उत्तर प्रदेश : दलित दिव्यांग के साथ मारपीट और प्राइवेट पार्ट में शराब की बोतल डालने का आरोप, पुलिस ने मामले को किया खारिज़

अजनर थाना, महोबा - उत्तर प्रदेश
अजनर थाना, महोबा - उत्तर प्रदेश
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महोबा। देश में दलित और आदिवासियों के साथ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. ये घटनाएं एक विशेष समाज के लोगों द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों के प्रति क्रूर मानसिकता को दर्शाती हैं. यूपी के महोबा में भी एक ऐसी कुत्सित मानसिकता के लोगों द्वारा हैवानियत की सारी हदें पार करने का मामला सामने आया है।

महोबा जिले में स्थानीय न्यूज पोर्टल्स में प्रकाशित खबरों के अनुसार, कुछ शराबी प्रवृत्ति के लोगों ने कथित रूप से एक दिव्यांग दलित युवक के गुप्तांग में शराब की बोतल डाल दी, और उसके साथ मारपीट की. बताया जा रहा है कि, पीड़ित युवक की हालत गंभीर है और महोबा जिला अस्पताल से उसे झांसी रेफर कर दिया गया है. घटना जिले के अजनर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम टिकरिया में हुई.

क्या है पूरा मामला?

मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के अजनर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम टिकरिया गांव का है. आरोप है कि गांव का एक दलित युवक शौच के लिए नदी किनारे गया हुआ था, जहां कुछ युवक शराब पी रहे थे. किसी बात को लेकर शराबियों से युवक की बहस हो गई और देखते ही देखते बहस विवाद में बढ़ गया जिसके बाद शराबियों ने उसके साथ पहले तो मारपीट की और बाद में पीड़ित के प्राइवेट पार्ट में शराब की बोतल डाल दी।

विंध्य न्यूज के अनुसार, शराब के नशे में लोगों ने युवक के प्राइवेट पार्ट में शराब की बोतल डाल दी, जिससे उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. बेसुध युवक को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया लेकिन हालत नाजुक होने के चलते उसे झांसी मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया है. इस मामले में पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

इतने क्रूर व्यवहार के बाद युवक बेहोश हो था. उसे अचेत अवस्था में छोड़ सभी अभियुक्त मौके से फरार हो गए. होश आने पर पीड़ित किसी तरह अपने घर पहुँचा, लेकिन प्राइवेट पार्ट के अंदर पड़ी बोतल के चलते उसे असहनीय दर्द हो रहा था. उसने अपने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी. इसके बाद उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतपुर लाया गया।

पीड़ित के परिजनों का कहना कि, उसका किसी के साथ कोई दुश्मनी य़ा झगड़ा भी नहीं था लेकिन, फिर भी उनके दिव्यांग बेटे के साथ ऐसी घटना गांव के ही कुछ जातिवादी लोगों ने क्यों की ये समझ से परे है। मामले में पुलिस प्रशासन से उन्होनें गुहार लगाई है कि आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ कर उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।

पीड़ित की हालत गंभीर

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला अस्पताल में उसके बढ़ते दर्द और बिगड़ती हालत को देखते हुए महोबा जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उसे झांसी मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया. अजनर थाना पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना दी गई. अजनर थाना प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि, उक्त घटना को लेकर आरोपियों की तलाश की जा रही है, और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने इस घटना को किया खारिज

मामले पर महोबा पुलिस द्वारा ट्वीटर पर जारी एक बयान में बताया गया कि, "इस संबंध में प्राप्त सूचना पर थाना स्थानीय पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया गया तथा घटना के विषय में जानकारी की तो संबंधित व्यक्ति ने दर्शाये गए उक्त सभी आरोपों से इंकार करते हुए घटना को असत्य बताया है, वह स्वस्थ्य है तथा उसे किसी से शिकायत नहीं है, तथा इस मामले की लिखित सूचना भी उस व्यक्ति द्वारा थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराई गई है।"

इस तरह की घटनाएं बढ़ा रही समानता की चुनौतियां

आपको बता दें कि, दलितों के साथ हिंसा का यह कोई नया मामला नहीं है. ये समाज भले ही सभी के समान होने की बात करता हो लेकिन दलितों और आदिवासियों के खिलाफ इसकी मानसिकता अभी भी जस की तस है, और ये रोज किसी न किसी घटना के रुप में सामने आती रहती है. दलितों के साथ छुआछूत जैसे अमानवीय व्यवहार से लेकर उन्हें घोडी पर न चढ़ने देना इस दोहरे समाज की मानसिकता को रोज ऊजागर करती है।

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