फालोअपः नगर आयुक्त के आदेशों को नहीं मानता क्षेत्रीय इंजीनियर, मजदूरों के लिए रैन बसेरा बनाने से किया मना!

यूपी के लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार और जातिवाद बुरी तरीके से व्याप्त है। इसका खामियाजा आम जनता और गरीब बेबस लोगों को उठाना पड़ रहा है। नगर निगम के कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों को सुनने तक को तैयार नहीं है।
फालोअपः नगर आयुक्त के आदेशों को नहीं मानता क्षेत्रीय इंजीनियर, मजदूरों के लिए रैन बसेरा बनाने से किया मना!
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लखनऊ। यूपी के लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार और जातिवाद बुरी तरीके से व्याप्त है। इसका खामियाजा आम जनता और गरीब बेबस लोगों को उठाना पड़ रहा है। नगर निगम के कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों को सुनने तक को तैयार नहीं है। नगर आयुक्त ने जोनल अफसर को गरीब बेबस लोगों के लिए रैन बसेरे बनाने के आदेश दिए थे। जोनल अफसर ने क्षेत्रीय इंजीनियर को आदेश किया। नगर आयुक्त द्वारा जोनल अफसर को दिए आदेश और जोनल अफसर द्वारा इंजीनियर को दिए गए आदेश को क्षेत्रीय इंजीनियर ने मानने से इंकार कर दिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

लखनऊ के नगर निगम जोन 3 के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास बस अड्डे के लिए बीते 1 सप्ताह पहले सरकारी भूखंड खाली कराया गया था। इस भूखंड पर लगभग 600 से अधिक दलित मजदूरों की झुग्गी झोपडि़यां थीं। जिला प्रशासन लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं अन्य विभागों की संयुक्त टीम ने मिलकर इस भूखंड को पुलिस की मदद से खाली करा लिया।

इस दौरान इस भूखंड पर बीते एक दशक से भी अधिक समय से रह रहे दलित मजदूरों को हटाना पड़ा। इन मजदूरों के साथ दूध मुंहे बच्चे और उनका परिवार भी था। कई मजदूरों ने दुकान के सामने खाली पड़े डिवाइडर पर ही कुछ समय के लिए अपना आशियाना बना लिया। इतने कम समय में इन मजदूरों द्वारा रहने के लिए नया स्थान ढूंढ पाना मुश्किल था। सर्दी के मौसम में या मजदूर खुले में दिन व रात बिताने को मजबूर हैं।

जानिए क्यों झुग्गी बनाकर रहते हैं मजदूर ?

लखनऊ में विभिन्न जगह पर खाली पड़े प्लाटों और भूखंडों पर झुग्गी झोपड़ी दिख जाएंगी। यह सब लखनऊ से सटे जिले सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, उन्नाव, बहराइच, कानपुर, अमेठी व सुल्तानपुर आदि काम की तलाश में शहर आए दिहाड़ी मजदूर हैं। इन मजदूरों की मजदूरी कम होने के कारण वह किराए के मकान लेकर रह पाने में अक्षम है। इस कारण मजदूर खुले पड़े भूखंडों में अस्थायी अपना डेरा जमा लेते हैं।

वीडियो वायरल होने पर जमकर हुई फजीहत

द मूकनायक ने फुटपाथ पर रह रहे इन गरीब दलित मजदूरों के जीवन को दुनिया को अपनी खबर के माध्यम से दिखाया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब जमकर वायरल हुआ। ठंड के मौसम में जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों की टीम द्वारा इस कार्रवाई को लेकर जमकर फजीहत हुई।

मंडलायुक्त और नगर आयुक्त ने मामले को लिया संज्ञान

खबर में शामिल मात्र 1 महीने के बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। इस वीडियो को मंडलायुक्त लखनऊ रोशन जैकब और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने संज्ञान लेकर इन दलित गरीब मजदूरों के लिए कुछ समय के लिए रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने जोनल अफसर 3 अम्बी बिष्ट को रैन बसेरा बनाने का आदेश दिया।

जोनल अफसर ने इंजीनियर को कहा, इंजीनियर ने आदेश मानने से मना किया

जोनल ऑफिसर अम्बी बिष्ट ने क्षेत्रीय इंजीनियर पुनीत ओझा को मौके पर जाकर रैन बसेरा बनाने का आदेश दिया। इस आदेश को पुनीत ओझा ने मानने से इनकार कर दिया।

क्या कहना है जोनल अफसर का ?

इस मामले को लेकर जोनल अफसर अम्बी बिष्ट का कहना है कि कई बार अधीनस्थ क्षेत्र में इसी तरह प्रतिक्रिया करते है और शिकायत भी आती है। कई बार काम नहीं होने के कारण नगर आयुक्त भी नाराज होते हैं।

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