लखनऊ। यूपी के मैनपुरी जिले की एक ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित प्राइमरी स्कूल को जाने वाला रास्ता (कच्चा चकरोड) 15 साल गुजर जाने के बाद भी पक्की सड़क में तब्दील नहीं हो सका है। वाहनों की आवाजाही से क्षतिग्रस्त हुआ रास्ता बारिश के दिनों में कीचड़ से भर जाता है। रास्ते पर चलते हुए कई बार बच्चे गिरगर चोटिल हो चुके हैं। स्कूल में आस-पास के कुल 8 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। सड़क निर्माण नहीं होने के कारण बच्चों का नामांकन घट रहा है।
एक क्षेत्रीय ग्रामीण ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी। ग्रामीण का आरोप है कि सेक्रेटरी ने इस मामले में सीएम योगी पोर्टल पर गलत आख्या लगा दी। सेक्रेटरी ने अपनी आख्या में बताया कि उक्त स्थान पर मनरेगा का काम चल रहा है, जबकि ग्रामीणों का कहना है ऐसा कोई काम नहीं चल रहा। इस बात को लेकर सेक्रेटरी और ग्रामीण का ऑडियो भी वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में सेक्रेटरी गलत आख्या लगाने की बात भी कबूल कर रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
यूपी के मैंनपुरी जिले में रचौदा ग्राम पंचायत आती है। इस ग्राम पंचायत में एक प्राइमरी स्कूल बना हुआ है। एक क्षेत्रीय ग्रामीण ने द मूकनायक को सारे कागजात दिखाते हुए स्कूल में 15 साल से सड़क नहीं होने की समस्या बताई। कागजों और तस्वीरों को दिखाते हुए ग्रामीण ने बताया कि रचौदा ग्राम पंचायत के प्राइमरी स्कूल में 8 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। वर्तमान समय में स्कूल में छात्रों की संख्या घटकर 50 हो गई है। इसका मुख्य कारण सड़क निर्माण नहीं होना है।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में सड़क की स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है। बच्चे साइकिल से स्कूल तक नहीं जा सकते हैं। कई बार इस खराब सड़क के कारण बच्चे दुर्घटना का शिकार भी हुए हैं। खराब रास्ता होने के कारण चलना दूभर हो जाता है। बच्चों के पांव में कांटे घुस जाते हैं।
भारी वाहनों के कारण रास्ता खराब
ग्रामीण ने बताया कि चकरोड लंबे समय से मिट्टी की है। बारिश में यह फूल जाती है। मिट्टी फूलकर फिसलन वाली हो जाती है। इस पर दोपहिया वाहन और साइकिल चलाना मुश्किल हो जाता है। भारी वाहन और ट्रैक्टर गुजरने से मिट्टी की सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं। इन गड्ढों में पानी भर जाता है। गड्ढों की गहराई पता नहीं होने के कारण कईं बच्चों को चोट भी लग चुकी है।
अधिकारी नहीं करते सुनवाई
ग्रामीण ने बताया कि कई बार गांव के लोगों ने समस्या के बारे में अधिकारियों से शिकायत की है। कोई सुनवाई नहीं हुई। लगभग 15 सालों से सड़क का यही हाल है। रचौदा के प्राइमरी स्कूल में पहले बच्चो की संख्या ज्यादा थी। इसमें कुल 8 गांव के बच्चे पढ़ते हैं। अब यह संख्या घटकर लगभग 50 के करीब पहुंच गई है। सड़क खराब होने के कारण बच्चों ने स्कूल आना बन्द कर दिया है।
उच्चाधिकारियों को किया गुमराह
ग्रामीण का आरोप है कि सड़क की समस्या को लेकर सबने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की थी। वहीं इस मामले में सेक्रेटरी ने गलत आख्या लगाकर अधिकारियों को गुमराह कर दिया है। इस पूरे मामले में एसडीएम किशनी को फोन और मैसेज के जरिये सम्पर्क किया गया। एसडीएम पूरे मामले में जवाब देने से बचते नजर आए। जिलाधिकारी मैनपुरी को सम्पर्क किया गया। जिलाधिकारी ने फोन नहीं उठाया। खबर लिखने तक दोनों अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिल सका।
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