उत्तर प्रदेश। मुरादाबाद जिले में बजरंग दल के जिला प्रमुख ने मुस्लिम युवक को फंसाने और थानेदार को हटवाने के लिए दो सप्ताह के भीतर दो गौवंश कटवा डाले, साथ ही थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया। पुलिस जब इस मामले की तफतीश में जुटी तो सच्चाई कुछ और ही निकली। पुलिस ने इस मामले में बजरंग दल के जिला प्रमुख सुमित उर्फ मोनू विश्नोई 'बजरंगी' सहित 3 साथियों को गोकशी के मामले में पकड़ कर जेल भेज दिया है। पुलिस द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार मोनू विश्नोई ने यह साजिश छजलैट के एसएचओ को हटवाने के लिए रची थी। पुलिस के मुताबिक दो साथी अभी भी फरार हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने दोनों की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया है।
मुरादाबाद जिले में हरिद्वार हाईवे पर अगवानपुर से कांठ तक कांवड़ पथ बना हुआ है। कांवड़ के दिनों में कांवड़िए इस पथ का इस्तेमाल करते हैं। 16 जनवरी को कांवड़ पथ पर छजलैट थाना क्षेत्र में समदपुर चौराहे के पास एक गाय का सिर और खाल पड़ी मिली थी। सूचना देने वाले ने पुलिस को बताया था कि वो 10 मिनट पहले उस रास्ते से गुजरा तो कुछ नहीं था लेकिन 10 मिनट बाद वहां गाय के अवशेष पड़े मिले। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी। लेकिन पड़ताल में मौके पर गोकशी होने के कोई अवशेष नहीं मिले। छानबीन में पता चला कि किसी दूसरे स्थान से अवशेष लाकर कांवड़ पथ पर डाले गए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 29 जनवरी को छजलैट थाने के गांव चेतरामपुर के जंगल में फिर से गाय के अवशेष पड़े मिले। सूचना पर जब पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो पुलिस को मौके पर गाय की कटी हुई गर्दन, पशु काटने के उपकरण और एक लोअर घटनास्थल पर पड़ा मिला। लोअर की जेब में एक पर्स था। कुछ पैसे भी रखे थे। इसमें एक फोटो और डायरी भी पुलिस को मिली थी। डायरी पर महमूद और अजहर के नाम और मोबाइल नंबर थे। फोटो की शिनाख्त करने पर फोटो महमूद पुत्र मकसूद निवासी चेतरामपुर थाना छजलैट मुरादाबाद का निकला। पुलिस ने इस घटना का भी मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी।
दो सप्ताह के भीतर गोवंश के दो बार टुकड़े मिलने की दो घटनाओं के सामने आने के बाद बजरंग दल के जिला प्रमुख सुमित उर्फ मोनू विश्नोई ने 30 जनवरी को छजलैट एसओ को हटाने के लिए छजलैट थाने का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं के साथ छजलैट थाने पर धरना देने पहुंचे मोनू विश्नोई ने तत्काल छजलैट थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग की। प्रदर्शन करने वाले बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कहा कि छजलैट क्षेत्र में गोकशी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसलिए छजलैट के थाना प्रभारी को सस्पेंड किया जाए।
जिले में 15 दिन के भीतर एक ही थाना क्षेत्र में 2 स्थानों पर गाय के अवशेष मिलने की घटना को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी हेमराज मीणा ने एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में उच्च स्तरीय टीम का गठन किया। घटनाओं के खुलासे के लिए सर्विलांस सेल को भी लगाया। पुलिस ने संदिग्ध मोबाइल नंबरों के जरिए भी छानबीन शुरू कर दी। दोनों घटनाएं गोकशी की घटनाओं से एकदम अलग थीं। इसलिए इनके पीछे किसी की साजिश होने की आशंका में भी पुलिस काम कर रही थी।
एक ही थाना क्षेत्र में दूसरी बार गोवंश मिलने की घटना में पुलिस को साजिश की आशंका थी। 29 जनवरी की घटना में पुलिस को घटनास्थल से मिले लोअर में महमूद निवासी चेतरामपुर थाना छजलैट का फोटो और मोबाइल नंबर मिला था। पुलिस ने महमूद को थाने बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी अपने ही गांव के शाहबुद्दीन पुत्र मुज्जफर हुसैन से रंजिश चल रही है। महमूद ने पुलिस को बताया कि, कुछ वक्त पूर्व शाहबुद्दीन के भाई रूकसाद की मृत्यु हो गई थी। शाहबूददीन अपने भाई रूकसाद की मौत के लिए महमूद और उसके परिवार को जिम्मेदार मानता था। कुछ दिन पहले शाहबुद्दीन ने महमूद से उसका मोबाइल नंबर लिया था। उसने पूर्व में हुए झगड़े में उसे धमकी भी दी थी कि वह उसे किसी मामले में फंसा देगा।
महमूद से पूछताछ में मिले साक्ष्यों के बाद पुलिस ने उसी के गांव चेतराम के रहने वाले शाहबुद्दीन को पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर निकालकर भी छानबीन शुरू की। सीडीआर से पता चला कि वो बजरंग दल के जिला प्रमुख मोनू विश्नोई के सम्पर्क में था। पुलिस के कड़ाई से पूछताछ करने पर शाहबुद्दीन पुत्र मुज्जफर हुसैन ने बताया कि "मेरे भाई रुखशाद की हत्या गांव के ही महमूद उर्फ मोटा पुत्र मकसूद, अजहर पुत्र मोहम्मद उमर ने की थी। इसीलिए मैं और मेरा भाई जमशेद इन लोगों से अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहते थे।" शाहबुद्दीन ने बताया कि, करीब 20 दिन पहले उसकी और उसके भाई की मुलाकात मोनू विश्नोई निवासी रसूलपुर गुज्जर थाना कांठ और राजीव चौधरी निवासी ग्राम पचोकरा थाना छजलैट जनपद मुरादाबाद से रमन चौधरी निवासी मानपुर खानपुर थाना छजलैट ने कराई थी। इन तीनों व्यक्तियों ने मुझे ओर मेरे भाई को बताया था कि तुम गोकशी की घटना से संबंधित गाय के अवशेष समदपुर के आस-पास लाकर रख देना।
पूछताछ में शाहबुद्दीन ने पुलिस को बताया कि, बजरंग दल के जिला प्रमुख मोनू विश्नोई ने उससे कहा था कि तुम गाय के अवशेष रखने के बाद हमें बता देना। इसके बाद हम इस सूचना पर पुलिस पर दबाव बनाकर तुम्हारे विपक्षी महमूद उर्फ मोटा व अजहर को गोकशी के मुकदमे में जेल भिजवा देंगे। राजीव चौधरी द्वारा गौवंश का खाल व सिर रखने के लिए नईम निवासी सिकरी को 2000 रुपये का प्रलोभन भी दिया गया था।
शाहबुद्दीन ने पुलिस को बताया, "मैंने और मेरे भाई जमशेद तथा नईम ने इन तीनों के कहने पर एक घुमंतू गाय को मारकर 16 जनवरी को गाय का सिर और खाल लाकर समदपुर से मानपुर को जाने वाले रास्ते पर कांवड़ पथ पर रख दिया था। इसके बाद कॉल करके तीनों को बता भी दिया था। लेकिन जैसा इनके साथ हमारा तय हुआ था वैसा न होकर पुलिस द्वारा इस घटना में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।"
शाहबुद्दीन ने पुलिस को बताया कि "16 जनवरी को कांवड़ पथ पर गाय के अवशेष रखने के मामले में उसके दुश्मन जेल नहीं गए तो मैंने बजरंग दल नेता से नाराजगी जाहिर की। इसके बाद 23 जनवरी को मानपुर खानपुर निवासी रमन चौधरी हमसे मिला और आश्वासन दिया कि एक बार फिर से गोकशी करो तो इस बार हम पुलिस पर दबाव बनाएंगे। उसने हमें मोनू विश्नोई और राजीव चौधरी से भी मिलवाया था।"
"मोनू विश्नोई ने मुझसे कहा कि इस बार तुम जहां गाय के अवशेष डालोगे और वहां अपने विपक्षी महमूद उर्फ मोटा की फोटो व उसके साथी अजहर का नाम डायरी में नाम लिखकर उसे एक लोअर में डालकर लोअर मौके पर छोड़ देना। इसके बाद हमें कॉल कर देना। इसके बाद हम उसे नामजद करने का दबाव बनाएंगे। एसओ हमारी बात नहीं मानेगा तो हम धरना प्रदर्शन कर उसे चार्ज से हटवा देंगे", शाहबुद्दीन ने पुलिस को बताया।
अरेस्ट हुए शाहबुद्दीन ने पुलिस पूछताछ में बताया कि, बजरंग दल नेता की बातों पर विश्वास करके उसने 28 जनवरी की रात को अपने गांव की विधवा महिला विमला देवी के घर से उसकी गाय चोरी कर ली थी। इसके बाद अपने ही गांव के महिपाल जाटव के खेत में ले जाकर गाय काट दी थी। इसके बाद मोनू विश्नोई, रमन और राजीव चौधरी के कहे अनुसार मौके पर महमूद उर्फ मोटा का फेसबुक से फोटो निकालकर मौके पर एक पर्स में डायरी के साथ रख दिया। साथ में कुछ रुपये भी रख दिए ताकि ऐसा न लगे कि पर्स को मौके पर प्लांट किया गया है। जिसके बाद रमन, मोनू व राजीव ने योजनाबद्ध तरीके से पुलिस को सूचना देकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।"
पुलिस को दोनों मुकदमे में समानता देखते हुए प्रदर्शन करने वालों पर संदेह हुआ। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी रमन, मोनू व राजीव की सीडीआर, कॉल डिटेल्स निकलवाई, जिससे पूरा खेल उजागर हो गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने द मूकनायक को बताया कि, गोकशी की घटना को अंजाम देने और उसकी साजिश रचने के मामले में पुलिस ने शहाबुद्दीन पुत्र मुजफ्फर हुसैन निवासी ग्राम चेतरामपुर थाना छजलैट, जमशेद पुत्र मुजफ्फर हुसैन निवासी ग्राम चेतरामपुर थाना छजलैट, रमन चौधरी पुत्र इन्द्रपाल निवासी ग्राम खानपुर मुजफ्फरपुर थाना छजलैट और मोनू विश्नोई उर्फ सुमित पुत्र स्व0 खूब सिंह नि0 ग्राम रसूलपुर गुज्जर थाना कांठ को अरेस्ट किया गया है। जबकि राजीव चौधरी पुत्र ऋषिपाल नि0 ग्राम चक पचोकरा थाना छजलैट और नईम पुत्र छोटे निवासी ग्राम सीकरी थाना छजलैट अभी फरार हैं। दोनों फरार अभियुक्तों की गिरफ़्तारी पर एसएसपी मुरादाबाद ने इनाम घोषित किया है। मीणा ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास है। मोनू विश्नोई पिछले दिनों थाने के बाहर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने के मामले में भी जेल जा चुका है।
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