पीलीभीत। उत्तर प्रदेश में दलितों के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक खबर पीलीभीत जिले के पूरनपुर तहसील के थाना हजारा से प्रकाश में आई है। किसान द्वारा थाने में दिए गए शिकायती पत्र के अनुसार, उसकी 1.25 एकड़ गन्ने की फसल को राजकुमार सिंह द्वारा केमिकल छिड़ककर जला दिया गया। जब किसान ने इसका विरोध किया तो उसे जातिसूचक गालियां दी गई और खेत में दोबारा देख जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई। मामले में पीड़ित ने 25 मई को थाना हजारा में लिखित शिकायत भी की थी। जबकि, थाना प्रभारी का कहना है कि जमीन ग्राम समाज की है, इसपर लेखपाल ने आख्या भी लगाई है।
क्या है पूरा मामला?
थाने में दी गई लिखित शिकायत के अनुसार, पीलीभीत पूरनपुर तहसील के हजारा क्षेत्र के सिद्ध नगर गांव में दलित किसान समित्री देवी की खेती योग्य 1.25 एकड़ जमीन 1975 से है। इस जमीन पर किसान के पूर्वज 1975 से खेती करते चले आ रहे हैं। समित्री देवी मूल रुप से लखीमपुर खीरी की पलिया कला तहसील के भानपुरी खजुरिया गाँव की रहने वाली है। वह पिछले कई सालों से इस जमीन पर गन्ने की खेती कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि, राजकुमार सिंह जमीन पर अपना वर्चस्व बनाना चाहता है।
सावित्री देवी द्वारा थाना हजारा में दी गई लिखित शिकायत के अनुसार, सिद्धनगर गांव की 1.25 एकड़ जमीन पर गन्ने की फसल खड़ी थी। इस गन्ने की फसल को तैयार करने के लिए किसान ने हजारों रुपये को लागत लगाई थी। 24 मई को गांव के ही रहने वाले राजकुमार सिंह ने केमिकल डालकर उनकी गन्ने की फसल जला डाली। जब इस बात की किसान को जानकारी हुई तो किसान ने इसका विरोध किया। किसान का आरोप है कि, इस पर राजकुमार सिंह ने उसे जाति सूचक गालियां दी। किसान का यह भी आरोप है कि किसान को खेत मे दोबारा दिखाई देने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई। इसे लेकर किसान ने 25 मई को थाना हजारा में लिखित शिकायत की है।
मामले में थाना प्रभारी हजारा का कहना है, "इस मामले में लेखपाल ने आख्या लगाई है। जमीन ग्राम समाज की है। उस पर मंडी और टँकी प्रस्तावित की गई है। इस जमीन पर किसी का अधिकार नहीं है।"
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