महोबा। यूपी के महोबा जिले के महिला अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही और अनदेखी के कारण तीन दिन के नवजात के शरीर को चीटियों ने जगह-जगह काट लिया। परिजनों का आरोप है कि, बच्चा बार-बार रो रहा था, जिसकी शिकायत भी मेडिकल स्टाफ से की गई थी, लेकिन किसी ने एक भी बार नहीं सुना, और 1 जून को देर रात उसकी मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल परिसर में परिजनों ने जमकर हंगामा भी किया। परिवार का आरोप है कि, बच्चे को देखने के लिए स्टाफ नर्स ठंडा पिलाने की फरमाइश करती थी। परिवार ने डॉक्टर पर 6500 रुपये रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है। पूरे मामले को लेकर सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
महोबा के कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के मुढारी गांव निवासी सुरेंद्र रैकवार की पत्नी सीमा गर्भवती थी। सीमा को 30 मई को दोपहर अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। सुरेंद्र ने सीमा को महोबा के महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया दिया। 30 मई की रात को सीमा ने पुत्र को जन्म दिया। सुरेंद्र ने बताया कि, उनके नवजात बच्चे को फीवर आ रहा था, इस कारण बच्चे को 1 जून को चाइल्ड केयर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
नवजात की बुआ राजकुमारी और राजादेवी का आरोप है कि, जिस बिस्तर पर नवजात को लिटाया गया था, उसमें काफी चींटियां थीं। चींटियों के काटने के कारण बच्चा बार-बार रो रहा था। स्टाफ नर्स से परिजनों ने बच्चे के पास जाने की गुजारिश की लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।
सीमा की मां और नवजात बच्चे की नानी ने बताया कि, बच्चा बार-बार रो रहा था, और मल भी कर दे रहा था। इस दौरान उन्होंने तीन बार बच्चे का मल भी साफ किया था। बिस्तर पर चींटियां भी थी। सीमा की मां ने बिस्तर साफ कर दिया। इसके साथ ही चींटियों की जानकारी स्टाफ को भी दी, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
स्टाफ नर्स बच्चे से मिलाने के लिए ठंढा पिलाने की मांग करती थी
नवजात की बुआ का आरोप है कि, नवजात को तेज बुखार था इसलिए सभी जग रहे थे। बच्चा रात में तेजी से रोने लगा तो रात में नर्स को देखने के लिए जगाया। आरोप है कि, नर्स ने इसपर कोल्ड ड्रिंक की डिमांड कर दी। जब नर्स को कोल्ड ड्रिंक लाकर दी गई तब उसने बच्चे को देखने की इजाजत दी।
रात भर नवजात को खाती रही चीटियाँ
परिजन का आरोप है कि, नर्स से अनुमति मिलने के बाद जब उन्होंने बच्चे को देखा तो उसके सिर के पास चींटियों का झुंड था। इसकी शिकायत दोबारा फिर की गई लेकिन वहां तैनात स्टाफ ने सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया। परिवार का कहना है कि, चींटियों ने बच्चे को इस कदर काटा कि उसकी मौत हो गई। चींटियों के काटे जाने के निशान भी मासूम के शरीर में मौजूद हैं। वहीं वार्ड के अंदर भी चीटियां रेंगती हुई देखी जा सकती हैं।
नवजात की मौत के बाद बार-बार बेहोश हो रही शिशु की मां
महिला जिला अस्पताल की लापरवाही के कारण नवजात की मौत के बाद, नवजात बच्चे की मां का बुरा हाल है। सीमा की मां ने बताया कि सीमा का रो-रोकर बुरा हाल है, वह बार-बार बेहोश हो जा रही है।
मजदूरी करता है परिवार, दूसरी बार मां बनी थी सीमा
सुरेंद्र रैकवार मजदूरी कर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं। वह मछली पकड़ने और सिंघाड़ा तोड़ने का काम करते हैं। उनकी पत्नी सीमा दूसरी बार गर्भवती हुई थी। उनका पहला बच्चा स्वस्थ है। दूसरे बेटे की मौत पर परिवार सदमे में है। मां सीमा का रो-रोकर बुरा हाल है।
दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन
पूरे मामले को लेकर महिला जिला अस्पताल के सीएमएस (चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट) डॉ. डीके सुल्लेरे ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि, बिस्तर में चींटी होने की बात गलत है। एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार भी कहते हैं कि नवजात की हालत गंभीर थी, जिसे डॉक्टरों ने रेफर किया था। बिस्तर में चींटियां होने की कोई बात नहीं है। मामले की जांच की जाएगी।
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