उत्तर प्रदेश: 50 साल से ऊपर अनफिट पुलिसकर्मियों को रिटायर करने के आदेश के बाद स्क्रीनिंग में टारगेट होंगे दलित-पिछड़े कर्मचारी!

पुलिस विभाग के सूत्रों का मानना है कि 50 वर्ष से ज्यादा के पुलिसकर्मियों को रिटायर करने वाले आदेश के अंतर्गत उच्च अधिकारियों और यूपी सरकार की मनमानी होने की पूरी संभावना है. जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग के पुलिसकर्मियों को टारगेट किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों में 50 साल पूरे करने पर अनिवार्य रिटायर्मेंट का आदेश
उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों में 50 साल पूरे करने पर अनिवार्य रिटायर्मेंट का आदेश फोटो- द मूकनायक
Published on

लखनऊ: हाल ही 25 अक्टूबर को पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कानसटबलरी) मुख्यालय लखनऊ से जारी आदेश में 50 साल से ऊपर के अनफिट पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से रिटायर करने का आदेश जारी हुआ है. 30 नवंबर 2023 तक अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने वाले पुलिस कर्मियों की सूची मांगी गई है। पीएसी में ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची 20 नवंबर तक भेजने के लिए आदेश दिए गए हैं।

एडीजी स्थापना संजय सिंघल की तरफ से जारी सभी यह आदेश आईजी रेंज/एडीजी जोन/सभी 7 पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ पुलिस के सभी विभागों को भेजा गया है। जिसमें कहा गया कि 50 साल की उम्र पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत, पुलिस कर्मचारी के ट्रैक रिकार्ड को देखने के बाद स्क्रीनिंग कर निर्धारित तारीख पर सभी अफसर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिए पुलिसकर्मियों की लिस्ट 30 नवंबर तक मुख्यालय भेजी जाएगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सूत्र ने द मूकनायक को बताया कि इस आदेश के पीछे एक बड़ा खेल है. नाम और पहचान प्रकाशित न करने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि, “यह बहुत गलत आदेश है. अब अपने पसंद के पुलिस कर्मचारियों को रखा जायेगा. इनका (यूपी सरकार) असली प्लान यही है. क्योंकि जो अधिकारी स्क्रीनिंग करेगा वह कहीं न कहीं इन्हीं लोगों के प्रभाव में वही करेगा जो कहा जाएगा. वह एससी/एसटी और ओबीसी को पसंद नहीं करेगा. और उन्हें निकाल दिया जाएगा”.

“जब परिवार के बच्चे बड़े होने को होते हैं. उस समय उनकी पढ़ाई-लिखाई व अन्य जिम्मेदारी सम्बंधित पुलिसकर्मी के ऊपर होती है. उसी समय उसे निकाल देने की योजना बनाई जा रही है. जब पुलिसकर्मी को नियुक्त किया गया तब वह फिट था, अब अचानक अनफिट बता कर निकाला जाएगा. आप (पुलिस विभाग) पूरे साल भर ड्यूटी लेते हो तब वह (पुलिसकर्मी) अनफिट नहीं होता. अब अगर स्क्रीनिग में अनफिट दिखा कर निकालोगे तो यह गलत है न….!!” सूत्र ने द मूकनायक को बताया. 

“विभाग में सिर्फ खेल चल रहा है. अगर कोई उच्च अधिकारी किसी पुलिसकर्मी को पसंद नहीं करता है तो वह उसे छंटवा देगा. जो लोग पसंद के होंगे उन्हें प्रमोट कर दिया जाएगा. इसमें भारी मात्रा में पुलिसकर्मियों को निकाला जा सकता है”, सूत्र ने बताया. 

सूत्र ने यह भी आशंका जताई कि इस आदेश से दलित और पिछड़े वर्ग के पुलिसकर्मियों को आसानी से टारगेट किया जाएगा. और मनपसंद लोगों को प्रमोट किया जाएगा.

25 अक्टूबर को पीएसी मुख्यालय से जारी आदेश कॉपी में बहुत विस्तार से यह नहीं बताया गया है कि पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिग करने वाली टीम में कौन से अधिकारी शामिल होंगे. न यह मेंशन किया गया है कि इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी स्क्रीनिग होगी या नहीं. 

द मूकनायक ने मामले में कुछ अस्पष्ट जानकारियों के बाबत डॉ. कल्लूरी एसपी कुमार, ADG /PAC हेडक्वार्टर लखनऊ, आशुतोष कुमार, IG /PAC हेडक्वार्टर लखनऊ, अपर्णा कुमार, IG/PAC C/ZONE लखनऊ को उनके सीयूजी नंबर पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं उठा. द मूकनायक ने सम्बंधित शीर्ष अधिकारियो को उनके ऑफिसियल इमेल पर मामले से सम्बंधित सवाल भी भेज दिया है. जवाब मिलते ही उसे खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.

क्या है अनफिट का मानक?

यहां फिट या अनफिट का सम्बन्ध पुलिसकर्मी के फिजिकल फिटनेश से नहीं है. पीएसी मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि 50 साल की उम्र पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। ऐसे में 50 साल से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों के ट्रैक रिकार्ड की जांच की जाएगी। एसीआर (एनुयल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) में पुलिसकर्मी के कार्य का मूल्यांकन, उनके चरित्र, व्यवहार, कार्यक्षमता, और योग्यता की जानकारी दर्ज की जाएगी। अगर इस रिपोर्ट में भ्रष्टाचार में लिप्त या फिर बैड वर्क एंड कंडक्ट पाया जाता है तो उसे जबरन रिटायर किया जाएगा।

आपको बता दें कि, पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग में उनकी एसीआर यानी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट को चेक किया जाता है। और फिर इसी के आधार पर इनके काम का मूल्यांकन करने के साथ ही उनकी योग्यता और कार्यक्षमता, चरित्र व व्यवहार की जांच की जाती है और फिर निर्णय लिया जाता है। यही प्रक्रिया इस आदेश में भी लागू होनी है. 

उत्तर प्रदेश में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी

2021 तक, उत्तर प्रदेश पुलिस में लगभग 30,000 महिला कर्मी रहीं हैं, जो भारत में सबसे अधिक है। हालाँकि, यह अभी भी राज्य में कुल पुलिस बल का केवल 10% से कम है। शेष 90% पुलिस बल पुरुष हैं। वैसे तो भारत सरकार कई वर्षों से पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33% तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है, लेकिन यह लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे कई वजह हैं, जिनमें लैंगिक रूढ़िवादिता, सांस्कृतिक मानदंड और पुलिस बल में उपलब्ध कैरियर के अवसरों के बारे में जागरूकता की कमी शामिल है।

इन चुनौतियों के बावजूद, भारत में अधिक महिलाओं को पुलिस बल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का आंदोलन बढ़ रहा है। पुलिस बल में करियर के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महिला पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने के लिए कई पहल चल रही हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों में 50 साल पूरे करने पर अनिवार्य रिटायर्मेंट का आदेश
उत्तर प्रदेश: सुरक्षित होने के बावजूद फसलों पर जैविक कीटनाशकों के उपयोग से क्यों दूर हैं किसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों में 50 साल पूरे करने पर अनिवार्य रिटायर्मेंट का आदेश
मणिपुर हिंसा: हमले की घटना को कवर करने गए पत्रकारों को कवरेज से रोका, फुटेज डिलीट करने के लिए किया मजबूर; पत्रकार संगठनों का सैनिकों पर आरोप
उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों में 50 साल पूरे करने पर अनिवार्य रिटायर्मेंट का आदेश
Ground Report: क्वालिटी एनर्जी के बावजूद बिहार में बहुत कम उद्यमियों तक ही क्यों सीमित है सोलर मिनीग्रिड की ऊर्जा?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com