यूपी: पुलिस हिरासत में दलित की पिटाई के बाद मौत, थानेदार सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज

पुलिस पर दलित व्यक्ति की रायफल की बट और डंडों से पिटाई का आरोप
पुलिस पर दलित व्यक्ति की रायफल की बट और डंडों से पिटाई का आरोप
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मामले के चर्चा में आने के बाद, पुलिस अधीक्षक ने देर रात किया आरोपी इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज का तबादला। नामजद आरोपी पुलिसकर्मियों की जानकारी देने से कतराते रहे पुलिस अधीक्षक।

फर्रुखाबाद। जिले के मेरापुर थाने की पुलिस पर राइफल की बट से पिटाई कर एक दलित युवक को मौत के घाट उतारने के गम्भीर आरोप लगे हैं। इस मामले में थानेदार और चौकी इंचार्ज सहित 10 पुलिसकर्मियों पर हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा, पुलिस पर जबरन देर रात शव जलवाने के भी गम्भीर आरोप हैं। घटना के बाद सोमवार देर रात पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने मेरापुर थानाध्यक्ष व अचरा चौकी इंचार्ज को हटा दिया है। मेरापुर थानाध्यक्ष को मऊदरवाजा थाने का वरिष्ठ उपनिरीक्षक बनाया है व अचरा चौकी इंचार्ज को मदनपुर चौकी की जिम्मेदारी दी है। इन दोनों तबादलों के साथ कुल 40 उप निरीक्षकों को इधर से उधर किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

यूपी के फर्रुखाबाद के मेरापुर थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुरी गांव में गौतम उर्फ सेना (35), उसके साथ उसकी पत्नी और तीन बच्चे रहते हैं। पत्नी का आरोप है कि, शुक्रवार 24 जून की रात और शनिवार की रात करीब 1:30 पर पुलिस दबिश देकर उसे पकड़ ले गई थी। इसके कुछ ही समय बाद गौतम की लाश उसके घर से 100 मीटर की दूर मिली थी। गौतम की मां लौंग श्री और भाई ऊदल ने थाना मेरापुर की पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था। शनिवार 25 जून को मृतक गौतम के शव का पोस्टमार्टम हुआ। 

परिजनों का आरोप है कि, देर रात पुलिस घर में घुसी और युवक को अपने साथ ले गई। अंधेरे में युवक को खूब पीटा गया, जिससे उसकी जान चली गई। देर रात शोर शराबा सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हो गए। यह देख पुलिसकर्मी भाग निकले। पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अपने भाई की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने गए भाई ऊदल का मोबाइल बंद होने और पुलिस की ओर से उस पर कार्यवाही की आशंका से बहन ने पोस्टमार्टम के बाद गौतम का शव लेने से इनकार कर दिया। बाद में सीओ सिटी (क्षेत्राधिकारी) के समझाने पर परिजन माने और शव लेकर चले गए।

CO सिटी पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस

मामले को तूल पकड़ता देख सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गये। उन्होंने परिजनों को बताया कि अब मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। तुम्हारे भाई ऊदल का मोबाइल बंद हो गया होगा। काफी देर चले बहस के बाद सीओ के समझाने पर परिजन पुलिस के साथ शव लेकर चले गए।

भाई ने थाने में खुदकुशी की कोशिश की

गौतम की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में ग्रामीणों और गौतम के परिवार में पुलिस के खिलाफ गुस्सा तो भरा हुआ था। इसके अलावा उधर, मुकदमा दर्ज होने के बाद कॉपी न मिलने पर भाई ऊदल सिंह ने थाना मेरापुर के अंदर पेड़ पर गमछा बांधकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। वहां पर मौजूद लोगों ने उसको जैसे-तैसे रोका, आखिर में भाई ऊदल ने बताया कि जब तक मुकदमे की कॉपी नहीं मिलेगी, तब तक वह थाने से नहीं जाएगा।

मृतक का भाई
मृतक का भाई

एएसपी और एडीएम से भाई की हुई नोकझोंक

गौतम का शव लेकर परिजन रोते-बिलखते रहे। पुलिस शव पोस्टमार्टम के लिए लेने पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने शव को नहीं ले जाने दिया और विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जताने लगे। सूचना मिलने पर अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया जिसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। आनन-फानन में पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापित और एएसपी अजय प्रताप से भाई ऊदल व बॉबी की कई बार नोकझोंक होती रही। वहीं दोनों भाई एवं परिवार के लोग रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही शव उठाने की जिद पर अड़े हुये थे। इसके बाद में एडीएम ने भरोसा दिया कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करेगी।

पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से नहीं भरवाया पंचनामा

गौतम के परिजनों का आरोप है, "पुलिस प्रशासन दबाव बनाकर गौतम की लाश ले गए थे। पोस्टमार्टम के लिए पंचनामें में भी घर के किसी सदस्य से हस्ताक्षर नहीं कराया गया।"

मृतक गौतम का भाई ऊदल सहित परिजन थाने में मुकदमे की कॉपी लेने के लिए डटे रहे। इसके बाद डीएम संजय कुमार सिंह व एसपी ने मौके पर पहुंचकर लोगों से मामले की जानकारी ली। इसके अलावा तीन डॉक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। शराब पीने की पुष्टि हुई है, कमर, कंधा व कोहनी सहित चार जगह चोटों के निशान मिले हैं।

ग्रामीणों ने सुनाई पुलिस के बर्बरता की कहानी

पुलिस का खौफ गांव वालों के जहन में भरा हुआ था लेकिन जब आरोपी पुलिसकर्मियों के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया तो ग्रामीण भी दबी आवाज में बोले, "गांव ब्रह्मपुरी में दबिश देने गई पुलिस ने शुक्रवार रात गौतम का दरवाजा तोड़ दिया और घर में रखा सामान इधर-उधर फेंक दिया। पड़ोसी सर्वेश का गेट व चारपाई तोड़ डाली, सत्यवीर के घर में घुसकर तोड़फोड़ की। इस दौरान घर में बच्चे व महिलाएं ही थीं। गिरीश चंद्र के घर में घुसी पुलिस ने कमरे में रखे बक्से को तोड़ा, सामान उठाकर फेंक दिया, पत्नी मीना के विरोध करने पर उसे धमकी दी गई," एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया।

'पुलिस की वजह से कुछ ग्रामीणों ने किया पलायन'

गांव वालों ने बताया कि, थाना पुलिस मेरापुर की वजह से पूर्व में गांव के कई लोग पलायन कर चुके हैं। ग्रामीणों का दबी आवाज में कहना है पुलिस इतना तंग करती है कि पलायन के अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं बचता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक गांव के राजेश राजवीर पुत्र सोवरन किशनलाल और मलखान समेत कुल पांच लोग पलायन हुए हैं।

पुलिस पर वसूली का आरोप

ब्रह्मपुरी गांव के लोगों ने बताया कि, पुलिस का अब केवल वसूली करने का ही काम बचा है। पुलिस पर आरोप लगाते हुए कुछ ग्रामीणों ने बताया कि, "पुलिस आये दिन गांव वालों को उठाती है और पैसे की वसूली करती है। अगर पैसे न दे तो झूठे मुकद्दमे में फंसाने की धमकी देती है। इस वजह से गांव वाले पुलिस से खौफ में रहते हैं। पुलिस महीने में चार बार आती है और गांव वालों को ले जाती है।" ग्रामीणों ने पुलिस पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है।

एसपी की थ्योरी में हत्या की बात हो गयी गायब

एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि, "मेरापुरा थाना पुलिस ने ब्रह्मपुरी गांव में दबिश दी थी और लहन नष्ट करके वापस चली गई थी। इसके बाद रात डेढ़ बजे पीआरवी को सूचना मिली कि गौतम उर्फ सेना बहेलिया की मौत हो गई है। परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है।"

उन्होंने आगे बताया कि, इस पूरे मामले की जांच के लिए थाना प्रभारी कायमगंज को नियुक्त किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौतम पर चोरी, अपहरण व शराब बनाने के चार मुकदमे दर्ज हैं।

द मूकनायक से बातचीत पर पुलिस अधीक्षक ने बीच में ही फोन काट दिया। मामले में फर्रुखाबाद एसपी अशोक कुमार मीणा से घटना में दर्ज हुई एफआईआर में नामजद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का प्रश्न पूछने पर उन्होंने अचानक फोन काट दिया। दोबारा कई बार मिलाने पर फोन व्यस्त बताने लगा। एक अन्य नम्बर से फोन करने पर पूरी रिंग गई, लेकिन पुनः यह नंबर भी व्यस्त बताने लगा। एसपी ने मीटिंग में व्यस्त होने का मैसेज भेजा और बाद में सम्पर्क करने की जानकारी दी।

नामजद आरोपी पुलिकर्मियों पर कार्रवाई की जगह स्थानांतरण

घटना के बाद सोमवार देर रात अशोक कुमार मीणा ने मेरापुर थानाध्यक्ष व अचरा चौकी इंचार्ज को हटा दिया है। मेरापुर थानाध्यक्ष को मऊदरवाजा थाने का वरिष्ठ उपनिरीक्षक बनाया है व अचरा चौकी इंचार्ज को मदनपुर चौकी की जिम्मेदारी दी है। इन दोनों तबादलों के साथ कुल 40 उप निरीक्षकों को इधर से उधर किया गया है।

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