुमित और तस्सी के खिलाफ अपहरण, नाबालिग के साथ रेप, SC-ST ऐक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया।

FIR मेडिकल और 164 के बयान के बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

सामाजिक कार्यकर्ता नवीन गौतम बताते हैं, " इस मामले में 28 मई को FIR दर्ज करा दी गई थी। पुलिस ने बच्ची का 29 मई को मेडिकल भी करा दिया लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की।"

सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत

पूरी घटना को लेकर नवीन गौतम बताते हैं, " पीड़िता का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उन्हें पढ़ना लिखना भी कम आता है। FIR के बाद भी गिरफ्तारी न होने पर 30 मई को इसकी शिकायत सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर की गई थी।"

ADG जोन मेरठ तक पहुंचा मामला

सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करने पर पूरा मामला ADG ज़ोन मेरठ के पास पहुंच गया। इस मामले की जांच के आदेश ADG जोन मेरठ ने पुलिस अधीक्षक हापुड़ को दिए। मामले की जांच करने पर थानेदार आनंद मिश्रा और विवेचक इच्छाराम यादव की लापरवाही सामने आई।

जांच का पता चला तो थानेदार ने कर ली गिरफ्तारी

पूरे मामले में जब थानेदार आनंद मिश्रा को इस बात की जानकारी हुई कि उसकी शिकायत हुई है और मामले की जांच एसपी हापुड़ को दी गई है। थानेदार ने आरोपी मुकुल यादव को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

सदमे में है बच्ची, खाना पीना छोड़ा

पिता का कहना है कि न्याय के लिए रोजाना पुलिस की चौखट पर जाना पड़ता है। पुलिस इतने दिनों में केवल एक आरोपी मुकुल को ही गिरफ्तार कर सकी है। पीड़िता एक कमरे में ही पड़ी रहती है और खाना खाने के लिए भी बाहर नहीं निकलती है।

आरोप है कि, दरोगा ने पहले भी कई मामलों में लापरवाही बरती है और उसने मामले में दर्ज की गई रेप की धारा हटा दी थी, जो अब जांच के घेरे में फंसे है।"

एक अन्य पूर्व के मामले में, गाजियाबाद के वेवसिटी में रहने वाली महिला मार्च 2022 में कविनगर थाने में एक व्यक्ति पर शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया था, आरोप है कि जांच करने वाले अधिकारी गुडवीर ने रेप और छेड़छाड़ की धाराओं को हटा दिया था।

पहले भी हो चुकी हैं रेप की घटनाएं

कविनगर थाना क्षेत्र में 31 मार्च को 22 वर्षीय युवती के साथ रूह कंपा देने वाली दरिंदगी की गई। तीन युवकों ने युवती को में अगवा कर दो दिन बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। इसके साथ ही युवती के शरीर पर दांत से कई जगह काटने के साथ ही जलती हुई सिगरेट से शरीर को कई जगह दागा भी था । पीड़िता की हालत इतनी खराब हो गई थी कि डाक्टरों को ऑपरेशन के जरिए उसके मल-मूत्र का रास्ता साफ करना पड़ा था। पीडि़ता आज भी जिंदगी मौत के बीच जूझ रही है।

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