प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा-पुलिसकर्मियों ने की पिटाई, सामान रेलवे ट्रैक पर फेंका, आरोपी पुलिसकर्मी निलम्बित
यूपी के कानपुर में पुलिसकर्मी ने एक किशोर सब्जी विक्रेता से बदसलूकी करते हुए उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो उसका बांट और तराजू उठाकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिए। इस घटना ने किशोर के अंदर दहशत भर दी। जब वह रेलवे ट्रैक पर फेके गए तराजू और बाट को उठाने गया, अपनी ओर दोबारा पुलिस आते देख वह हड़बड़ाहट में रेलवे ट्रैक पर ही गिर गया। इस दौरान दूसरी ओर से आ रही तेज रफ्तार मेमो ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसके पैर कट गए।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
यूपी में कानपुर के कल्याणपुर के साहबनगर क्षेत्र में फातिमा अपने बच्चों के साथ रहती हैं। फातिमा मूल रूप से बिल्हौर की रहने वाली हैं। उनकी शादी कल्याणपुर के रहने वाले सलीम से हुई। सलीम शराब का लती था। अक्सर मारपीट करता था। इस कारण फातिमा ने उसका साथ छोड़ दिया और बच्चों के साथ रहने लगी। फातिमा के 6 बच्चे हैं। फातिमा के दो बेटे कदीम (20) और अर्शलान (17) जबकि चार बेटियां सादिया (18), आलिया (10), तमन्ना (8), मारिया (6) है। फातिमा का पति 6 साल पहले घर छोड़कर अलग रहने लगा था।
दोनों बेटों की कमाई से चलता है घर
फातिमा का बड़ा बेटा कदीम और छोटा बेटा अर्शलान कल्याणपुर इलाके में सब्जी का ठेला लगाते है। दोनों की कमाई से ही पूरे परिवार का पेट पलता था।
कैसे और कब हुई घटना
फातिमा ने बताया-'रोज की तरह 2 दिसबंर 2022 की शाम को भी अर्शलान कल्याणपुर क्रॉसिंग के बगल जीटी रोड किनारे सब्जी बेच रहा था।'
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक-'इस दौरान इंदिरा नगर चौकी में तैनात दरोगा शादाब खान और हेड कॉन्स्टेबल राकेश ने उससे मारपीट की। पुलिस हेड कॉन्स्टेबल राकेश ने फुटपाथ पर सब्जी लगाने के चलते पहले अर्शलान को जमकर पीटा और गाली-गलौज करते हुए रेलवे पटरी पर तराजू उठाकर फेंक दिया। इससे अर्शलान दहशत में आ गया। उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि ट्रेन आ रही है और क्रासिंग पर पड़े तराजू को उठाने के लिए दौड़ा। इसी दौरान वह तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गया और उसके दोनों पैर कट गए।'
घटना के चश्मदीद सलीम ने बताया -'हमारे सामने की बात है। कल्याणपुर थाने के हेड कॉन्स्टेबल राकेश कुमार ने सब्जी विक्रेता को पीटा। उसका तराजू उठाकर रेलवे लाइन पर फेंक दिया। वह तराजू उठाने गया तो ट्रेन की चपेट में आने से दोनों पैर कट गए।'
बड़ा भाई मदद के लिए चिल्लाता रहा, मूक दर्शक बने रहे लोग
अर्शलान के पैरों से ट्रेन गुजरने के बाद वह रेलवे ट्रैक पर पड़ा छटपटा रहा था। जब घटना की जानकारी नदीम को मिली तो कदीम मौके पर पहुंच गया। इस दौरान मौके पर भीड़ भी इकट्ठा हो गई। कदीम अपने भाई अर्शलान को अस्पताल ले जाने के लिए लोगों के आगे गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस की मदद से अर्शलान को कानपुर के हैलट अस्पताल ले जाया जा सका।
खून ज्यादा बहने पर लखनऊ किया रेफर
अर्शलान का एक पैर जांघ से पूरी तरह कट कर अलग हो गया था। इस दौरान ज्यादा खून बह गया। हैलेट अस्पताल में दो यूनिट खून चढ़ाने और प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने अर्शलान को लखनऊ के एसजीपीआई अस्पताल के एपेक्स ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया।
गम्भीर है स्थिति चल रहा इलाज
अर्शलान की मां फातिमा ने बताया -'डॉक्टर ने एक टांग पूरी तरह से काटने की बात कही है। हैलेट अस्पताल में दो यूनिट खून चढ़ा था। लखनऊ लाये तो यहां पर भी दो यूनिट खून चढ़ाया गया है। डॉक्टर पैर के ऑपरेशन करने की बात कह रहे थे। इसके लिए अभी दो से चार यूनिट तक खून की आवश्यकता होगी।'
पुलिस नाकामी छिपाने के लिए करा रही इलाज
अर्शलान के साथ हुई घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। इस घटना के बाद पुलिस उपायुक्त पश्चिमी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया है। सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है। इधर पुलिस अपनी निगरानी में अर्शलान का इलाज कराने में जुटी है। फातिमा की मां के साथ एक दारोगा की भी ड्यूटी लगा दी गई है।
पुलिस उपायुक्त ने किया घटना स्थल का निरीक्षण
पूरी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपायुक्त पश्चिमी विजय ढुल ने घटनास्थल पर खुद जाकर निरीक्षण किया। जांच के दौरान यह आरोप सही पाया गया कि सब्जी विक्रेता का तराजू रेलवे लाइन पर फेंका और उसे बेरहमी से पीटा था। इसके चलते उन्होंने तत्काल प्रभाव से हेड कॉन्स्टेबल राकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया। साथ में मौजूद दारोगा की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
मामले की जांच क्षेत्राधिकारी को सौंपी
इस पूरी मामले में पुलिस उपायुक्त पश्चिमी ने पूरी जांच क्षेत्राधिकारी कल्याणपुर विकास पांडेय को दी है। इधर, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो रेलवे स्टेशन या रेलवे ट्रैक के किनारे होने वाले अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी रेलवे के प्रवर्तन दल की है। जबकि सड़क पर होने वाले अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। बड़ी संख्या में अतिक्रमण हटाने के लिए क्षेत्रीय पुलिस से पत्राचार कर सहायता मांगी जाती है। अतिक्रमण हटाना पुलिस का कार्य नहीं है। जाम की समस्या होने अथवा ऊपर से दबाव पड़ने पर क्षेत्रीय पुलिस को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में छोटे पुलिसकर्मी अधिकारियों के दबाव में आकर आक्रामक हो जाते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्देशक ने की मदद
इस घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी ने पीडि़त परिवार से सम्पर्क किया। विनोद कापड़ी ने पीडि़त परिवार को 21 हजार रुपए की सहायता दी। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर अर्शलान की मदद करने की अपील भी की।
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