ग्राउंड रिपोर्ट: दो दलित बहनों के बलात्कार के बाद हत्या, आज क्या हुआ, जानिए पूरा घटनाक्रम

दोनों बहनों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते ग्रामीण [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]
दोनों बहनों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते ग्रामीण [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में गत बुधवार दो दलित नाबालिग बहनों की रेप के बाद हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया था। इस मामले में गुरुवार को पुलिस प्रशासन के हाथ पांव तब फूल गए जब परिजनों ने बेटियों के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। हालांकि प्रशासन की समझाइश के बाद परिवार ने देर शाम शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। दोनों शवों को दफनाया गया है। इधर, प्रशासन ने परिवार को आर्थिक मदद और मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का भरोसा दिलाया है। पुलिस ने इस मामले में पीड़ित परिवार की तहरीर पर आईपीसी की मारपीट, बलात्कार, हत्या, एससी/एसटी व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया है। मामले के सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जानिए क्या था मामला?

लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में गत बुधवार शाम पांच बजे घर के बाहर से दो सगी बहनों को बाइक सवार तीन लोग अगवा कर ले गए, करीब एक घंटे के बाद गांव के पास ही एक खेत में पेड़ में फंदे से लटकते हुए शव मिले। परिजन ने पड़ोसी गांव के तीन युवकों पर अगवाकर हत्या का आरोप लगाया था। मामले में भारी विरोध को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। लखीमपुर पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के मुताबिक, लड़कियों को खेत में ले जाया गया था, जहां उनकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाए गए थे। इसमें कुल 6 लड़के शामिल थे। आरोपी छोटू , जुनैद, सोहेल, हफीजुरहमान, करीमुद्दीन और आरिफ को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार सुबह एक मुठभेड़ में जुनैद को पांव में गोली लगी है और पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया है।

सभी आरोपी
सभी आरोपी

तनावपूर्ण माहौल, पुलिस ने की समझाइश

निघासन गांव में गुरुवार सुबह से ही गहमागहमी का माहौल था। स्थानीय नेताओं व आस-पास के गांव के लोगों का भारी जमावड़ा था। इसबीच पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया, जहां मेडिकल बोर्ड ने परिजनों की उपस्थिति में शव का पोस्टमार्टम किया। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम से बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। अपराह्न करीब डेढ़ बजे शवों को गांव लाया गया। इस दौरान पुलिस का भारी जाप्ता तैनात रहा। यहां परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इसके बाद जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने समझाइश शुरू की।

इन मांगों को पूरी करने का दिया आश्वासन

जिला व पुलिस प्रशासन ने एससी/एसटी एक्ट के तहत दोनों मृत लड़कियों की मां को 8-8 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने वहीं पहली किश्त 16 सितम्बर को खाते में देने का का वादा किया। इसी के साथ प्रधानमंत्री योजना के तहत पीड़ित परिवार को घर, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व ज्यादा से ज्यादा मदद देने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने व पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने का भी आश्वासन देने का लिखित आश्वासन दिया गया है।

रोते-बिलखते पीड़ित परिजन [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]
रोते-बिलखते पीड़ित परिजन [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]

गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

पुलिस व प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार की मानने के बाद शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हुई। इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। दोनों शवों को एक खाट पर रखकर जब लोग घर से निकले तो मां बेसुध हो गई। वहीं परिजनों व रिश्तेदारों का करूण क्रंदन सुनकर वहां मौजूद हर सख्स की आंखें गीली हो गई। मृतक नाबालिग व शादीशुदा नहीं होने के कारण उनके परिजनों ने दाह संस्कार नहीं कर दोनों शवों को गांव के बाहर खेत में दफना दिया गया।

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