लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बस चंद दिनों में विधान सभा चुनाव के लिए मतदान शुरु हो जाएंगे। चुनाव से पहले अयोध्या से लेकर मथुरा तक धर्म और श्री राम चर्चा में रहे। धर्म और जाति के आधार पर यूपी की जनता को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश भी खूब हो रही है। जब बात जातिवाद की आती है तो उत्तर प्रदेश सबसे आगे होता है। कहने को तो सूबे की कमान एक योगी के हाथों में है। लेकिन योगी तो वह है जिसके लिए न धर्म और न ही जाति मायने रखती है, लेकिन सीएम योगी का केस अलग है। यहां तो खुद मुख्यमंत्री साहब क्षत्रिय कुल में पैदा होने पर गर्व कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। कहा तो ये जा रहा है कि ये वीडियो एक इंटरव्यू का एनएडिटेड पार्ट है। इस वीडियो में सीएम योगी खुद के क्षत्रिय होने पर गर्व कर रहे हैं।
इस वीडियो में सीएम योगी कह रहे हैं कि "केवल राजपूतों की राजनीति के आरोप मुझ पर लगने पर मुझको कोई दुख नहीं। क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध नहीं।"
अपनी जाति पर स्वाभिमान होना चाहिए..
बता दें कि, ये वीडियो हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू का है। इस इंटरव्यू में सीएम योगी से सवाल किया गया था, 'जब आपसे ये कहा जाता है कि आप सिर्फ राजपूतों की राजनीति करते हैं, तो क्या आपको दुख होता है?
इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने साफ कहा "नहीं कोई दुख नहीं होता है। क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध थोड़े है। क्षत्रिय इस देश की ऐसी जाति है जिसमें भगवान जन्म लिए हैं और बार-बार जन्म लिए हैं।''
अंत में सीएम योगी ने कहा "अपनी जाति पर स्वाभिमान हर व्यक्ति को होना चाहिए।''
मामले पर प्रतिक्रियाएं
सीएम योगी का ये वीडियो बड़ी ही तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बड़ी-बड़ी हस्तियां इस वीडियो पर को शेयर कर रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार और अवॉर्ड वीनिंग फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सीएम योगी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, "कहा जा रहा है कि ये आदित्यनाथ का unedited इंटरव्यू है। मुख्यमंत्री तो जात पाँत से ऊपर कोई भी आज तक नहीं उठ पाए पर हमने तो सुना था कि साधु संत, योगी महात्मा की कोई जाति नहीं होती फिर ये कैसे महंत महाराज योगी हैं जो खुलेआम अपनी जाति पर स्वाभिमान कर रहे हैं।''
इनके साथ ही लक्ष्मण यादव ने भी ट्विटर पर ये वीडियो शेयर करते हुए सूबे के मुखियया और सरकार को घेरा है।
उन्होंने लिखा, "यह शख़्स ख़ुद को 'योगी' कहता है, मगर अपनी जाति नहीं छोड़ सका, फिर कैसा योगी? 'क्षत्रिय' होने का गर्व देखिए. भगवान की भी जाति बताते हुए गर्व देखिए. इसीलिए इसने यूपी में हर जगह 'ठाकुरवाद' चलाया. मगर जातिवादी केवल दलित, पिछड़े, आदिवासियों ही होंगे. यही इस मुल्क की त्रासदी है।''
पोस्टिंग में ठाकुरवाद का आरोप
वैसे आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश में जातिवाद के आरोप लगातार लगते रहे हैं। देश के सबसे बड़े सूबे में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासन में एक वर्ग विशेष को ज्यादा सुविधा मिली है ऐसे आरोप लगते रहे हैं।
दैनिक भास्कर के अनुसार, यूपी में 75 जिले हैं। इन 75 जिलों में 40% यानी 30 में सामान्य वर्ग के जिलाधिकारी (DM) तैनात हैं। अब इस 40% में से 26% (20) ठाकुर तो करीब 11% (8) ब्राह्मण जाति के हैं अधिकारी हैं।
उत्तर प्रदेश के 18 जिलों की कमान ठाकुर जाति से संबंध रखने वालों के हाथ में है, जबकि इतने ही जिलों की कुर्सी पर ब्राह्मण जाति के SSP तैनात हैं।
4 DM शेड्ययूल कास्ट से हैं, वहीं 5 जिलों के SSP/SP SC-ST हैं। OBC जाति के अधिकारियों की स्थिति थोड़ी बेहतर है। सूबे के 14 DM OBC हैं। वहीं 12 SSP/SP भी OBC हैं।
समाजवादी सरकार में यादवों को सर्वोपरि रखा गया था तो इस बार सीएम योगी ने उनको सबसे नीचे रखा है। 1-1 जिलों में DM और SSP/SP यादव रखे गए हैं।
अब इन आंकड़ों को देखने के बाद तो साफ है कि एक वर्ग विशेष को इस सरकार में लाभ पहुंचाया गया है। हालांकि सूबे के मुखिया ययोगी आदित्यनाथ ऐसे आरोपों को नकारते जरुर हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि धर्म भले ही योगी वाला धारण कर लिया गया हो लेकिन कर्म अभी भी क्षत्रियों वाले हैं। ऊंची जाति का होने का गुमान सीएम योगी आदित्यनाथ के इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है।
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