यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: विज्ञापन के लिए बजट, खिलाड़ियों की सुविधा के लिए नहीं!

सरकार ने प्रतियोगिता के विज्ञापन व खेल गांव की सजावट के लिए करोड़ों खर्च किए, व्यवस्था को नजरंदाज किया।
यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: विज्ञापन के लिए बजट, खिलाड़ियों की सुविधा के लिए नहीं!
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लखनऊ। प्रदेश की राजधानी सहित तीन अन्य शहरों लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और नोएडा में खेलो इंडिया-यूनिवर्सिटी गेम्स-2023 का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का 25 मई को औपचारिक आगाज होगा, जबकि तीन जून को वाराणसी में खेलों का समापन किया जाएगा। प्रतियोगिता के प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आरोप है कि खिलाड़ियों की सुख-सुविधाओं को नजरंदाज किया जा रहा है।

प्रतियोगिता में आए कुछ खिलाड़ियों का आरोप है कि उनके शौचालय गंदे पड़े हुए हैं। पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। बीती रात खिलाड़ियों के उक्त मामलों में जताए गए एतराज के बाद व्यवस्था हो सकी। इससे जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला?

लखनऊ में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स बीबीडी बैडमिंटन अकेडमी, गोमती नगर के एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम, बीबीडी यूनिवर्सिटी, गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स हॉस्टल में आयोजित किए जा रहे हैं। फैजाबाद रोड (अब अयोध्या) स्थित बीबीडी परिसर में ठहरे खिलाड़ियों ने व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं।

आपको बता दें कि 25 मई को खेल का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से करेंगे। बीबीडी यूनिवर्सिटी के बी ब्लॉक में खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता में आए कुछ खिलाड़ियों का आरोप है इस भीषण गर्मी में उनके रुकने, रहने खाने-पीने की व्यवस्था अच्छी नहीं है। उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को अपनी किट लेने से लेकर खाने के लिए घण्टों इंतजार करना पड़ रहा है।

एक खिलाड़ी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर लखनऊ के बीबीडी में खिलाड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं के वीडियो और फोटो भेजकर बताया, "सरकार ने विज्ञापन पर जमकर खर्चा किया है। सजावट भी खूब किया है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए ठीक व्यवस्था नहीं कर पाई है।"

खिलाड़ी ने पीड़ा बताते हुए कहा, "जब हम यहां आए तो कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। हमें सोने के लिए लकड़ी और लोहे की बनी फोल्डिंग पर एक गद्दा दे दिया गया है। बाथरूम इस्तेमाल करने के लिए दूरी तय करनी पड़ रही है।"

कागज पर लिखवाया गया साइज, 5 घण्टे बाद मिल सकी किट

खिलाड़ी ने बताया, "कल शाम हम साढ़े 6 बजे आईडी कार्ड और किट लेने गए थे। घण्टों लाइन में लगना पड़ा। किट में मिलने वाली ड्रेस के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। हमारा ड्रेस साइज ही नहीं मिल पा रहा था। हम सभी से कागज पर हमारा नाम और साइज लिखवाया गया। हमने दो घण्टे इंतजार किया। इसके बाद हम खाना खाने चले गए। रात में लगभग साढ़े 10 बजे हमें किट मिल सकी।"

खिलाड़ी ने आगे बताया, "जब हम खाना खाने पहुंचे तो खाना भी समय पर तैयार नहीं हुआ था। कभी खाने को रोटी नहीं थी तो कभी चावल नहीं मिल रहा था। आज दोपहर भी यही हुआ। खिलाड़ियों ने इसको लेकर हंगामा भी किया था।"

मच्छरों ने रात में सोना किया मुश्किल

कुछ खिलाड़ियों ने शिकायत किया कि, रात में कमरे में सोना मुश्किल हो जाता है। रातभर मच्छर काटते हैं। वहीं इस बात की जानकारी जब प्रशासन को हुई तो उसने खिलाड़ियों की मौजूदगी में ही दवाई का छिड़काव करा दिया। इससे खिलाड़ियों का दम घुटने लगा।

खिलाड़ियों से अव्यवस्था का कराया खंडन

इधर, सम्बंधित अधिकारी को शिकायत मिलने के बाद बुधवार शाम खेल गांव पहुंची टीम ने मौके पर जाकर खिलाड़ियों से अव्यवस्था को लेकर बातचीत कर वीडियो बनाया। इस वीडियो में कई खिलाड़ियों ने अव्यवस्था की बात को नकारा दिया है।

क्या कहते हैं संबंधित अधिकारी!

द मूकनायक ने अपर मुख्य सचिव खेल विभाग नवनीत सहगल से बात की। सहगल ने कहा, "मैं खुद खेल गांव परिसर में मौजूद हूं। हर व्यवस्था का जायजा ले रहा हूं। सारी व्यवस्थाएं की गई हैं, यदि कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा। इसके लिए हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं।"

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