उत्तर प्रदेश। अयोध्या जिले के चर्चित स्कूल में छात्रा से कथित तौर से गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है। जांच में छात्रा की मौत को सुसाइड बताया गया है। मामले में एसआईटी ने स्कूल की एक टीचर के बेटे को दिल्ली से पकड़ा है। छात्रा के मोबाइल से मिली चैट के आधार पर पुलिस ने पूरा केस खोल डाला। चैट से जानकारी मिली कि आरोपी छात्र उसे परेशान करता था। दोनों में किसी बात को लेकर अनबन हुई थी, जिससे छात्रा ने स्कूल की बिल्डिंग से कूद कर सुसाइड कर लिया। आरोपी नाबालिग छात्र पर छात्रा को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। रविवार को पुलिस ने आरोपी छात्र को बाल सुधार गृह भेज दिया। जबकि स्कूल प्रबंधक को मौत की झूठी कहानी गढ़ने के आरोप में जेल भेज दिया। वहीं आरोपियों पर लगाए गए पॉक्सो एक्ट वापस ले लिया है।
अयोध्या के कैंट क्षेत्र के चर्चित स्कूल में 26 मई को छत से गिरकर 10वीं की छात्रा की मौत हो गई थी। इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्या ने छात्रा के झूले से गिरने की बात बताकर 7 घंटे तक पीड़ित परिवार और पुलिस को उलझाए रखा। जबकि जिस जगह पर छात्रा गिरी थी, वहां से 50 से 60 मीटर की दूरी पर झूले लगे हैं। प्रधानाचार्या के इस बयान ने मामले को और अधिक संदिग्ध बना दिया। छात्रा के पिता ने बेटी से रेप के बाद हत्या किए जाने का संदेह जताया था। पिता द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस ने स्कूल की प्रधानाचार्या, कम्प्यूटर टीचर सहित एक अन्य पर रेप और पॉक्सो की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। छात्रा की मौत के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई सीसीटीवी फुटेज के बाद मामला तूल पकड़ने लगा। शहर में छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए जुलूस भी निकाले गए। पुलिस ने मामले की जांच कराने के लिए एसआईटी का गठन किया। जांच के दौरान एसआईटी को छात्रा के मोबाइल से अहम सुराग भी मिले।
जानकारी के मुताबिक, चाणक्यपुरी में रहने वाले छात्र की छात्रा से वॉट्सऐप चैट पुलिस के हाथ लगी थी। सूत्र बताते हैं कि शहर के बड़े फल आढ़ती के परिवार से ताल्लुक रखने वाले छात्र को पुलिस ने दिल्ली से उसकी नानी के घर से पकड़ा है। छात्र की मां इसी स्कूल में टीचर हैं, घटना के बाद वह अपने बेटे को साथ लेकर दिल्ली मायके चली गई थीं। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि छात्रा के मोबाइल पर इसी लड़के ने चैटिंग की थी। हालांकि छात्रा से छात्र का संबंध आदि बिन्दुओं पर पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने स्कूल प्रबंधक पर घटना के बारे में पुलिस को सूचित नहीं करने और सबूत नष्ट करने के लिए मामला दर्ज किया, जबकि एक नाबालिग छात्र पर आईपीसी की धारा 305 (आईपीसी से संबंधित आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया। साथ ही स्कूल की प्रधानाध्यापिका रश्मि भाटिया, खेल शिक्षक अभिषेक कन्नौजिया के खिलाफ भी छावनी थाने में मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा, प्रिंसिपल रश्मि भाटिया और खेल शिक्षक अभिषेक कन्नौजिया के खिलाफ जांच जारी रहेगी। साथ ही कैंट पुलिस ने मामले से आईपीसी की धारा 376D, 120B 302 व पॉक्सो एक्ट हटा लिया है।
पुलिस द्वारा गठित की गई एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 26 मई को जब घटना हुई, उस दिन छात्रा करीब एक घंटे तक स्कूल कैंपस में रही थी। सूत्रों ने सीसीटीवी के आधार पर बताया कि छात्रा सुबह 8:41 बजे स्कूल पहुंची थी। फिर 8:51 बजे प्रिंसिपल रश्मि भाटिया के कार्यालय में मिलने के लिए पहुंची। करीब 39 मिनट प्रिंसिपल के कमरे में रहने के बाद वह 9:30 बजे बाहर निकलती है। 9:33 बजे जीने से छत की ओर जाती दिखाई दी। फिर सुबह 9:39 बजे बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में गिरते हुए दिखाई दी। एसआईटी ने हर उस जगह की जांच की, जहां-जहां छात्रा रही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, स्कूल के सेकेंड फ्लोर से वारदात के 15 घंटे बाद छात्रा का मोबाइल और चश्मा बरामद किया था। उस समय सेकेंड फ्लोर पर मिट्टी भी मिली थी, जो किसी जूते के निशान की थी। एसआईटी जांच के दौरान इन पहलुओं पर भी गहनता से जांच की गई।
इस मामले में क्षेत्राधिकारी कैंट शैलेंद्र सिंह ने कहा, जांच में यह पाया गया कि लड़की एक छात्र के संपर्क में थी। लड़की मोबाइल फोन से चैट करती थी। लड़के से विवाद के बाद उसने आत्महत्या कर ली। वह उसे परेशान करता था।
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